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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, April 10, 2015

घ्याळ दा इतना कुखुड़ किलै खरीदणो च ?

 घ्याळ दा इतना कुखुड़ किलै खरीदणो च ?


                                 चबोड़्या स्किट संकलन :::   भीष्म कुकरेती 



[पत्थर नेपथ्य से नेता जीक आवाज आणि च ]

नेता जी - गढ़वाळ मा गोभी की खेती विकास का बाद अब बारी च पोल्ट्री फ़ार्म की।  हरेक गढ़वळि तै पोल्ट्री फार्मिंग करण चयेंद।  पोल्ट्री फार्मिंग ही गढ़वाळ से पलायन बंद कराल। 

घ्याळ दा [ स्वतः ]- हूँ ! नेता जी बुलणा छन तो बात मा दम  होलु। समिण पर कुखुड़ूँ दूकान च मि कुखुड़ खरीददु अर पोल्ट्री फार्मिंग शुरू करद। 

घ्याळ दा [कुखुड़ विक्रेता से ] - पांच कुखुड़ दे 

[घ्याळ दा कुखुड़ लिजाँद ]

चौथु दिन 

घ्याळ दा [कुखुड़ विक्रेता से ] - पांच कुखुड़ दे

[घ्याळ दा कुखुड़ लिजाँद ]

अठों दिन 

घ्याळ दा [कुखुड़ विक्रेता से ] - पांच कुखुड़ दे

[घ्याळ दा कुखुड़ लिजाँद ]


बारौं दिन 

घ्याळ दा [पुछेर /बक्कि से ] ये काका जरा मेरी बाक बोलि दे ]

पुछेर /बक्की -क्या ह्वाइ तू त द्यौ दिबतौं पर विश्वास करदो इ नि छौ ?

घ्याळ दा- अरे दस कुखुड़ , मोळ का साथ खड़्यार देन पर कुखुड़ूं फसल इ नि उगणी च ! 

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