| Thursday, 05 April 2012 17:59 |
डीओएस ने आरटीआई के तहत एक अलग प्रावधान का उल्लेख करते हुए फिर से नायर को फाइल नोटिंग समेत जानकारी देने से मना कर दिया है। अंतरिक्ष विभाग ने अब कहा है कि चूंकि मामला कैट के समक्ष लंबित है तो ब्योरा नहीं दिया जा सकता। नायर ने पीटीआई से कहा, ''उन्होंने एक सामान्य सा जवाब दे दिया कि मामला कैट के समक्ष है इसलिए कोई जानकारी नहीं दी जा सकती। अब उन्होंने अदालत के मामले की शरण ली है।'' नायर ने कैट, कोच्चि के समक्ष भी याचिका दाखिल करते हुए अनुरोध किया था कि दंडात्मक कार्रवाई पर 13 जनवरी के आदेश को रद्द कर दिया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि यह कार्रवाई गैरकानूनी है और प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया। नायर के साथ तीन अन्य वैज्ञानिकों के खिलाफ कार्रवाई की गयी जिनमें इसरो में पूर्व वैज्ञानिक सचिव ए. भास्करनारायण, एंट्रिक्स के पूर्व प्रबंध निदेशक केआर श्रीधरमूर्ति और इसरो उपग्रह केंद्र के पूर्व निदेशक केएन शंकर हैं। |
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Thursday, April 5, 2012
डीओएस ने नायर को आरटीआई के तहत सूचना देने से फिर किया इनकार
डीओएस ने नायर को आरटीआई के तहत सूचना देने से फिर किया इनकार
बैंगलूर, पांच अप्रैल (एजेंसी) अंतरिक्ष विभाग ने इसरो के पूर्व प्रमुख जी. माधवन नायर को एक बार फिर से इस बारे में जानकारी देने से मना कर दिया है कि विवादास्पद एंट्रिक्स..देवास समझौते के सिलसिले में उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई क्यों की गयी। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए नायर ने कहा कि कुछ संदेह की स्थिति है।
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