लिंगभेद के खिलाफ प्रतिवाद, प्रतिरोध और आंदोलन परदे पर!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
दिल्ली सामूहिक बल्त्कार के बाद इस उपमहाद्वीप में लिंग वैषम्य व नारी उत्पीड़न पर विमर्श का अत्यंत संवेदनशील माहौल बना है। भारतीय दंड विधान संशोदित करने की मुहिम तेज है। पर खुले बाजार की उपभोक्ता संस्कृति में देहमुक्ति की लड़ाई और ज्यादा कठिन है पुरुष एकाधिकारवादी वर्चस्व की मनुस्मृति व्यवस्था में, जिसमें नारी शूद्र, दासी और क्रय विक्रय योग्य वस्तु है।राजनीति हो या अराजनीति देह व्यवसाय, यौन उत्पीड़न और बलात्कार की बाजारु संस्कृति के अवसान के लिए बुनियादी परिवर्तन की दिशा में अभी पहल होना बाकी है। उदार अर्थव्यवस्था की सफेदपोश पीढ़ी की मीडियानिर्भर की धर्मन्मादी राष्ट्रवाद की सुनामी से हालात कितने बदलेंगे, शहरी मोमबत्ती जुलूसों से देहात, पिछड़े, अछूत, बनजारा और आदिवासी दुनिया में लौह योनि की आकांक्षा कैसे पूरी होगी, अभी कहना मुश्किल है।
इसी माहौल में महानगर कोलकाता के दीदी साम्राज्य में शुरु हो रहा है आईएडब्ल्यूआरटीइंडिया और `स्वयं' आयोजित एक अभिनव चलचित्र उत्सव, `आवर लाइव्स.. टू लिव, नो टू जेंडर वायोलेंस, फिल्म्स आफ करेज, प्रोटेस्ट, होप' शीर्षक से । महिला जीवन के इंद्रधनुषी आयामों को समेटे लिंग वैषम्य के विरुद्ध अपना स्वतंत्न हिंसा व भयमुक्त जीवन जीने की उम्मीद और साहस से भरपूर भारत, पाकिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश, अफगानिस्तान, ईरान , अफ्रीका, आस्ट्रेलिया और लातिन अमेरिका की महिलाओं पर केंद्रित फिल्में देखने को मिलेंगी इस उत्सव में। चार से छह जनवरी को चौरंगी रोड स्थित रोटरी सदन में ये फिल्में दिखायी जायेंगी।
ईव एक्सीलेंस नामक अभियान के तहत है यह उत्सव, जो इसी साल शुरु हुआ अमेरिका में।`स्वयं' की अनुराधा कपूर के मुताबिक अमेरिका में पिछले १३ फरवरी को इस अभियान का औपचारिक समापन जरुर हुआ, पर विश्वभर में महिलाओं पर अत्याचार के खिलाफ यह अभियान सतत जारी रहेगा। भारत में इस अभियान से जुड़े हैं सौमित्र चट्टोपाध्याय, अपर्णा सेन, शबाना आजमी, ऋतुपर्णो घोष, महाश्वेता देवी, शमीक बंद्योपाध्याय, नंदिता दास, मल्लिका साराभाई, उषा उत्थुप, मीता वशिष्ठ और दर्जनों लब्ध प्रतिष्ठित नाम।
उत्सव में जो फिल्में दिखायी जा रही है, उनमें सोनागाछी की यौनकर्मियों पर देवलीना दत्त और ऐशिक सरकार निर्देशित `वी आर फुट सोल्जर्स', पुतुल महमूद की दो लघु फिल्में `दि विन्डो' और `टू सिस्टर्स' जैसी फिल्में।इसके अलावा रवांडा नरसंहार पर एक फिल्गोम के अलावा अनाम ईरानी लड़की की कहानी गोइंग अप दि स्टेअर्स भी दिखायी जा रही हैं। बांग्लादेश से विजेयता दास और खालेद हसन की फिल्म ब्रांडेड गर्ल्स भी इनमें शामिल हैं।।अस्कार पुरस्कृत शर्मिन ओयावेद शेनाय और डेनियल यंग निर्देशित सेविंग फेस भी इस सूचू में शामिल है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने घरेलू हिंसा पर हुए एक अध्ययन में पाया है कि दुनिया में हर छह में से एक महिला को अपने पति या संगी की हिंसा झेलनी पड़ी है।संस्था ने एक अंतरराष्ट्रीय जाँच के बाद कहा है कि ये समस्या विश्वव्यापी है जिसकी जड़ें बहुत भीतर तक बैठी हुई हैं।रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं के ख़िलाफ़ शारीरिक और मानसिक हिंसा का प्रभाव बहुत हद तक एक जैसा रहा है चाहे वो दुनिया में कहीं भी रहती हों।
कोलकाता में ऐसी पीड़ित महिलाओं के लिए काम करनेवाली स्वयं नामक इस संस्था की निदेशक अनुराधा कपूर कहती हैं,"नए क़ानून आए हैं, बहुत सारे टीवी चैनल आ गए हैं, इसलिए महिलाओं में जागरूकता भी बढ़ रही है और महिलाओं के साथ अपने मामलों को अदालत तक ले जाने का विकल्प भी बढ़ा है"।लेकिन अनुराधा का मानना है कि अभी भी सामाजिक बदलाव की आवश्यकता है क्योंकि लोग इस विषय पर बात करने से कतराते हैं।
This Blog is all about Black Untouchables,Indigenous, Aboriginal People worldwide, Refugees, Persecuted nationalities, Minorities and golbal RESISTANCE. The style is autobiographical full of Experiences with Academic Indepth Investigation. It is all against Brahminical Zionist White Postmodern Galaxy MANUSMRITI APARTEID order, ILLUMINITY worldwide and HEGEMONIES Worldwide to ensure LIBERATION of our Peoeple Enslaved and Persecuted, Displaced and Kiled.
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