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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Sunday, July 7, 2013

किरचों से जान बचें तब पकड़ें उड़ान!

किरचों से जान बचें तब पकड़ें उड़ान!


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


देश दुनिया के दूसरे हवाई अड्डों में ऐसा होता है या नहीं मालूम,लेकिन कोलकाता के नेताजी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के नये टर्मिनल में घुसने से पहले या निकलने से पहले आपको हर वक्त सावधान रहना होगा।आतंकवादी हमले का डर हो या न हो,आप पर किरचों की बौछार कभी भी संभव है याफिर आपके स्वागत में जमीन पर बिछी हो सकती है किरचों का चादर।


यात्री सेवा के लिए बेहद बदनाम इस हवाई अड्डे में निजीकरण के खिलाफ सत्तापक्ष के हेवीवेट नेता सांसद सौगत राय के नेतृत्व में कर्मचारी फोरम आंदोलन पर है।


इस नये टर्मिनल में लगे कांच अब तक एक दो बार नहीं,एक सौ अस्सी बार टूटकर गिर चुके है।निर्माणाधीन अवस्था से कांचका टूटते जाना इस टर्मिनल की खासियत बन चुकी है।


हालत यह है कि टर्मिनल चालू है और ऊपर बेहद खतरनाक ढंग से कांच लटके हुए हैं जो कभी भी गिर सकते हैं।शनिवार को ेक ऐसा ही कांच पूरे डेढ़ हफ्ते तक खतरनाक ढंग से झूलते रहने के बाद गिर गया। गनीमत है कि किसी के सिर पर नहीं गिरा। तीन बजे यह हादसा हुआ। किरचें हटायी बी नहीं जा सकी कि डेढ़ घंटे के बीतर दूसरा कांच टूटकर गिरा। य़ह सिलसिला खत्म होने का नाम ले नहीं रहा है।


टर्मिनल चालू होने का बाद कांच गिरने की बीस घटनाएं हो चुकी हैं। निर्माणाधीन अवस्था में जो 160 बार कांच गिरने का रिकार्ड है, यह सिलसिला बंद न हुआ तो वह भी देर सवेर टूटने वाला है।


टर्मिनल के अधिकारियों ने पूछने पर बताया कि इस सिलसिले में जांच चल रही है।आम याकत्री अब खैर मनायें कि जल्द से जल्द यह जांच की खिचड़ी पक जायें ताकि कांच टूटने का सिसिला बंद हो और उड़ान पकड़ने से पहले अपनी जान बचाने की कसरत से बचा जा सकें।


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