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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, June 27, 2012

Fwd: रिहाई(?) ने बताई मीडिया की सच्चाई



---------- Forwarded message ----------
From: Journalist Community <admin@journalistcommunity.com>
Date: 2012/6/27
Subject: रिहाई(?) ने बताई मीडिया की सच्चाई
To: admin@journalistcommunity.com


बल्कि चंडीगढ़ से छपने और पाकिस्तान के बारे में सब से ज्यादा समझ का दावा करने करने वाले एक बड़े अखबार ने तो कुछ ज्यादा ही दम डालने के लिए खबर अपने लाहौर और चंडीगढ़ के दो अलग संवाददाताओं की बायलाइन के साथ लगाई है. ये भी लिखा है कि खबर की पुष्टि राष्ट्रपति ज़रदारी के प्रवक्ता फरहतुल्ला बाबर के नजदीकी सूत्रों ने भी की है. ज़ाहिर है नजदीकी सूत्र दूर पार का कोई रिश्तेदार तो नहीं हो सकता. फरहतुल्ला बाबर खुद या उनके स्टाफ का कोई बंदा ही हो सकता है....या शायद कोई भी नहीं. बल्कि शायद लाहौर के रिपोर्टर से कोई खबर आई ही न हो. मगर अखबार ने वज़न डालने के लिए उसका नाम दे दिया हो खबर पे. ये बताने के लिए कि देखो तुम्हारा नहीं होगा, हमारा खुद का रिपोर्टर होता है पाकिस्तान में. और उस के पास खबर की तस्दीक भी होती है. अखबार के इधर वाले रिपोर्टर ने और भी कमाल किया है. उसने इधर सरबजीत की बहन और परिवार पे वो वो कुछ लिख मारा है कि जो शायद उन्हें अपने बारे में खुद भी मालूम नहीं होगा. http://journalistcommunity.com/index.php?option=com_content&view=article&id=1643:2012-06-27-05-00-44&catid=34:articles&Itemid=54

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