---------- Forwarded message ----------
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2013/1/7
Subject: जेंडर, पितृसत्ता, जाति व्यवस्था और उपभोक्तावादी पूँजीवाद: असली अपराधी
To: alok putul <alokputul@gmail.com>
From: reyaz-ul-haque <beingred@gmail.com>
Date: 2013/1/7
Subject: जेंडर, पितृसत्ता, जाति व्यवस्था और उपभोक्तावादी पूँजीवाद: असली अपराधी
To: alok putul <alokputul@gmail.com>
कठोरतम कानून का समाधान सबको भा रहा है। यही वह चोर रास्ता है जिससे सामंती समाज व्यवस्था, पितृसत्ता और उपभोक्तावादी पूँजीवाद बच निकलना चाहता है। वह समस्या की गहरी पड़ताल नहीं चाहता। लेकिन हम क्या चाहते हैं? हम अपनी बेटियों-बहनों के लिए डरे हुए लोग हैं। इसीलिए गुस्से में हैं।
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