| Monday, 28 May 2012 10:23 |
अरुण कुमार त्रिपाठी लेकिन जो नरेंद्र मोदी कभी लालकृष्ण आडवाणी के रथ को सोमनाथ से अयोध्या लेकर गए थे और फिर उन्होंने 2002 में उसकी नई पताका फहराई, वे ही अब हिंदुत्व के रथ को अयोध्या से अमदाबाद ले जाना चाहते हैं। वडोदरा ले जाना चाहते हैं। वे वहां का विकास दिखाना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि किस तरह सिंगूर और नंदीग्राम से भगाए गए उद्योग वहां आए और किस तरह उन्होंने सूखे पर नियंत्रण किया जिसे महाराष्ट्र और देश के दूसरे राज्य काबू नहीं कर पाए। अगर वे उस रथ को सोमनाथ ले भी जाना चाहते हैं तो उस सोमनाथ, जिसके ब्रांड अंबेसडर अमिताभ बच्चन हैं, न कि वह सोमनाथ जहां गजनी ने हमला किया था। वे लगातार विजय और विकास की भाषा बोल रहे हैं, न कि उत्पीड़न और प्रताड़ना की। वे गुजरात को विकास का मॉडल बना कर पेश कर रहे हैं। इसी से वे भी ब्रांड बने हैं और तभी अमेरिका की टाइम पत्रिका उन्हें 'काम करने वाला आदमी' बता कर अपने आवरण पर छापती है। मोदी गुजरात के आर्थिक विकास को पूरे देश में मॉडल बना कर पेश कर रहे हैं बिना यह समझे हुए कि देश महज गुजरात नहीं है। यही कारण है कि आर्थिक मामलों पर लालकृष्ण आडवाणी की भाषा उनसे अलग है और वे कहते हैं कि भाजपा को अब एक योजना बना कर राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को दिशा देनी चाहिए। लोग बहुत दिक्कत में हैं। वे हमारी तरफ उम्मीद से देख रहे हैं, हमें उनकी उम्मीदों को पूरा करना चाहिए। देश का कांग्रेस-विरोधी मानस उसे मौका दे रहा है और उसे इसका फायदा उठाना चाहिए। भाजपा में मोदी युग के आरंभ होने से कांग्रेस में इस बात पर खुशी है कि चलो अब तृणमूल कांग्रेस उसकी तरफ ज्यादा आकर्षित नहीं होगी और जनता दल (एकी) जैसी पार्टियां भी दूरी बनाएंगी। इस तरह उसे अपनी धर्मनिरपेक्षता दिखा कर जहां वाममोर्चा के हमले को कुंद करने में मदद मिलेगी वहीं यूपीए के भीतरी और बाहरी घटकों को बांधने में और सुविधा होगी। मोदी से अल्पसंख्यकों की नाराजगी का आलम तमाम राजनीतिक दल गुजरात की तारीफ करने के बाद दारुल उलूम देवबंद के कुलपति वस्तानवी के हश्र के तौर पर देख भी चुके हैं। लेकिन कांग्रेस यह भूल रही है कि मोदी हिंदुत्व ही नहीं उदारीकरण के भी आक्रामक पैरोकार हैं। कांग्रेस अगर उदारीकरण पर धीमी चाल चलती है तो कॉरपोरेट लॉबी ही नहीं मध्यवर्ग का भी बाजारवादी हिस्सा उससे कटता है और अगर तेज चलती है तो सामान्य जनता के साथ तमाम राजनीतिक दल उसके विरोध में खड़े हो जाते हैं। इस बीच भ्रष्टाचार-विरोधी और लोकपाल-समर्थक आंदोलन खडेÞ हो जाते हैं या खडेÞ किए जाते हैं जो मोदी को आदर्श बताते हैं। भाजपा इन दोनों मौकों को लपकने के लिए तैयार बैठी है। लेकिन पार्टी का नेतृत्व हथिया लेने वाले मोदी यह भूल रहे हैं कि इस देश में राष्ट्रीय और क्षेत्रीय नेतृत्व का विचित्र विभाजन रहा है। राष्ट्रीय नेतृत्व की क्षेत्रीय जड़ें कमजोर भले हुई हों और वह समाप्त भी हो गया हो लेकिन किसी क्षेत्रीय नेता को अब तक राष्ट्रीय नेता बनते देखा नहीं गया। वह राष्ट्रीय दबाव भले बना ले जाता हो और हो सकता है कि देवगौड़ा की तरह कभी प्रधानमंत्री भी बन जाता हो लेकिन एक अखिल भारतीय प्रभाव नहीं छोड़ पाता। मोदी अगर राष्ट्रीय नेता बनने में सफल होते हैं तो भाजपा के भीतर ही नहीं, बाहर भी, राष्ट्रीय राजनीति में नए तरह का रूपांतरण होगा। मोदी का बहाना लेकर तमाम पिछडेÞ नेता कांग्रेस में अपनी अहमियत बढ़ाने का दबाव बनाएंगे। यानी अब हिंदू बनाम हिंदू यानी उदारता और कट्टरता की लड़ाई सवर्ण और अवर्ण के बीच नहीं, अवर्णों के बीच ही लड़ी जाएगी। सांप्रदायिकता और धर्मनिरपेक्षता दोनों उनके हथियार हैं। ऐसे में अपना महत्त्व खोती जा रही और भाजपा से काफी उम्मीद पाले रही सवर्ण राजनीति भी अण्णा हजारे और रामदेव के साथ मिल कर कुछ कर सकती है। मंडल आयोग की रपट लागू होने के बाद उसने उदारीकरण और मंदिर आंदोलन को अपना हथियार बनाया था। पर अब वे हथियार उसके हाथ से निकल चुके हैं। देखना है संघ परिवार उसे सत्ता में हिस्सेदारी देता है या प्रचारक बना कर छोड़ देता है। या कांग्रेस पार्टी उसके लिए कोई भूमिका तैयार करती है। क्योंकि वह हिंदुत्व के नए सवार की पालकी ढोने से हिचक रहा है और सवारी उसे मिलने से रही। |
This Blog is all about Black Untouchables,Indigenous, Aboriginal People worldwide, Refugees, Persecuted nationalities, Minorities and golbal RESISTANCE. The style is autobiographical full of Experiences with Academic Indepth Investigation. It is all against Brahminical Zionist White Postmodern Galaxy MANUSMRITI APARTEID order, ILLUMINITY worldwide and HEGEMONIES Worldwide to ensure LIBERATION of our Peoeple Enslaved and Persecuted, Displaced and Kiled.
Monday, June 18, 2012
हिंदुत्व की पालकी के नए सवार
http://www.jansatta.com/index.php/component/content/article/20357-2012-05-28-04-58-26
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