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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, February 26, 2010

तिलस्मी खूनी बजट पेश किया ब्राह्मण शि...

 
तिलस्मी खूनी बजट पेश किया ब्राह्मण शिरोमणि अमरीकी गुलाम वित्तमंत्री प्रणव ने बाजार के लिए। पूंजीपतियो को मुनाफा को एकतरफा इंतजाम। आम आदमी पर करों का बोझ। विदेशी कंपनियों को नरसंहार की खुली छूट। बेलगाम भूमि अधिग्रहण, दमन और विसथापन, नागरिकता अपहरण। प्रोमोटर बिल्डर रियल्टी सेक्टर को भरपूर मजा। शेयर बाजार मे उछाला। पब्लिक प्राइवेट इकानामी और विदेशी नियंत्रण। बजट घाटा, विततीय अनुशासन और विकास दर का सफेद झूठ। डीरेगुलेशन। विनिवेश और निजीकरण।
 
पलाश विश्वास
 
 

रक्षा बजट 13 हजार करोड़ बढ़ा

प्रभात खबर - ‎4 घंटे पहले‎
नयी दिल्ली : सरकार ने रक्षा बजट में करीब तेरह हजार करोड़ रुपये की कुल बढ़ोतरी की है. 2010-11 में देश की सुरक्षा का खर्च बढ़ा कर एक लाख 47 हजार 344 करोड़ रुपये कर दिया है. इसमें 60 हजार करोड़ रुपये नये उपकरणों की खरीदारी के लिए रखे गये हैं. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने पिछले बजट के मुकाबले प्रावधान में 5774 करोड़ रुपये की बढ़ोतरी करते हुए आश्वासन दिया है कि सैन्य बलों के आधुनिकीकरण के लिए जरूरत पड़ने पर सरकार और भी राशि देने का तैयार रहेगी. ...
खास खबर - एनडीटीवी खबर - हिन्दुस्तान दैनिक
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मोटी कमाई तो टैक्स छूट की मोटी मलाई
26 Feb 2010, 1850 hrs IST, / Ethindi.com

मोटी कमाई तो टैक्स छूट की मोटी मलाई

अब 1 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा और 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 परसेंट टैक्स लगेगा....

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Expand  Collapse  बाजार, इकॉनमी, रेल बजट अपडेट

यहां देखिए: कितना कम हुआ आपका टैक्स
26 Feb 2010, 1709 hrs IST,Ethindi.com

बजट में टैक्स रेट में भारी बदलाव किया गया है। इस खबर को क्लिक करके जानिए आपके टैक्स स्लैब में क्या बदलाव आया है। आपका टैक्स कैलकुलेटर

आम बजट 2010: जानिए क्या-क्या हैं खास बातें
26 Feb 2010, 1108 hrs IST,Ethindi.com

बजट 2010-11 में फूड सब्सिडी पर ज़ोर देने और सोशल सेक्टर में सुधार प्राथमिकता के आधार पर रहने की बात के अलावा, क्या हैं खास बातें...

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http://hindi.economictimes.indiatimes.com/

तिलस्मी खूनी बजट पेश किया ब्राह्मण शिरोमणि अमरीकी गुलाम वित्तमंत्री प्रणव ने बाजार के लिए। पूंजीपतियो को मुनाफा को एकतरफा इंतजाम। आम आदमी पर करों का बोझ। विदेशी कंपनियों को नरसंहार की खुली छूट। बेलगाम भूमि अधिग्रहण, दमन और विसथापन, नागरिकता अपहरण। प्रोमोटर बिल्डर रियल्टी सेक्टर को भरपूर मजा। शेयर बाजार मे उछाला। पब्लिक प्राइवेट इकानामी और विदेशी नियंत्रण। बजट घाटा, विततीय अनुशासन और विकास दर का सफेद झूठ। डीरेगुलेशन। विनिवेश और निजीकरण। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए पेश किए गए आम बजट में पेट्रोल, डीजल और कच्चे पेट्रोलियम पर बुनियादी कर बहाल किए जाने तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर एक-एक रुपये की वृद्धि किए जाने के बाद शुक्रवार को आधी रात से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं।
 
प्रणव के बजट भाषण में डायरेक्ट टैक्स कोड आगामी वित्त वॆष मे लागू करके बीमा, भविष्य निधि, बचत, ग्रेच्युटी पर डाका डालने की तैयारी है, जिसका खुलासा नहीं हुआ।
 

सर्विस टैक्स के दायरे में सेवाओं को लेकर रिसोर्समोबिलाइजेशन का इंतजाम है।कार खरीदना अब और महंगा सौदा साबित होगा क्योंकि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने कारों पर केन्द्रीय उत्पाद शुल्क बढ़ाकर दस प्रतिशत करने के बाद प्रमुख कार निर्माताओं ने कीमतों में लगभग 25 हजार रूपये तक की बढोतरी की बात की है । देश की सबसे बडी कार कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया ने कहा कि उसकी कार दो प्रतिशत तक महंगी होगी जबकि हुंदै मोटर इंडिया ने कहा कि उसकी कार की कीमतों में 6500 से 25 हजार रूपये तक की औसत बढ़ोतरी होगी ।
 

एफडीआई पालिसी ३१ मार्च को जारी हैगी अलग से। जब करों से पूंजीपतियों को बचाने का इंतजाम हो और राजस्व में २७हजार करोड़ का घाटा हो, तब संसाधन जुटाने के लिए विदेशी पूंजी, ॠिदेशी निवेशक संस्थाओं. खुला बाजार और विदेशी कर्ज के अलावा क्या राह बचती है?


विदेशी पूंजी निवेश को आसान बनाया जा रहा है। संसद को बाईपास करके पहले ही एइडीआई सीलिंग खत्म कर दी गयी है। रक्षा मंत्री ने सुरक्षा तकनीक में भी विदेशी कंपनियों और एमएनसी को खुला न्यौता दिया हुआ है। प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकारों ने परमाणु ऊर्जा के निजीकरण का सुझाव गदिया हुआ है। अब विदेशी पूंजी के रास्ते के सारे अवरोधक हटाए जाने हैं। टेकनालाजी आथोरिटी का चेयरमैन यूनिक आइडेंटिटी की ब्राह्मन टीम के मुखिया इनफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकानी को बनाया गया है, जो पहले ही कह चुके हैं कि सहज साठ करोड़ लोगो को अनोखी पहचान संख्या मिलेगी। आदिवासी, शहरी गरीब औप बंगाली शरणार्थी नागरिकता के हकदोर नहीं होंगे।

सेज को प्रोत्साहन जारी। कैमिकल हब, फरमाणु बिजली घर, खानों,कोरखानों, रीटेलचेन, फूड चेन, फूड प्रोसेसिंग, शापिंग मास, मल्चीप्लेक्स,इंफ्रास्ट्रक्चर, ग्रामीण विकास ढांचा. सड़क रेलवे नेटववर्क, शहरीकरण, औद्यौगीकरण, आदि के बहाने खुला आक्रमणहोने वाला है आदिवासियों, शरणाथ्रियों, एससी, एसटी अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ , जिन्हे जल, जंगल, जमीन, आजीविका और जीवन से बेदखल किया जाना है नक्सलवादी, माओवादी, आतंकवादी और विदेशी  घुसपैठिया बताकर। ऱक्षा बजट और आंतरिक सुरक्षा बजट में इसका पूरा इंतजाम किया गया है।
 
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को लोकसभा में 2010-11 के लिए पेश किए गए आम बजट [^]पर मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बजट को जमकर सराहा, वहीं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), वाम दल, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और समाजवादी पार्टी (सपा) सहित सभी विपक्षी दलों ने जहां इसे 'जन विरोधी' करार दिया, वहीं कांग्रेस ने इसे सुधार की प्रक्रियाओं को समेकित करने वाला और आधारभूत संरचनाओं को मजबूत बनाने वाला करार दिया है।

 

सरकारी संस्थाओं, पीएसयू और सेवाओं के निजीकरण से अगले वॆष २५ हजार करोड़ रूपए वसूलने का लक्ष्य है, जबकि पूंजीपतियों को जारी सालाना सवा चार लाख करोड़ का स्चीमुलस  में कितना रोल बैक हुआ, प्रणव ने नहीं बताया, रोल बैक के हंगामे के बावजूद। डायरेक्ट टैक्स में संपन्न वर्ग को छुआ तक नहीं गया। आयकर श्लैब का विस्तार करके पांच लाख और आठ लाख आय वॆग को राहत दी गयी है , जबकि आयकर से तीन लाख आय तक कोई राहत नहीं है। वहीं पूंजीपतियो को मुनाफा में साठ लाख तक की छूट दी गयी है। प्रोफेसनल यानी सिविल सोसाइटी को १५ लाख तक की।
 
अप्रत्यक्ष करों की घोषणा करते वक्त पेट्रोल डीजल के दामों में बढ़ोतरी की घोषणा होते ही आर्थिक कत्लेआम की नीतियां पारित कराने में खामोश सहघागी हिंदुत्व लाबी बाहमणों की अगुवाई में एकजुट हगोकर नौटंकी में लग गई। वाक आउच हो गया।
 
मुलायम, लालू, वामपंथी सब सुषमा ब्राह्मणी के सीथ खड़े हो गया ताकि हिडन एजंडा का कानोंकान खबर न होऍ मीडिया ने भी इसी को फोकस बना दिया और वित्तीय नीति. वित्तीय रणनीति, बाजार, एफडीआई विनिवेश विस्थापन दमन नरसंहार को नजरअदाज कर दिया।
 
 विपक्षी दलों ने पहली बार आम बजट पेश किए जाने के दौरान शुक्रवार को लोकसभा से वॉकआउट कर दिया। महंगाई के मामले को लेकर सत्र की शुरुआत से ही नाराज विपक्षी दल वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के पेट्रोल, डीजल पर एक रुपए एक्साइज ड्यूटी लगाने के प्रस्ताव को सुनते ही भड़क गए। स्पीकर और वित्त मंत्री की शांत होने की अपील को अनसुना करते हुए उन्होंने नारेबाजी और हंगामा जारी रखा।
 

पाइनेंसियल लेजिजलेशन कमीशन बनाया गया है रेगुलेशन के लिए जबकि खुला बाजार में सबकुछ खुल्ला खेल फर्रूखाबादी है, जहां कोई रेगुलेशन नहीं हैऍ। और तो और, सट्टा और चिटफंड को रेगुलाइज करने का भी इंतजाम हो गया । शेयर बाजार बल्ले बल्ले है।

यह बजट पूरी तरह बाजार की ताकतों के दबाव में विदेशी निर्देशन में बना, मीडिया ने जिसके लिए हवा बनाई। ऱाष्ट्रपति के अभिफभाषण में और पिर आर्थिक सॆवे में इसी सत्यानाश के संकेत थे।
 
गंदी बस्तियों को हटाले के लिए  सात सौ गुणा राशि बढाई गई है और इनफ्रास्ट्रक्चर के लिए एक ळाख थेहत्त्र करोड़ रूपए। इसका मतलब सीधे बिल्डरों. फ्रोमोटरों को चांदी। श्वास्थ्य और शिक्षा के पूरा निजीकरण। मनरेगा जैसे तमाम फ्लैगशिप कार्यक्रम एनजीओ प्राइवेट  पब्लिक।  बाजार के लिए सामाजिक कार्यक्रम। एलपीजी माफिया की चांदी।
 
योजना आयोग के सदस्य डा. स्वामीनाथन, लोकसत्ता के स्तंभकार अर्थशास्री एसएस यादव, कॆनल सिद्धार्थ वर्वे और मूलनिवासी बामसेफ अध्यक्ष वामन मेश्राम से इस सिलसिले में हमारी लगातार बात हुई और आम तौर पर यह सहमति हुई कि इस साजिस के पर्दाफाश करके आम जनता को दागरुक बनाने का अभियान तत्काल छेढड़ देना अब सबसे जरूरी है।

 

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने लोकसभा में वर्ष 2010-11 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि देश में अप्रैल-दिसंबर, 2009 के दौरान 20.9 अरब डालर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश [एफडीआई] हुआ।
 

सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश व्यवस्था को सरल बनाने के लिए कई उपाय किए हैं ताकि यह विदेशी निवेशकों को आसानी से समझ में आ सके। पहली बार स्वामित्व एवं नियंत्रण को प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति के मुख्य भाग के रूप में मान्यता दी गई है।

 

सरकार ने मूल्य निर्धारण एवं प्रौद्योगिकी अंतरण शुल्क, ट्रेड मार्क, ब्रांड नाम और रायल्टी का भुगतान पूरी तरह से उदार बनाने की पहल की है। इन भुगतानों को अब अनुमोदित मार्ग के तहत किया जा सकता है।
 
बजट में अप्रत्यक्ष कर को 8 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी, खासकर पेट्रोलियम पदार्थो में उत्पाद शुल्क बढ़ाने को लेकर अपनी प्रतिक्रिया में इंफोसिस ने कहा है कि इससे महंगाई और बढ़ेगी जो गंभीर चिंता का विषय है। इसके साथ ही बजट में आईटी क्षेत्र की अनदेखी पर भी इंफोसिस से दुख प्रकट किया है।

इस बारे में इंफोसिस ने निदेशक मोहन दास पाई ने कहा कि इससे उत्पादों की कीमतें बढ़ेगी, इससे लागत प्रभावित होगी और इससे पूरी अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचेगा। पाई ने कहा कि इससे स्थानीय उद्योग काफी प्रभावित होंगे क्योंकि उत्पादों का आयात करना सस्ता होगा।

पाई ने कहा कि न्यूनतम वैकल्पिक कर [मैट] में बढ़ोत्तरी से बड़ी कंपनियां उतनी प्रभावित नहीं होती लेकिन छोटे और मझोले कंपनियों पर इसका बहुत असर पड़ेगा। विशेषकर आईटी सेक्टर को इसका सबसे अधिक खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

उधर इनफोसिस के अध्यक्ष गोपालकृष्णा का मानना है कि एक्साइज कर में बढ़ोत्तरी मुद्रास्फीति पर प्रतिकूल असर डाल सकता है। गोपालकृष्ण और पाई दोनों ने बजट में कालेजों में योग्यता के विकास के लिए फंड की व्यवस्था नहीं किए जाने को लेकर नाखुशी जताई है। दोनों ने कहा कि ज्ञान क्षेत्र के विकाश पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए था। पाई ने कहा कि बजट में आईटी सेक्टर का जिक्र तक नहीं किया गया।


भारत के वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी से कई तरह की उम्मीदें लगाए बैठा बाज़ार शुक्रवार को बढ़त के साथ खुला. वित्त मंत्री शुक्रवार को लोकसभा में साल 2010-11 के बजट प्रस्ताव पेश कर रहे हैं.

बाम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) का सूचकांक शुक्रवार सुबह 54 अंक की बढ़त दिखाते हुए 16,318 पर खुला. इस तरह नेशनल स्टॉक एक्सचेंज़ का निफ़्टी भी 19 अंक की तेज़ी दिखाते हुए 4878 पर खुला.

वित्त मंत्री ने भारतीय समयानुसार 11 बजे बजट भाषण पढ़ना शुरू किया और 11 बजकर 14 मिनट पर बीएसई का सूचकांक क़रीब 102 अंक की बढ़त दिखाता हुआ 16,356 अंक पर था.

दोपहर 12 बजे बीएसई का सूचकांक 82.61 फ़ीसदी की बढ़त दिखाते हुए 16336 पर था और दोपहर साढ़े बारह बजे यह 299 अंक की बढ़त के साथ 16,553 पर था. बाज़ार विश्लेषकों का मानना है कि शुक्रवार को बाज़ार का उतार-चढ़ाव वित्तमंत्री के बजट भाषण के साथ-साथ उपर-नीचे हो रहा है. इस पर दुनिया के अन्य बाज़ारों का असर बहुत कम देखने को मिलेगा.

इस दौरान उर्जा, सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के शेयरों में उतार-चढ़ाव आते रहे. वहीं रिलायंस इंडस्ट्रीज, बीपीसीएल और एचपीसीएल के शेयरों में क़रीब दो फ़ीसदी की बढ़त देखी गई. धातु क्षेत्र के हिंडाल्को, सेल और स्टरलाइट के शेयरों में भी ख़रीद-फ़रोख़्त हुई.
 
होली में भले ही अभी तीन दिन बचे हों, लेकिन सदन में पेश आम बजट से उत्साहित दलाल स्ट्रीट के निवेशकों ने शुक्रवार को ही होली मना ली। वित्त मंत्री की घोषणाओं के बीच यहां निवेशकों ने जोरदार लिवाली की। इससे बंबई शेयर बाजार [बीएसई] का सेंसेक्स 175.35 अंक यानी 1.08 प्रतिशत चढ़कर 16429.55 अंक पर बंद हुआ। एक दिन पहले यह 16254.20 अंक पर बंद हुआ था। पिछले बजट पर सेंसेक्स ने 869.65 अंक का गोता लगाया था। इसी तरह नेशनल स्टाक एक्सचेंज का निफ्टी 62.55 अंक यानी 1.29 प्रतिशत की बढ़त के साथ 4922.30 अंक पर बंद हुआ। गुरुवार को यह 4859.75 अंक पर बंद हुआ था।

शुक्रवार को पेश हुए आम बजट में कारपोरेट टैक्स पर अधिभार को 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया गया। इसके अलावा वित्त वर्ष 2010-11 के लिए राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.5 फीसदी रहने के अनुमान व्यक्त किए गए। इन घोषणाओं से उत्साहित निवेशकों ने न्यूनतम वैकल्पिक कर [मैट] में की गई बढ़ोतरी को भी नजरअंदाज कर दिया। तीस शेयरों वाला सेंसेक्स इस दिन 16255.33 अंक पर मजबूत खुला। कुछ ही देर में इसने 16249.67 अंक का निचला स्तर छू लिया। लेकिन इसके बाद ही तेजड़ियों ने बाजार को अपनी गिरफ्त में ले लिया। एक समय तो सेंसेक्स 16669.25 अंक के स्तर पर पहुंच गया था। हालांकि कारोबार के अंतिम सत्र में मुनाफावसूली ने इस बढ़त को कायम नहीं रहने दिया।

एफएमसीजी और आईटी कंपनियों को छोड़कर इस दिन सभी कंपनियों के शेयरों में लिवाली का जोर रहा। इनमें निवेशकों ने सबसे ज्यादा दिलचस्पी आटो, बैंक और मेटल कंपनियों के शेयरों में ली। आटो कंपनियों के शेयरों में तो इस कदर लिवाली हुई कि बीएसई का आटो सूचकांक 4.74 प्रतिशत तक चढ़ गया। सेंसेक्स की तीस कंपनियों में 5 कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ बंद हुए, जबकि 25 कंपनियों के शेयरों में बढ़त दर्ज की गई।

 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बजट [^] पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ये देश को नौ फ़ीसदी विकास दर के पुराने लक्ष्य को हासिल करने की ओर ले जाने में मदद करेगा और एक बेहतर क़दम है.

ये बात उन्होंने सरकारी टेलीविज़न दूरदर्शन पर विशेष चर्चा में कही.

2010-11 के बजट पर प्रधानमंत्री ने कहा कि की़मतों को लेकर वित्त मंत्री ने सही तालमेल बिठाने की कोशिश की है.

उनका कहना था कि प्रत्यक्ष कर कोड को लागू करने का काम 2011 तक टालने से कुछ नुकसान नहीं हुआ है.

मनमोहन सिंह ने उम्मीद जताई कि अर्थव्यवस्था [^] 7.2 फ़ीसदी की दर से बढ़ेगी.

उन्होंने कहा, "कृषि में नकारात्मक विकास दर के बावजूद अर्थव्यवस्था 7.2 के दर से बढ़ती रहेगी बल्कि मुझे तो लगता है कि विकास दर 7.5 फ़ीसदी भी हो सकता है."

प्रधानमंत्री ने वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी की तारीफ़ करते हुए कहा कि ये बेहद अच्छा बजट था. उनकी टिप्पणी थी- जॉब वेल डन यानी काम को अच्छे तरीके से अंजाम दिया.

शुक्रवार को बजट भाषण में प्रणब मुखर्जी ने आर्थिक मंदी [^] [^] से निपटने के लिए दिए गए राहत पैकेज को आंशिक तौर पर वापस लेने का एलान किया वहीं कृषि और सामाजिक क्षेत्र को मज़बूत करने पर ज़ोर दिया है.


सरकार ने प्रोत्साहन पैकेजों की आंशिक वापसी का संकेत देते हुए सभी गैर-तेल उत्पादों पर उत्पाद शुल्क दो प्रतिशत तक बढ़ाकर 10 कर दिया है। वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा कि अर्थव्यवस्था सुधार के पथ पर है।

गौरतलब है कि वैश्विक आर्थिक संकट के प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बचाने के लिए सरकार ने दो चरणों में उत्पाद शुल्क में छह प्रतिशत की कटौती की थी। सरकार द्वारा इसे 14 प्रतिशत से घटाकर आठ प्रतिशत ला दिया गया।

हालांकि, मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के आम बजट में सेवा कर को 10 प्रतिशत के स्तर पर बरकरार रखा है। इसे प्रोत्साहन पैकेजों के तहत 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत पर लाया गया था।

इन कर प्रस्तावों से वस्तु एवं सेवा कर [जीएसटी] को पेश करने में मदद मिलेगी, क्योंकि अब उत्पाद शुल्क एवं सेवा कर दोनों की दर 10 प्रतिशत हो गई है।

यहां दिलचस्प बात यह है कि उत्पाद शुल्क की दर में बढ़ोत्तरी ऐसे समय में की गई है, जब आर्थिक वृद्धि दर तीसरी तिमाही में घटकर छह प्रतिशत पर आ गई जो इससे पहले की तिमाही में 7.9 प्रतिशत थी।

 

वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आम बजट-2010- 11 पेश करते हुए कहा कि हम इकनोमी की रिकवरी को ल
ेकर आश्वस्त नहीं थे इसके बावजूद मंदी का बेहतर तरीके से मुकाबला किया। उन्होंने कहा भारतीय इकनॉमी के सामने अभी भी चुनौतियां बनी हुई हैं और हम इसे दूर करते हुए निकट भविष्य में 10% जीडीपी का लक्ष्य हासिल करेंगे। उन्होंने कहा कि डायरेक्ट टैक्स कोड और जीएसटी 1अप्रैल, 2011 से लागू होगा।

वित्त मंत्री ने बजट में कहा कि टैक्स स्लैब में बदलाव करते हुए मिडिल क्लास को बड़ी राहत दी है। उन्होंने कहा कि इससे 60 % टैक्सपेयर्स को फायदा होगा। अब 1.6 से 5 लाख रुपये तक की इनकम पर 10%, 5 से 8 लाख पर 20% और 8 लाख से ऊपर पर 30% इनकम टैक्स देना पड़ेगा। अगले साल से फिर से सरल-2 फॉर्म उपलब्ध होंगे।
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वित्त मंत्री के मुताबिक सरकार को ग्रामीण इलाकों में साद्य सुरक्षा पर खास ध्यान देना है। सरकार का काम समाज के कमजोर तबके की मदद करना है। प्रणव मुखर्जी ने कहा कि सबसे पहली प्राथमिकता बेहतर सरकार चलाना है। वित्त मंत्री ने खाने पीने की चीजों के बढ़ते दामों पर चिंता जताते हुए इसपर लगाम लगाए जाने की बात कही। उन्होंने सदन को बताया कि सरकार महंगाई पर लगाम लगाने की पूरी कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा वित्त वर्ष में सरकार विनिवेश के जरिए 25 हजार करोड़ रुपये जुटाएगी और इसे सोशल सेक्टर में खर्च किया जाएगा।

टैक्स सिस्टम को आसान बनाने की बात भी उन्होंने कही है और कहा है कि इस बारे में काम चल रहा है। इसके लिए उन्होंने कहा है कि नया टैक्स कोड 1 अप्रैल 2011 से लागू कर दिया जाएगा। प्रणव का कहना है कि अप्रैल 2011 से ही जीएसटी को भी लागू कर दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि स्टिमुलस पैकेज का रिव्यू किए जाने की जरूरत है। प्रणव ने कहा कि सरकारी खर्चों की समीक्षा की भी जरूरत है और 6 महीने के भीतर सरकारी कर्जों में कटौती का रोडमैप तैयार कर लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि सरकार एफडीआई पॉलिसी को और आसान बनाएगी। अपने बजट भाषण में प्रणव ने ग्रामीण इलाकों में फूड सिक्युरिटी मुहैया कराने पर जोर दिया है। इकॉनमी को गति देने के लिए कई कदम उठाए गए हैं।

महंगाई के बारे में उन्होंने कहा है कि खाने के सामान की बढ़ती हुई कीमतें चिंता का विषय हैं और महंगाई पर काबू पाना सरकार का बड़ा मकसद होगा। महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार हरसंभव कदम उठाएगी। पब्लिक डिलीवरी मेकानिज्म को मजबूत किए जाने की बात भी उन्होंने कही।

कृषि क्षेत्र में लोन के लिए 3 लाख 75 हजार रुपये दिए जाएंगे। साथ ही अब समय पर कर्ज चुकाने वाले किसानों को एक के बजाय दो प्रतिशत रियायत मिलेगी। हर रोज़ 20 किलोमीटर नैशनल हाईवे बनाने का लक्ष्य है। रेलवे की सहायता के लिए 16, 752 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा। सोशल सेक्टर में सुधार प्राथमिकता के आधार पर होगा।

मुखर्जी ने कहा खराब मॉनसून के चलते महंगाई बढ़ी है। सरकार की कोशिश होगी कि किसानों को सीधे सब्सिडी दी जाए। उन्होंने बताया कि सरकार खाद पर किसानों को राहत देने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा फॉरेन डाइरेक्ट इन्वेस्टमेंट (एफडीआई)के सिस्टम को भी सरल बनाए जाने की भी बात कही।

उन्होंने कहा कि फूड प्रोसेसिंग के लिए पांच मेगा फूड पार्क बनेंगे। इसके अलावा हर रोज़ 20 किलोमीटर नैशनल हाईवे बनाने का लक्ष्य है। रेलवे की सहायता के लिए 16, 752 करोड़ रुपये का कर्ज देगी सरकार। वित्तमंत्री ने ऐलान किया कि 16, 500 करोड़ रुपये का फंड पब्लिक सेक्टर बैंकों को दिया जाएगा। वहीं, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों को मजबूत करने के लिए अतिरिक्त फंड देने की बात वित्त मंत्री ने कही। मुखर्जी ने निर्यातकों को मंदी की मार से बचाने के लिए और एक साल तक 2 फीसदी की ब्याज छूट देने की बात कही।

सरकार ने शुक्रवार को भरोसा जताया कि उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) और प्रत्यक्ष कर संहिता (डीटीसी) के रूप में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों में सुधार प्रक्रिया एक अप्रैल 2011 से लागू हो जाएगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में कहा कि मुझे भरोसा है कि सरकार एक अप्रैल 2011 से डीटीसी लागू करने की स्थिति में होगी। मेरी पूरी कोशिश होगी कि डीटीसी के साथ जीएसटी को भी एक अपैल 2011 से लागू किया जाए। इसका मतलब है कि जीएसटी के लागू होने में तय समय सीमा एक अप्रैल 2010 से एक साल की देर होगी। डीटीसी जहां आयकर अधिनियम की जगह लेगा वहीं जीएसटी केंद्रीय और राज्य स्तर पर सेवा कर, उत्पाद शुल्क, वैट, चुंगी, अधिभार, और स्थानीय करों की जगह लेगा।

आम बजट: आयकर की सीमा बढ़ी
 
वित्तीय वर्ष 2010-11 के आम बजट में निजी कर दाताओं को राहत दी गई है। इसके साथ-साथ प्रणब मुखर्जी ने निजी कर दाताओं को राहत देते हुए कर आयकर सीमा बढ़ाने तथा अगले आकलन वर्ष के लिए आयकर रिटर्न फार्म का सरल प्रारूप जारी करने की घोषणा की।

निजी करदाताओं के लिए वार्षिक आय पर निम्नलिखित आयकर सीमा का प्रस्ताव किया:
1 लाख 60 हजार : कर से मुक्‍त
1 लाख 60 हजार से 5 लाख रुपए तक आय पर 10 प्रतिशत कर
5 लाख से 8 लाख रुपए तक की आय पर 20 प्रतिशत
8 लाख से अधिक पर 30 प्रतिशत आयकर लगेगा

जबकि इससे पहले वित्‍तीय वर्ष में 1.6 लाख की सालाना आय वाले लोग पहले भी आयकर की जद से बाहर थे। वहीं 1.6 लाख से 3 लाख तक 10 प्रतिशत, 3 से 5 लाख पर 20 प्रतिशत 5 लाख से ऊपर 30 प्रशित कर था। अनुमान है कि नए स्‍लैब से कुल 60 फीसदी करदाताओं को लाभ पहुंचेगा।

पढ़ें- आम बजट 2010 के प्रमुख अंश

बजट में कहा गया है कि दीर्घकालिक इंफ्रास्टक्चर बांड्स में निवेश करने पर 20,000 रुपये तक की छूट मिलेगी। यह राहत आयकर अधिनियम की 80 सी धारा के तहत मिलने वाली 100,000 रुपये की राहत के अतिरिक्त होगी।
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सरकार आयकर रिटर्न दाखिल करने के लिए अगले आकलन वर्ष से ज्यादा आसान प्रारूप "सरल 2" भी जारी करेगी। वेतनभोगी करदाता वर्तमान में आयकर रिटर्न-1 फार्म का इस्तेमाल करते हैं।
 

 

आम बजट में सोने व चांदी पर सीमा शुल्क में बढ़ोतरी की घोषणा के बीच इनमें लिवाली का जोर बढ़ गया। इससे शुक्रवार को स्थानीय सराफा बाजार में इन कीमती धातुओं में 8 महीनों की सबसे तेज बढ़त दर्ज की गई। सोना जहां 300 रुपये उछलकर 17 हजार 10 रुपये प्रति दस ग्राम पर बंद हुआ। वहीं चांदी 750 रुपये भड़ककर 25 हजार 800 रुपये प्रति किलो हो गई।

वित्त मंत्री प्रबण मुखर्जी ने अपने बजट भाषण में सोने पर सीमा शुल्क को 200 रुपये प्रति दस ग्राम से बढ़ाकर 300 रुपये प्रति दस ग्राम करने की घोषणा की। चांदी पर सीमा शुल्क को एक हजार रुपये प्रति किलो से बढ़ाकर डेढ़ हजार रुपये प्रति किलो कर दिया। सीमा शुल्क बढ़ने से इन कीमती धातुओं के दाम बढ़ जाएंगे। इसके चलते निवेशकों और स्टाकिस्टों ने इनमें खूब लिवाली की। इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दामों में आई मजबूती का भी स्थानीय बाजार धारणा पर असर पड़ा। सिंगापुर में सोना 1109.30 डालर प्रति औंस के स्तर पर बोला गया।

स्थानीय सराफा बाजार में इस दिन सोना आभूषण के भाव 300 रुपये सुधरकर 16 हजार 860 रुपये प्रति दस ग्राम पर पहुंच गए। गिन्नी 50 रुपये चढ़कर 14 हजार रुपये प्रति आठ ग्राम के स्तर पर पहुंच गई। चांदी साप्ताहिक डिलीवरी के भाव 760 रुपये भड़ककर 25 हजार 470 रुपये प्रति किलो हो गए। चांदी सिक्का 200 रुपये की बढ़त के साथ 33400-33500 रुपये प्रति सैकड़ा पर बंद हुआ।



प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने आम बजट की सराहना करते हुए कहा है कि यह विकास की गति बनाए रखने और वित्तीय घाटे को समेकित करने की जरूरतों का सही मिश्रण है। उन्होंने कहा, "कुल मिलाकर मेरी यही राय है कि वित्त मंत्री ने विकास की जरूरतों का सही आकलन करने के साथ-साथ कीमतों के मामलों में कुछ हद तक संयम बरता गया है।"

सिंह ने कहा, "आपको बजट से उभर रही पूरी तस्वीर देखनी होगी। भारत जैसे विशाल अर्थव्यवस्था वाले देश में वित्त मंत्री के लिए राजस्व लाभ महज 20,000 करोड़ रुपये था।" प्रधानमंत्री ने कहा, "संसाधन जुटाने वाले इस प्रयास से मुद्रास्फीति का दबाव नहीं बढ़ेगा।"

प्रधानमंत्री ने प्रस्तावित प्रत्यक्ष कर संहिता के बारे में उद्योग जगत का डर भी मिटाने की कोशिश की और कहा कि हितधारकों की सभी आकांक्षाओं पर पहले से विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, "प्रत्यक्ष कर संहिता वृद्धि के प्रभाव, गत्यात्मकता के प्रभाव को मजबूत करने का माध्यम होना चाहिए, लेकिन प्रत्यक्ष कर संहिता के लागू होने में विलंब हो जाने से व्यापारिक समुदाय में कुछ आशंकाएं बढ़ गई हैं।"

विपक्षी दलों ने कड़ी नाराज़गी जाहिर की

उधर, संसद के बाहर विपक्षी दलों के नेताओं ने बजट के खिलाफ एक मंच से बयान दिया। पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में वृद्धि के मुद्दे पर नेताओं ने सरकार को घेरा। इसी मुद्दे पर विपक्ष ने बजट भाषण के दौरान लोकसभा से बहिर्गमन भी किया।

विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने संवाददाताओं से कहा, "यह किसान विरोधी, गरीब विरोधी और जन विरोधी बजट है।" मीडिया के सामने स्वराज के साथ सपा नेता मुलायम सिंह यादव और राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद भी उपस्थित थे। लोकसभा में विपक्ष के उप नेता गोपीनाथ मुंडे ने कहा, "हमें उम्मीद थी कि बजट से लोगों पर महंगाई का प्रभाव कम होगा लेकिन यह किसान विरोधी है। पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि से महंगाई और बढ़ जाएगी।"

पढ़ें- आम बजट 2010 के मुख्‍य अंश

भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता डी.राजा ने कहा कि सरकार ने महंगाई को लेकर कोई ठोस जवाब नहीं दिया। कांग्रेस के प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा बजट मंदी के बाद सुधार की प्रक्रियाओं को समेकित करेगा, आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करेगा और राजस्व में सुधार लाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्ष केवल राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश कर रहा है।

मध्य प्रदेश में कांग्रेस के प्रदेश मंत्री राजा पटैरिया का कहना है कि यह बजट आम आदमी को राहत देने वाला है। आयकर की सीमा बढाने से मध्यम वर्ग को लाभ होगा, किसान, स्वास्थ्य, शिक्षा पर इस बजट में विशेष ध्यान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में इजाफे की वजह अंतर्राष्ट्रीय बाजार है।

वहीं भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष विजेंद्र सिसौदिया ने बजट को गरीब विरोधी और पूंजीपतियों को लाभ पहुंचाने वाला करार दिया। उन्होंने कहा कि इस बजट ने एक बात साफ कर दी है कि सरकार ने इसे पूंजीपतियों के इशारे पर तैयार किया है। यह बजट महंगाई और बढाने वाला होगा।

बिहार में हुई सराहना

बिहार में भी आम बजट की किसी ने सराहना की तो किसी ने इसे महंगाई बढ़ाने वाला बताया। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के महासचिव एवं पूर्व सांसद रामकृपाल यादव ने आम बजट को पूरी तरह महंगाई बढ़ाने वाला बताया। उन्होंने कहा कि बजट में पेट्रोल और डीजल की मूल्य वृद्घि करने से सभी वस्तुओं के दाम बढें़गे, जिससे जरूरी वस्तुएं भी आम लोगों की पहुंच से दूर हो जाएंगी।

बिहार उद्योग संघ के पूर्व अध्यक्ष क़े पी़ झुनझुनवाला ने इसे मिश्रित बजट कहा है। उन्होंने पूवरेतर राज्यों को हरित क्रांति के लिए बजट में विशेष प्रावधान करने, सड़कों पर विशेष जोर देने को सही कदम बताया है तो डीजल के मूल्य में वृद्घि की कड़ी आलोचना की है। स्टील और सीमेंट जैसी आवश्यक वस्तुओं को भी महंगा करने को वह सही नहीं मानते।

बुंदेलखंड को पैकेज पर खुशी

आम बजट पर उत्तर प्रदेश में भी मिली-जुली प्रतिक्रिया हुई है। बुंदेलखंड को अलग से धन आवंटित करने के साथ-साथ कृषि और ग्रामीण क्षेत्र पर सरकार के मेहरबान होने से जहां लोगों में खुशी है वहीं आय कर सीमा में शुरुआती स्तर पर मामूली राहत मिलने से लोग थोड़े निराश हैं।
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रायबरेली के प्रगतिशील किसान संतराम मौर्या कहते हैं कि बजट में किसानों का ख्याल रखा गया है। राज्य के सबसे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड के विकास के लिए 1200 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव सराहनीय है। वित्त मंत्री ने बजट में 'इंडिया' से ज्यादा भारत पर ध्यान दिया है। बजट में ग्रामीण, कृषि और शिक्षा के क्षेत्र के लिए काफी कुछ किया गया है।

पेट्रोल-डीजल महंगा, आयकर में राहत

Feb 26, 11:12 am
विडियो: पेट्रोल, डीजल महंगा, आयकर स्लैब बदला विडियो: पेट्रोल, डीजल महंगा, आयकर स्लैब बदला

नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आयकर सीमा बढ़ाकर जहां नौकरी पेशा तबके से लेकर मध्य आयवर्ग को बड़ी राहत दी है, वहीं उत्पाद एवं सीमा शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों को बढ़ाकर महंगाई से त्रस्त आम जनता की चिंता और बढ़ा दी है।

संसद में गुरुवार को पेश वर्ष 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री ने आयकर की दरों में तो कोई बदलाव नहीं किया, पर आयकर स्लैब में फेरबदल की घोषणा कर आयकरदाताओं को राहत दी। अब एक लाख 60 हजार रुपये से पांच लाख रुपये तक की सालाना आय पर 10 प्रतिशत कर देना होगा। इसके अलावा, पांच लाख से आठ लाख रुपये तक की आय पर 20 प्रतिशत और आठ लाख रुपए से अधिक की आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगाकर मध्यवर्ग का दिल लुभाने की कोशिश की।

मुखर्जी ने कहा कि इस बदलाव से 60 प्रतिशत करदाताओं को लाभ होगा और सरकार को 26 हजार करोड़ रुपये का त्याग करना पडे़गा।

इसके विपरीत, प्रणब ने पेट्रोल-डीजल के दामों के वृद्धि की घोषणा कर आम आदमी की चिंता और बढ़ा दी है। इसके अलावा, गैर पेट्रोलियम पदार्थो पर उत्पाद शुल्क में दो प्रतिशत वृद्धि कर आठ से बढ़ाकर दस प्रतिशत कर दिया। इससे विनिर्मित उत्पादों के दाम और बढे़ंगे और महंगाई से परेशान जनता की मुश्किल और बढ़ेगी।

बजट में कच्चे तेल, पेट्रोलियम पदार्थो तथा कुछ अन्य प्रकार की वस्तुओं पर आयात शुल्क में वृद्धि की गई है।

मुखर्जी ने सेवाकर की दर को दस प्रतिशत पर बनाए रखा पर कुछ नई सेवाओं को इसके दायरे में लाने का प्रस्ताव किया। अप्रत्यक्ष कर में किए गए इन बदलावों से जनता पर 46 हजार करोड़ से अधिक का बोझ बढ़ जाएगा।

क्या महंगा क्या सस्ता

बजट के कारण जहां पेट्रोल-डीजल, सीमेंट, मोटर गाड़ियां, सिगरेट, सोना-चांदी, टीवी, एयरकंडीशनर सहित कारखानों में बनने वाले अन्य सामान और कुछ सेवाएं महंगी होंगी वहीं शुल्क कम होने से खिलौने, चिकित्सा उपकरण, मोबाइल फोन, कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र की मशीनें और सड़क निर्माण के यंत्र सस्ते होंगे।

सरकारी खजाने पर बढ़ेगा बोझ

मुखर्जी ने कहा कि प्रत्यक्ष करों के उनके प्रस्तावों से सरकारी खजाने पर 26 हजार करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा, लेकिन अप्रत्यक्ष कर क्षेत्र में किए गए बदलावों से सरकार को 46 हजार 500 करोड़ रुपये की प्राप्ति होगी।

उन्होंने सेवा कर की दर को दस प्रतिशत पर स्थिर रखा लेकिन कुछ अन्य सेवाओं को इसके दायरे में शामिल करने का प्रस्ताव किया है। नई सेवाओं पर कर लगाने से 2010-11 में सरकार को करीब 3000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्राप्ति होगी। 2009-10 में सेवा कर से 65 हजार करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है।

कच्चे तेल आयात पर पांच प्रतिशत सीमा शुल्क लगाने का ऐलान करते हुए मुखर्जी ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दामों में भारी वृद्धि के समय सीमा शुल्क समाप्त किया गया था लेकिन अब स्थिति बदली है। उन्होंने पेट्रोल और डीजल पर भी साढे़ सात प्रतिशत की दर से सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की।

पेट्रोलियम पदार्थो पर शुल्क लगाने का विपक्षी सदस्यों ने विरोध किया और सदन से उठकर चले गए। वित्त मंत्री ने आयकरदाताओं को अब एक लाख की बजाय एक लाख 20 हजार रुपये तक की बचत पर कर से छूट लेने का विकल्प दिया है पर अतिरिक्त 20 हजार रुपये की रियायत दीर्घावधि के ढांचागत बौंड में निवेश करने पर मिलेगी। बजट में केंद्र सरकार के सीजीएचएस में अंशदान पर भी आयकर में छूट दी गई है।

सरकार ने घरेलू कंपनियों के कर पर अधिभार 10 प्रतिशत से घटाकर 7.5 प्रतिशत कर दिया है लेकिन कंपनियों के बुक प्रोफिट पर न्यूनतम वैकल्पिक कर [मैट] 15 से बढ़ाकर 18 प्रतिशत कर दिया गया है। मुखर्जी ने उद्योगों में अनुंसधान एवं विकास को प्रोत्साहित करने के लिए उस पर होने वाले खर्च पर भी कर कटौती की घोषणा की।

मुखर्जी ने दो सितारा या इससे ऊपर की श्रेणी के होटलों के निर्माण और आवासीय परियोजनाओं पर कर में रियायत देने की घोषणा की है।

मुखर्जी ने कहा कि उनके पिछले बजट में व्याप्त मंदी को दूर करने के लिए लगातार तीन राजकोषीय प्रोत्साहन पैकेज दिए गए जिनसे सुधार की प्रक्रिया को काफी मदद मिली है। उन्होंने कहा, अर्थव्यवसथा में सुधार के संकेत अब अधिक व्यापक और स्पष्ट हैं, और इस समय राजकोषीय स्थिति को सुदृढ करने की दरकार है इसलिए मैं उत्पाद शुल्क में की गई कटौती को आंशिक रूप से वापस लेने का प्रस्ताव करता हूं..।

मुखर्जी ने बजट में सड़क मार्ग से होने वाली अनाज और दालों की ढुलाई को भी सेवाकर से मुक्त रखने का प्रस्ताव किया है। हालांकि रेलवे द्वारा होने वाली इनकी ढुलाई को छूट मिलती रहेगी। उन्होंने कृषि बीजों के परीक्षण और प्रमाणन को सेवाकर से छूट देने का भी प्रस्ताव किया है।

आधारभूत परियोजनाओं के क्षेत्र में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए उन्होंने मोनोरेल परियोजना आयात को पांच प्रतिशत की रियायती दर पर परियोजना आयात का दर्जा देने का घोषणा की।

कर सुधारों के बारे में मुखर्जी ने बताया कि प्रत्यक्ष कर संहिता के सबंध में संबद्ध पक्षों से विचार-विमर्श किया जा रहा है और सरकार पहली अप्रैल 2011 से प्रत्यक्ष कर संहिता को लागू करने की स्थिति में होगी। वस्तु एवं सेवा कर पर मुखर्जी ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति इस पर व्यापक सहमति बनाने में लगी है। समिति ने नवंबर 2009 में इस पर परिचर्चा पत्र भी जारी किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने उर्वरक क्षेत्र के लिए पोषक तत्वों पर आधारित सब्सिडी नीति मंजूर की है। यह पहली अप्रैल 2010 से लागू होगी। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस नीति से नए पुष्ट उत्पादों के जरिए संतुलित उर्वरक उपयोग को बढावा मिलेगा।

उन्होंने कहा कि राजकोषीय मजबूती के लिए सरकार ने 2008-09 में तेल तथा उर्वरक बांड भी जारी नहीं किए। राजकोषीय मजबूती के इस प्रयास को जारी रखते हुए उन्होंने कहा कि वह सरकारी आर्थिक सहायता नकदी के रूप में जारी रखने के पक्षधर हैं ताकि सब्सिडी का यह हिस्सा भी राजकोष के लेखे में शामिल किया जा सके।

मुखर्जी नें कहा, समावेशी विकास को आगे बढ़ाते हुए 2010-11 के बजट में उन्होंने सामाजिक क्षेत्र पर होने वाला खर्च बढाकर एक लाख 37 हजार 674 करोड रुपए किया है। यह राशि अगले साल के बजट का 37 प्रतिशत तक है। स्कूली शिक्षा के लिए आवंटन 26 हजार 800 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 31 हजार 036 करोड़ रुपये किया गया है।

बजट में कृषि क्षेत्र के विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। देश के पूर्वी राज्यों बिहार, छत्तीसगढ़, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल तथा उड़ीसा में हरित क्रांति का विस्तार करने की योजना है।

खाद्यान्न की बर्बादी रोकने के लिए भारतीय खाद्य निगम की भंडारण क्षमता बढ़ाने का प्रस्ताव है। इसमें निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाई जाएगी।

मुखर्जी ने कहा कि कृषि कर्ज का लक्ष्य तीन लाख 25 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर तीन लाख 75 हजार करोड रुपये कर दिया गया है। किसानों की ऋण माफी एवं ऋण राहत योजना के तहत किसानों की ऋण वापसी की अवधि को 31 दिसंबर 2009 से छह महीने बढ़ाकर 30 जून 2010 कर दिया गया। इसके अलावा समय पर कर्ज लौटाने किसानों को अब दो प्रतिशत की छूट मिलेगी। इस प्रकार अब किसानों को 5 प्रतिशत की प्रभावी दर पर फसली कर्ज उपलब्ध होगा।


आम बजट में बोझ ही बोझ, महंगाई लकदक

नई दिल्ली [अंशुमान तिवारी]। दादा रे दादा! ..महंगाई का बोरा पहले से वजनदार, ऊपर से 20 हजार करोड़ रुपये के टैक्स का भार और साथ में महंगे पेट्रोल डीजल की मार! .सिर्फ बोझ पर बोझ नहीं बल्कि बोझ का अंबार।..बहुत बेदर्द निकले प्रणब दादा। ..उद्योगों के लिए तो यह केवल रियायतों की वापसी है मगर मंदी, महंगाई और बेकारी से हलकान आम लोगों के लिए तो यह तिहरी त्रासदी है।

आयकर में मिली थोड़ी सी रियायत पर ज्यादा मत इतराइए। बीस हजार करोड़ का नया कर महंगाई की कीलों को और नोंकदार बनाने वाला है और महंगा ईधन इन कीलों को तपाने वाला है। प्रणब बाबू के नए बजट के बाद विमान यात्रा से लेकर कार की सवारी तक और टीवी से लेकर सीमेंट और स्टील तक सब कुछ महंगा होने वाला है। मन बहलाना है तो खिलौनों से खेलिए व गुब्बारे उड़ाइए। यही सस्ते हुए हैं। इन्हीं से मन बहलाइए।

प्रणब बाबू ने बड़ी निर्ममता के साथ महंगाई से लदे-फदे आम लोगों को नए बोझ के साथ सीधी-सपाट सड़क पर उता दिया है। इस सड़क पर न तो लोकलुभावन स्कीमों के तोरण द्वार हैं और न भारी खर्च वाले प्रोत्साहन या उपहार। प्रणब बाबू ने सरकार के खर्च को गुस्से के साथ काटा है। और रियायतों के नाम इस बार कुछ नहीं बांटा है। यह पिछले एक दशक में सबसे ज्यादा करों वाला बजट है और शायद सबसे कम खर्च वाला भी। घाटे से डरे कठोर बजट ऐसे ही होते हैं।

महंगाई बनाम रियायत

बजट से बढ़ा बोझ, बजट में मिली आयकर रियायत पर हर तरह से भारी है। तीन से छह लाख रुपये तक हर साल कमाने वालों को वित्त मंत्री की गाजरें भले ही ललचाएं लेकिन हकीकत में बजट एक नया बोझ लेकर आया है। बजट आम आदमी की पीठ जो नई गठरी लाद रहा है उसमें दो पत्थर बहुत भारी हैं। या यूं कहें वित्त मंत्री ने इन दो पत्थरों से दो-दो शिकार किए हैं।

उत्पाद शुल्क में दर में एकमुश्त दो फीसदी की बढ़ोतरी से सिर्फ उद्योगों के प्रोत्साहन ही नहीं घटे हैं बल्कि इससे वित्त मंत्री के खजाने को टानिक भी मिल गया है। दूसरा पत्थर पेट्रो उत्पादों का है। पेट्रो उत्पादों पर आयात एवं सीमा शुल्क बढ़ाकर वित्त मंत्री ने सबसे आसान स्रोत को निचोड़ लिया है। यह गठरी जब 18 फीसदी की महंगाई में मिल जाएगी तो यकीन मानिए आपकी रसोई पर गजब ढाएगी।

आयकर रियायत वगैरह सब भूल जाएंगे क्योंकि सफर से लेकर खुराक तक हर चीज की महंगी हो जाएगी। सेवा कर के अप्रत्यक्ष बोझ और मुश्किल बढ़ाने वाले हैं क्योंकि हवाई यात्रा से लेकर बिजली के बिल और मकान किराये तक पर अब लोग सेवा कर चुकाएंगे।

गांव-खेत, पढ़ाई-इलाज

प्रणब बाबू की बजट सड़क पर महंगाई की धूप से बचने का कोई रास्ता नहीं है। खेती की बदहाली से उपजी महंगाई के बावजूद खेती उनकी पूरी योजना में सिर्फ नाम को चमकी है। वह सिर्फ 400 करोड़ रुपये में पूर्वी भारत में दूसरी हरित क्रांति करना चाहते हैं या बैंकों के कर्ज के सहारे खेती की तस्वीर बदलना चाहते हैं। वह खेती में आधुनिक भंडारण सुविधाओं के लिए विदेश से पैसा लाने का दरवाजा जरूर खोलते हैं लेकिन खेती में उपज बढ़ाने की सूझ नदारद है।

रही बात गांव-गरीब की तो इस मामले में प्रणब बाबू ने गजब की हिम्मत दिखाई। खर्च घटाने की उनकी कतरनी ने सरकार की चहेती नरेगा का बजट भी काट दिया है, अन्य स्कीमों पर भी खर्च ताली बजाने लायक नहीं है। सिर्फ असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को पेंशन की मदद और महिला किसानों के लिए मदद के अलावा उनकी जेब खाली है। अलबत्ता पर्यावरण को ठीक रखने के लिए कोयला उद्योग पर नया उपकर लगा दिया गया है।

उद्योग-कंपनी-निवेशक

मंदी गई तो रियायत गई। .उद्योगों के लिए दादा का बड़ा साफ मंत्र है। उत्पाद शुल्क दर में बढ़ोतरी के साथ उद्योगों की एक बैसाखी हटा ली गई है। अब उन्हें महंगाई में घटती मांग और सरकार के कम खर्च के बीच ज्यादा मुनाफा कमाना होगा और बढ़ी हुई मैट की दर पर बोझ चुकाना होगा।

उद्योग और निवेशकों का परिवार इस बात पर खुश हो सकता हैं कि सरकार निजी बैंकों को ज्यादा लाइसेंस देगी और विनिवेश के जरिये बाजार में निवेश के नए मौके देगी। हालांकि दादा का बजट विनिवेश के पूरे कार्यक्रम पर रहस्यमय ढंग से चुप है अलबत्ता इससे 40 हजार करोड़ लाने का अनुमान लगाया गया है।

कर-खर्च-घाटा

तमाम बोझ बढ़ाकर और खर्च काटकर वित्त मंत्री ने खजाने की सेहत सुधारने की स्कीम बनाई है। घाटे का भूत उनके सिर पर सवार है, इसलिए इस बजट में संसाधन जुटाने या बचाने पर चौतरफा मार है।

वित्त मंत्री ने कर्ज को कम करने का जुगाड़ किया है और घाटे को कम करने के लिए ऊंचा निशाना लगाया है। जीएसटी का नया ढांचा और नया आयकर कोड भी अगले साल से लागू हो जाएगा, जिसके बाद करों की सूरत बदलने की उम्मीद है। प्रणब बाबू दरअसल खजाने की सेहत सुधारने के लिए हर आमो-खास से कुर्बानी मांग रहे हैं।

यकीनन, सुधरा हुए खजाना आने वाले समय में देश की कई समस्याएं सुलझाएगा लेकिन इसके लिए इस साल देश महंगाई और ऊंचे टैक्स का बोझ उठाएगा। तो चलिए इस बोझ को उठाएं और दादा के बजट पर आह भर कर मुस्कराएं। ..इसके अलावा विकल्प भी क्या है?

http://in.jagran.yahoo.com/news/business/general/1_12_6216269.html

स्कूली शिक्षा के लिए 31036 करोड़ रुपये

Feb 26, 04:42 pm
विडियो: स्कूली शिक्षा के लिए 31036 करोड़ रुपये विडियो: स्कूली शिक्षा के लिए 31036 करोड़ रुपये

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को पेश वर्ष 2010-11 के बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 31,036 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है।

बीते साल के बजट में स्कूली शिक्षा के लिए 26,800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इस साल के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए कुल 1,37, 674 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

मुखर्जी ने शुक्रवार को बजट पेश करते हुए कहा कि स्कूली शिक्षा के अलावा सरकार ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के आवंटन को भी 19,534 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 22,300 करोड़ रुपये कर दिया है। ग्रामीण विकास के लिए इस बार कुल 66,100 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।

यह बजट आम नहीं, सरकारी तंत्र का बजट

नई दिल्ली। जाने माने योगाचार्य स्वामी रामदेव ने वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा संसद में पेश किए बजट आम बजट नहीं है बल्कि एक सरकारी तंत्र का बजट करार दिया है।

रामदेव से टेलीफोन पर बताया कि संसद में पेश किया गया बजट आम बजट नहीं है क्योंकि यह 80 प्रतिशत ऐसे लोगों का है जो सरकारी नौकरी कर रहे है बाकी दो प्रतिशत लोगों के खाते में कुछ भी नहीं गया है।

सरकार ने कर में छूट देकर कोई अहसान नहीं किया है लोग अपनी कमाई की राशि को अपने सुख के लिए खर्च करते है और यह उनका अधिकार है। रामदेव ने कहा कि सरकार यदि अतिरिक्त धनराशि जुटाने के लिए कालेधन की समाप्ति के लिए कोई या कानून लाने का प्रस्ताव करती तोच्अच्छा होता।

उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में देश की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए कर प्रणाली में आमचूल परिवर्तन किया जाना चाहिए और कर छूट की सीमा पांच लाख रुपये तक रखी जानी चाहिए।


आधी रात से बढ़ सकते हैं पेट्रोल, डीजल के दाम

एनडीटीवी खबर - ‎19 मिनट पहले‎
केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी द्वारा वर्ष 2010-11 के लिए पेश किए गए आम बजट में पेट्रोल, डीजल और कच्चे पेट्रोलियम पर बुनियादी कर बहाल किए जाने तथा केंद्रीय उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर एक-एक रुपये की वृद्धि किए जाने के बाद शुक्रवार को आधी रात से पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ सकती हैं। अपने बजट भाषण में मुखर्जी ने कहा कि पिछले वर्ष तेल की कीमतों में प्रति बैरल लगभग 112 डॉलर की बढ़ोतरी होने के बाद सरकार ने तेल विपणन ...

पेट्रोल 2.67 और डीजल 2.58 रुपये महंगा

प्रभात खबर - ‎2 घंटे पहले‎
नयी दिल्ली : ईंधन कीमतों से प्रशासनिक मूल्य प्रणाली को खत्म करने के लिये गठित पारिख समिति की रिपोर्ट को सरकार ने ठंडे बस्ते में डालते हुए आज बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद तथा सीमा शुल्क बढ़ाये जाने की घोषणा कर दी जिससे मध्यरात्रि से इनकी कीमतों में क्रमश 2.67 रूपये और 2.58 रूपये की बढ़ोत्तरी हो जायेगी. वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के बजटीय भाषण में कहा कि सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतें बढ़ने के ...

पेट्रोल 2.67 रु. और डीजल 2.58 रु. महंगा होगा

नवभारत टाइम्स - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली ।। पेट्रोल और डीजल पर कस्टम और एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने की वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की घोषणा के बाद पेट्रोल के दाम 2.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.58 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर कस्टम ड्यूटी 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत , जबकि एक्साइज ड्यूटी एक रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 14.35 रुपये कर दिया। कस्टम और एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोतरी किए जाने से पेट्रोल की कीमतों में 2.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल ...

बजट ने महँगा किया पेट्रोल-डीजल

दैनिक भास्कर - ‎6 घंटे पहले‎
केंद्र सरकार ने बजट 2010-11 में पेट्रोल और डीजल पर लागू उत्पाद (एक्साइज) शुल्क बढ़ा दिया है। पेट्रोल और डीजल, दोनों पर उत्पाद शुल्क में 1 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गयी है। वित्त मंत्री ने जब संसद में यह घोषणा की, तो विपक्ष के सदस्यों ने इस पर काफी हंगामा भी मचाया। विपक्ष के सदस्य विरोध जताते हुए सदन से बाहर चले गये।

बढ़ेंगे पेट्रोल और डीजल के भाव

Business standard Hindi - ‎5 घंटे पहले‎
पेट्रोल और डीजल पर सीमा और उत्पाद शुल्क बढ़ाने की घोषणा के बाद पेट्रोल के भाव 2.67 रुपये और डीजल 2.58 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे। केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर सीमा शुल्क 2.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 7.5 प्रतिशत, जबकि उत्पाद शुल्क 1 रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 14.35 रुपये कर दिया है। सीमा एवं उत्पाद शुल्कों में बढ़ोतरी किए जाने से पेट्रोल और डीजल के भाव में बढ़ोतरी होगी। नए भाव शुक्रवार मध्यरात्रि से लागू हो जाएंगे। ...
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दादा का बजट आम आदमी पर पडेगा भारी

देशबन्धु - ‎1 घंटा पहले‎
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आम बजट में किसानों और वेतनभेगियों को राहत देने के साथ ढांचागत एवं सामाजिक क्षेत्रों के लिये आवंटन में भारी वृद्धि की है लेकिन पेट्रोल. डीजल तथा कई अन्य वस्तुओं के उत्पाद शुल्क में वृद्धि से महंगाई की मार झेल रहे आम आदमी की मुश्किलें और बढेंगी। श्री मुखर्जी ने आज लोकसभा मे वित्त वर्ष 2010-11 का बजट पेश करते हुये कृषि. रक्षा. सामाजिक क्षेत्र. आधारभूत ढांचे और ग्रामीण एवं शहरी विकास ...
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पेट्रोल, डीजल के मूल्ये बढाने से विपक्ष भडका

खास खबर - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा पेट्रोल व डीजल पर लगभग 2.50 रूपए तक बढा दिए है। ये बढी हुई कीमते आज रात से लागू हो जाएगी। पेट्रोल के मूल्यों में 2.67 रू. व डीजल की मूल्यों में 2.58 रू. बढाए है। पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढाने की घोषणा करते ही आज लोकसभा में भारी हंगाम हुआ और विपक्ष ने इन के दामों के बढाने पर भारी हंगामा किया। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने हाथ जोडकर बोले मुझे बजट पढने की संवैधानिक औपचारिकता पूरी ...
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बजट 2010: बढ़ेंगे पेट्रोल, डीजल के दाम

That's Hindi - ‎7 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी ने लोकसभा में बजट पेश करते वक्त कहा कि पेट्रोल उत्पादों पर कस्टम और एक्साइज कर एक रुपए प्रति लीटर बढ़ा दिया है। लिहाजा इसके लागू होते ही पेट्रोल के दाम एक रुपए प्रति लीटर तक बढ़ जाएंगे। हालांकि अर्थ विशेषज्ञों की माने तो इसके साथ-साथ सरकार ने क्रूड ऑयल यानी कच्चे तेल पर कस्टम ड्यूटी में 5 प्रतिशत की कमी की है, लिहाजा ऐसा भी हो सकता है कि पेट्रोल और डीजल के दाम नहीं बढ़ें। हां ये जरूर है कि रसोई गैस ...

पेट्रोल, डीजल के दाम एक रुपये बढ़े

एनडीटीवी खबर - ‎5 घंटे पहले‎
केंद्रीय वित्तमंत्री प्रणब मुखर्जी ने वर्ष 2010-11 के आम बजट में पेट्रोल और डीजल पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में प्रति लीटर एक-एक रुपये की वृद्धि का प्रस्ताव रखा है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में उतार-चढ़ाव को देखते हुए सरकार ने जून, 2008 में पेट्रोलियम पदार्थों को सीमा शुल्क से मुक्त कर दिया था। साथ ही परिष्कृत उत्पादों पर बुनियादी शुल्क में आनुपातिक कटौती की थी। ...
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आम बजट : कार की सवारी, टीवी के दर्शन और सिगरेट का कश मंहगा

समय - ‎4 घंटे पहले‎
नयी दिल्ली। कार, पेट्रोल, डीजल, एयरकंडीशनर, टीवी और सोना चांदी के अलावा सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अगले साल से महंगे हो जाएंगे। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज के बजट में इन उत्पादों पर शुल्क में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया। राजकोषीय प्रोत्साहक उपायों को आशिंक रूप से हटाने के कदम के रूप में वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने गैर पेट्रोलियम उत्पादों पर उत्पाद शुल्क आठ से बढ़ाकर दस प्रतिशत कर दिया। उनके ऐलान के कुछ ही मिनट में ...

उत्पादन शुल्क बढ़ा: कार, पेट्रोल, डीजल, टीवी महँगे

शेयर मंथन - ‎3 घंटे पहले‎
उत्पादन शुल्क में वृद्धि होने से पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों पर प्रत्यक्ष असर पड़ा है। आज रात से पेट्रोल 2.67 रुपये और डीजल 2..58 रुपये प्रति लीटर महँगे हो जायेंगे। कार निर्माता कंपनियों पर इसका सीधा असर दिख रहा है। इन कंपनियों कारों के दामों में वृद्धि करने की घोषणा करनी शुरू कर दी है। प्रमुख कंपनियों का कहना है कि कार की कीमतों में करीब 25 हजार रुपये तक का इजाफा हो सकता है। टीवी, एसी, आभूषण, सिगरेट और तंबाकू के पदार्थ की ...

बजट आते ही पेट्रोल, डीजल 2.50 रु. से अधिक महंगे

जोश 18 - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा बजट पेश किए जाने के कुछ ही घंटो के अंदर पेट्रोल और डीजल करीब 2.50 रुपए तक महंगे हो गए हैं। पेट्रोल की कीमत में 2.67रु. और डीजल की कीमतों में 2.58रु. वृद्धि हो गई। ये बढ़ी कीमतें आज आधी रात से लागू हो जाएंगी। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आज सुबह संसद में देश का आम बजट पेश किया था। वित्त मंत्री ने आम बजट 2010-2011 में पेट्रोल, डीजल, सीमेंट के अलावा सिगरेट और पान मसाले के दाम बढ़ाए जाने की घोषणा ...

पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ने से विपक्ष आग बबूला

जोश 18 - ‎7 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। आम बजट में पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क बढाने की घोषणा होते ही आज लोकसभा भारी शोरगुल में डूब गयी और विपक्ष ने विरोध का बड़ा हथियार चलाते हुए बजट भाषण के दौरान ही बहिर्गमन कर दिया। वित्त मंती प्रणव मुखर्जी विपक्ष की और हाथ जोडकर यह कहते देखे गये कि उन्हें बजट पढने की संवैधानिक औपचारिकता पूरी करने दीजिये, लेकिन विपक्ष का गुस्सा इस पर भी ठंडा नहीं हुआ। भारतीय जनता पार्टी की अगुवाई में विपक्षी राष्ट्रीय ...
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पेट्रोल-डीजल महंगा, आयकर में राहत

याहू! जागरण - ‎5 घंटे पहले‎
नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने आयकर सीमा बढ़ाकर जहां नौकरी पेशा तबके से लेकर मध्य आयवर्ग को बड़ी राहत दी है, वहीं उत्पाद एवं सीमा शुल्क जैसे अप्रत्यक्ष करों को बढ़ाकर महंगाई से त्रस्त आम जनता की चिंता और बढ़ा दी है। संसद में गुरुवार को पेश वर्ष 2010-11 के आम बजट में वित्त मंत्री ने आयकर की दरों में तो कोई बदलाव नहीं किया, पर आयकर स्लैब में फेरबदल की घोषणा कर आयकरदाताओं को राहत दी। अब एक लाख 60 हजार रुपये से पांच लाख ...

प्रणव
मुखर्जी ने आज संसद में 2010-11 के लिए आम बजट पेश किया। पेश हैं आम बजट की हाइलाइट्स :

पेट्रोल-डीजल महंगा
पेट्रोल और डीजल पर कस्टम और एक्साइज ड्यूटी को बढ़ाने की वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी की घोषणा के बाद पेट्रोल के दाम 2.67 रुपये प्रति लीटर और डीजल 2.58 रुपये प्रति लीटर बढ़ जाएंगे ... पूरी खबर पढ़ें

टैक्सपेयर्स को राहत
टैक्स स्लैब में बदलाव का ऐलान करते हुए वित् मंत्री ने कहा कि इससे 60 % टैक्स पेयर्स को राहत मिलेगी। अब वित्त मंत्री के नए ऐलान के अनुसार , अब 1 लाख 60 हजार रुपये से ज्यादा और 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर 10 परसेंट टैक्स लगेगा... पूरी खबर पढ़ें

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कार के दाम बढ़ेंगे
कार खरीदना अब और महंगा सौदा साबित होगा क्योंकि वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के कारों पर सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर दस प्रतिशत करने के बाद प्रमुख कार निर्माताओं ने कीमतों में लगभग 25 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की बात की है... पूरी खबर पढ़ें

बजट का बाजार पर असर

बजट का बाजार पर अच्छा असर देखा गया। वित्त मंत्री के बजट भाषण के साथ ही बाजार चढ़ने लगे ( पूरी खबर के लिए क्लिक करें ) । हालांकि फिर सूचकांक थोड़ा नीचे आए , लेकिन दिन के अंत में बाजार बढ़त के साथ बंद हुए... पूरी खबर पढ़ें

बजट का विरोध
पेट्रोलियम पदार्थों पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने के प्रस्ताव ने संसद से सड़क तक लोगों को नाराज कर दिया है। इस मुद्दे पर शुक्रवार को लोकसभा में जोरदार हंगामा हुआ। विपक्ष ने बजट को महंगाई बढ़ाने वाला बताते हुए इस मुद्दे पर जोरदार हंगामा किया और पहली बार पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर सदन से वॉकआउट किया... पूरी खबर पढ़ें

क्या सस्ता, क्या महंगा
बजट के बाद सिगरेट, कारें, सोना और पेट्रोलियम पदार्थ महंगे होने वाले हैं जबकि सीएफएल , खिलौने और मेडिकल उपकरण सस्ते हो जाएंगे... पूरी खबर पढ़ें
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EXCISE, IMPORT OF FOOD AND KNOW HOW OTHER TECHNOLOGIES, INVITATION OF FOREIGN INVESTMENT IN NON CAPITAL AREAS and RISING PETROL BILLS WILL SURELY POP UP PRICE RISE MORE THEN EXPECTED 18%, I SAY ABOUT 40 PLUS
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26 Feb 2010, 1804 hrs IST, By RAJINDARSINGH DHINGARA, PUNJAB
खट्टा
| पढें
26 Feb 2010, 1758 hrs IST, By kirtikar , delhi
भारत अमेरिका से भी ज़्यादा पूंजीवादी है, वहाँ से भी ज़्यादा नंगापन यहाँ है और भेड़ बाघ लोमड़ी से भी ज़्यादा कॉमवाद इस देश मे है| तात्पर्य यह है कि यह देश ढोंगी और लुच्चे लोगों से भरा है| अमेरिका ने बजट का 5.5% घाटा बहुत कम बताया था और कहा था कि महंगाई और ग़रीबी की जड़ इस बजट के घाटे मे है| दो साल मे कॉर्पोरेट स्पेशल टॅक्स लागू कर के इस को ज़ीरो किया जा सकता है| पर आज तक राजीव से ले कर किसी ने यह कदम नहीं उठाया क्यूकि कांग्रेस पूंजीपतियों से पैसा लेना ही नहीं चाहती| यह बजट अमीरो के लिए खट्टी मीठी पीपरमिंट की गोली जैसा है| जो अमीरों को चखने मिलता है| ग़रीबो को तो यह खट्टी मीठी बाते या तो अख़बरों मे पढ़ने मिलती है या अमीरों के फेके रेपर चाटने से पता लगता है की खट्टा मीठा क्या होगा| दो वक़्त रोटी और पानी से पेट भरती प्रजा क्या खट्टा मीठा करेगी?
| पढें
26 Feb 2010, 1741 hrs IST, By Magan Agnihotri , Banaras
 
http://navbharattimes.indiatimes.com/articleshow/5620079.cms
  1. आम बजट के लिए समाचार परिणाम

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    मेरी खबर.कोम
    बजट से शेयर बाजार में बहार‎ - 2 घंटे पहले
    मुबंई : घरेलू शेयर बाजार ने आज आम बजट पर उम्मीद से बेहतर प्रतिक्रिया देते हुए अच्छी रफ्तार पकड़ी. हालांकि संसद में बजट पेश होने के बाद बाजार को ज्यादा वक्त नहीं मिला, लेकिन दो ...
    प्रभात खबर - 110 संबंधित आलेख »
  2. BBC Hindi - कारोबार - आम बजट : ख़ास बातें

    26 फ़र 2010 ... वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने 2010-11 के आम बजट में कृषि, समाजिक क्षेत्र और आधारभूत ढ़ांचे पर ज़ोर दिया है. पेश हैं बजट की ख़ास बातें.
    www.bbc.co.uk/.../100226_budget_mainpoints_awa.shtml - 6 घंटे पहले
  3. आम बजट की प्रमुख विशेषताएं

    आम बजट की प्रमुख विशेषताएं. नई दिल्ली। वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी ने सोमवार को 2009-10 का आम बजट लोक सभा में पेश किया। आम बजट की प्रमुख विशेषताएं। -अर्थव्यवस्था को तेज आर्थिक ...
    keralafarmeronline.com/budget-2009-10/lang/hi - संचित प्रति
  4. आम बजट आज, महंगाई और मारेगी

    26 फ़र 2010 ... शुक्रवार को पेश होने वाले आम बजट से पूर्व गुरुवार को संसद में पेश वर्ष 2009-10 की आर्थिक समीक्षा में कहा गया है कि अगले कुछ महीनों में महंगाई का असर खाद्य पदार्र्थो के ...
    www.bhaskar.com/.../100226032010_general_budget.html - 11 घंटे पहले
  5. Union Budget: Pranab to kill recession | आम बजट: मंदी ...

    6 जुलाई 2009 ... While giving Budget speach, Finance Minister Pranab Mukherjee announced to kill the effects of recession in India. वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने संसद में सोमवार सुबह 11 बजे आम बजट 2009-10 बजट पेश कर दिया है। बजट भाषण की ...
    thatshindi.oneindia.in › समाचारखेल - संचित प्रति
  6. Union Budget today, Pranab to play safe side | आम बजट आज ...

    26 फ़र 2010 ... Finance minister Pranab Mukherjee is going to present Union Budget 2010 for the next financial year. After seeing the price hike through out the year, FC could play safe side. That is Congress led UPA government would not upset the people of India. देश के वित्त मंत्री प्रणब ...
    thatshindi.oneindia.in/.../union-budget-today-pranab-play-safe-side.html - 9 घंटे पहले
  7. आम बजट | बजट में फरवरी पारित जुलाई संसद

    संसद का महत्वपूर्ण बजट सत्र 22 फरवरी से होने की संभावना है, जिसमें रेल बजट और आम बजट के ... गई है लेकिन फरवरी में आम बजट पेश किए जाने तथा इसमें कुछ कठोर वित्तीय उपाय किए जाने की ...
    search.webdunia.com/hindi/more/.../आम-बजट.html - संचित प्रति
  8. आम बजट में आम आदमी के लिए क्या होगा ...

    23 फ़र 2010 ... यदि बजट में रेजिडेंशल प्रॉपर्टी की खरीद पर किसी तरह के टैक्स छूट का ऐलान किया जाता है तो इससे रेजिडेंशल प्रॉपर्टी की मांग बढ़ेगी और यह सीमेंट सेक्टर के लिए फायदेमंद ...
    hindi.economictimes.indiatimes.com/.../5607387.cms - संचित प्रति
  9. खास बातें, आम बजट की

    NDTV Khabar provides news in hindi. Categories are Business news, international news, sports news, breaking news, hindi cinema news, interviews, columns, photo gallery, photo album, astro predictions.
    khabar.ndtv.com/2010/02/26143602/BudHighlights.html - 6 घंटे पहले
  10. आम बजट में आर्थिक प्रोत्साहन पर लग ...

    21 फ़र 2010 ... वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी द्वारा शुक्रवार को पेश किए जाने वाले आम बजट में आर्थिक प्रोत्साहन पैकेजों में कमी करने की अटकलें तेज हो गई हैं। इसके तहत सबसे पहले उत्पाद ...
    livehindustan.com/news/.../tax/45-88-97534.html - संचित प्रति
  11. आम बजट: बिहार में मिली-जुली ...

    26 फ़र 2010 ... पढे कैसे आम बजट: बिहार में मिली-जुली प्रतिक्रिया सहारा समय पर.
    hindi.samaylive.com/news/66505/66505.html - 5 घंटे पहले
  12. border=0इसके लिए अनुवादित अंग्रेज़ी परिणाम देखें:
    आम बजट (General Budget)


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