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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, October 23, 2015

दो मासूम बच्चों को जला के मार देने की घटना पे तर्क देते हुए इस संवेदनशील घटना को कुत्तो को पत्थर मारने जैसी घटना बता रहे है देश के ये होनहार मंत्री। भाजपा को समर्थन करने वाले पासवान, मांझी, उदितराज और sc/st/obc भाजपा सांसद जैसे दलित नेताओ को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए। कुछ तो शर्म करो।


Mukesh Gautam's photo.


मैदान छोड़ना नहीं, पीठ दिखाना नहीं, फासीवाद हारने लगा है!
देश को जोड़ लें,दुनिया जोड़ लें,कोई अकेला भी नहीं है!
दाभोलकार,पनसारे और कलबुर्गी के हत्यारे,बाबरी विध्वंस,भोपाल गैस त्रासदी.देश विदेश दंगों और आतंकी हमलों,सिखों के नरसंहार,गुजरात के दंगों,सलवा जुड़ुम और आफस्पा,टोटल प्राइवेटेजाइशेन,टोटल विनिवेश,टोटल एफडीआी के सौदागर तमाम हारने लगे हैं,हमारा यकीन भी कीजिये।


जिनने इस महादेश को कुरुक्षेत्र के मैदान में तब्दील कर दिया जो धर्म कर्म के नाम असत्य और अधर्म,अहिंसा और भ्रातृत्व के बदले हिंसा और नरसंहार,विश्वबंधुत्व के बदले  हिंदुत्व का ग्लोबल एजंडा और भारत तीर्थ की विविधता,वैचित्र्य के बदले गैरहिंदुओं के सफाये से देश को हिंदू बनाने के उपक्रम से कृषि,व्यवसाय और उद्योगधंधों की हत्या करके विदेशी पूंजी और विदेशी हितों के दल्ला बनकर महान  भारत देश की हत्या का राजसूय यज्ञ का आयोजन कर रहे थे। बाबुलंद ऐलानिया जिहाद जो  छेड़े हुए थे राष्ट्र के विवेक,सत्य, अहिंसा,न्याय,शांति समानता के बदले समरस मृत्यु उत्सव के नंगे कार्निवाल में हर मनुष्य को बंधुआ कंबंध बनाने के लिए हिंदू राष्ट्र के नाम पर। अंध राष्ट्रवाद के उन्मादी मुक्तबाजारी आवाहन के साथ।गौर से देख लो भइये,उनके रथ के पहिये धंसने लगे हैं।
Mukesh Gautam
दो मासूम बच्चों को जला के मार देने की घटना पे तर्क देते हुए इस संवेदनशील घटना को कुत्तो को पत्थर मारने जैसी घटना बता रहे है देश के ये होनहार मंत्री।
भाजपा को समर्थन करने वाले पासवान, मांझी, उदितराज और sc/st/obc भाजपा सांसद जैसे दलित नेताओ को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए।
कुछ तो शर्म करो।
Truth Of Gujarat's photo.
Truth Of Gujarat

A message for VK Singh, Narendra Modi and other Indian politicians who use dog as a slur - via Siddharthya Roy

ओ.बी सी., एस. सी., एस.टी. के लोगों को अपने पूर्वजों के हत्यारे कौन थे? पता ही नही हैं, सभी लोग क्षेत्र रक्षक थे, जिन्हें ब्राह्मणों के प्रचार द्वारा राक्षस बना दिया । रावण, महिषासुर, मेघनाथ आदि सभी 85% के पुरखे थे और 3% आर्य विदेशी ब्राह्मणों के दुश्मन । 
जिसे सत्य और असत्य इतिहास का पता नही वही आज शूद्र, आदिवासी, मुलनिवासी दास, गुलाम और नीच है।

इस पंचायत में हर जात के लिए अलग कुआं मध्यप्रदेश Edit रतीराम श्रीवास/टीकमगढ। बुन्देलखण्ड का अति पिछडा जिला टीकमगढ को भले ही अग्रेजो की गुलामी से छुटकारा मिल…

Susanskriti Parihar's photo.

खबर है कि भीषण विरोध के आगे सर झुकाते हुए साहित्य अकादमी ने लेखकोंकी हत्या की दोटूक निंदा की है . सिर्फ निंदा ? देशव्यापी ऐतिहासिक प्रतिरोध केबाद ? देखना यह है कि अकादमी ने अपनी सुस्ती और लेखकों को अपमानित करने वाले बयानों पर कोई खेद प्रकट किया या नहीं . प्रोफेसर कलबुर्गी की शोकसभा का निर्णय लिया या नहीं. अभिव्यक्ति की आजादी की गारंटी के लिए कोई प्रस्ताव लिया या नहीं . आन्दोलन जारी है.



Ashutosh Kumar's photo.

One more Marathi writer return award...


Rajendra Kapse's photo.
Rajendra Kapse with Prakash Chandel and 2 others
रामायण मे रावण की हत्या राम ने चैत्र मास की कृष्ण अमावस्या को की थी (रामायण युद्ध काण्ड ,१२४वा सर्ग,श्लोक १)
फिर आज अश्विन माह की दशमी को कैसे रावण को मारने की बात कर रहे है 
आज अशोक धम्म विजय दिवस है जिसका झूठा प्रचार करके ब्राह्मणीकरण कर दिया गया है ,या तो रामायण झूठी है या आज के दिन रावण के मरने की बात प्रचारित करने वाले मक्कार और झूठे है ।


2 hrs · 

एक कहावत है, 'जबरा मारे, रोने भी न दे'। केंद्र सरकार के मंत्री फिलहाल इसी नक्शे कदम पर चल रहे हैं। भाजपा शासित राज्य सरकारें और उनके अनुषंगी संगठन भी इस मामले में पीछे नहीं।

एक तरफ देश के कमजोर और अल्पसंख्यक तबके को सुरक्षा व सम्मान से जीने नहीं मिल रही है। वहीं, इस पर सवाल करने पर हैरान करने वाले जवाब मिलते हैं। दादरी मसले पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की बयानवाजी से हुआ घाव भरा भी नहीं था।

दूसरे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने हरियाणा के दलित परिवार के मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत का माखौल उड़ाया है। देश को झकझोर देने वाले बल्लभगढ़ के घटनाक्रम की तुलना उन्होंने 'कुत्ते पर पत्थर मारने' से कर डाली। ऊपर से सवाल करने वाली मीडिया को पागल करार दिया। हैरानगी होती है, इस सरकार की संवदेनशीलता, अहंकार में डूबे मंत्रियों की बयानवाजी पर।

लेकिन आम आदमी पार्टी आम लोगों का दमन बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी हर उस जुल्म के खिलाफ लड़ती रहेगी, जहां आम आदमी के मौलिक अधिकारों को छीना जायेगा, उनकी आवाज दबाई जायेगी। इसी कड़ी में पार्टी ने न सिर्फ वीके सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बल्कि एससी/एसटी आयोग तक भी मामले को ले गयी है।

Aam Aadmi Party's photo.
इस साल साहित्य के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित बेलारूस की खोजी पत्रकार और नॉन फिक्शन (गैर काल्पनिक) लेखिका स्वेतलाना एलेक्सीविच की सबसे चर्चित किताब 'वॉयसेज फ्रॉम…
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Palash Biswas
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एक कहावत है, 'जबरा मारे, रोने भी न दे'। केंद्र सरकार के मंत्री फिलहाल इसी नक्शे कदम पर चल रहे हैं। भाजपा शासित राज्य सरकारें और उनके अनुषंगी संगठन भी इस मामले में पीछे नहीं।

एक तरफ देश के कमजोर और अल्पसंख्यक तबके को सुरक्षा व सम्मान से जीने नहीं मिल रही है। वहीं, इस पर सवाल करने पर हैरान करने वाले जवाब मिलते हैं। दादरी मसले पर केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा की बयानवाजी से हुआ घाव भरा भी नहीं था।

दूसरे केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने हरियाणा के दलित परिवार के मासूम बच्चों की दर्दनाक मौत का माखौल उड़ाया है। देश को झकझोर देने वाले बल्लभगढ़ के घटनाक्रम की तुलना उन्होंने 'कुत्ते पर पत्थर मारने' से कर डाली। ऊपर से सवाल करने वाली मीडिया को पागल करार दिया। हैरानगी होती है, इस सरकार की संवदेनशीलता, अहंकार में डूबे मंत्रियों की बयानवाजी पर।

लेकिन आम आदमी पार्टी आम लोगों का दमन बर्दाश्त नहीं करेगी। पार्टी हर उस जुल्म के खिलाफ लड़ती रहेगी, जहां आम आदमी के मौलिक अधिकारों को छीना जायेगा, उनकी आवाज दबाई जायेगी। इसी कड़ी में पार्टी ने न सिर्फ वीके सिंह के खिलाफ दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है। बल्कि एससी/एसटी आयोग तक भी मामले को ले गयी है।

Aam Aadmi Party's photo.


Retweeted GAURAV C SAWANT (@gauravcsawant):

This is so unfair on your part. Expecting logical reasonable behaviour from agenda driven action of vested interests

"3/n Writers murdered in Congress ruled Karnataka.Yet progressive writers not protesting in Karnataka coz its Congress ruled.Only target Modi"
A group of Marathi writers today went to Mantralaya, the state secretariat here, to return their literary…

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