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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, April 20, 2016

दीदी के बाद मुकुल राय ने पूरी जिम्मेदारी लेकर कह दिया,जिसने भी पैसे लिये,अपने लिए नहीं लिये! फिर हाईकोर्ट ने वीडियो देखते ही मंतव्य किया,भयंकर! आम वोटरों को फसले के लिए और क्या सबूत चाहिए? पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय ने सीधे कह दियाः‘‘দায়িত্ব নিয়ে বলছি আমাদের কেউ নিজের স্বার্থে টাকা নেয়নি’’! मतलब यह कि खास कोलकाता में दीदी ने नारदा स्टिंग में फंसे सांसदों,मंत्रियों,विधायकों और मेयरों की रिश्वतखोरी से अपने को अलग कर लिया तो स्टिंग में पैसे लेते हुए दीख रहे मुकुल राय ने मान लिया कि रिश्वत सभी ने ली है लोकिन रिश्वत का पैसा किसी ने अपने पास रखा नहीं है और न किसी ने अपने लिए रिश्त ली है। जाहिर है कि अब रिश्वतखोरी हुई है,इसे अलग से साबित करने की जरुरत नहीं है क्योंकि मुकुल राय ने पूरी जिम्मादारी लेते हुए यह इकबालिया बयान सीधे कुरुक्षेत्र के मैदान वर्धमान जिले के कालना के एक चुनाव सभा में जारी कर दिया है। अब सवाल है तो रिश्वत किसी ने रखी नहीं है तो यह रकम किस खाते में जमा हो गयी और किसके हाथों में पहुंची। कुणाल घोष और मदन मित्र के जेल में सड़ते रहने से शारदा मामला रफा दफा हो ही गया तो दीदी क


दीदी के बाद मुकुल राय ने पूरी जिम्मेदारी लेकर  कह दिया,जिसने भी पैसे लिये,अपने लिए नहीं लिये!

फिर हाईकोर्ट ने वीडियो देखते ही मंतव्य किया,भयंकर!

आम वोटरों को फसले के लिए और क्या सबूत चाहिए?

पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय ने सीधे कह दियाः''দায়িত্ব নিয়ে বলছি আমাদের কেউ নিজের স্বার্থে টাকা নেয়নি''!

मतलब यह कि खास कोलकाता में दीदी ने नारदा स्टिंग में फंसे सांसदों,मंत्रियों,विधायकों और मेयरों की रिश्वतखोरी से अपने को अलग कर लिया तो स्टिंग में पैसे लेते हुए दीख रहे मुकुल राय ने मान लिया कि रिश्वत सभी ने ली है लोकिन रिश्वत का पैसा किसी ने अपने पास रखा नहीं है और न किसी ने अपने लिए रिश्त ली है।

जाहिर है कि अब रिश्वतखोरी हुई है,इसे अलग से साबित करने की जरुरत नहीं है क्योंकि मुकुल राय ने पूरी जिम्मादारी लेते हुए यह इकबालिया बयान सीधे कुरुक्षेत्र के मैदान वर्धमान जिले के कालना के एक चुनाव सभा में जारी कर दिया है।


अब सवाल है तो रिश्वत किसी ने रखी नहीं है तो यह रकम किस खाते में जमा हो गयी और किसके हाथों में पहुंची।


कुणाल घोष और मदन मित्र के जेल में सड़ते रहने से शारदा मामला रफा दफा हो ही गया तो दीदी को अभी उम्मीद है कि दो चार दागी मंत्री सांसद वगैरह वगैरह अगर फिर जेल में सड़ने के लिए चले भी जायें तो वे कोलकाता बचा लेंगी।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास

हस्तक्षेप

ব্যক্তিগত কাজের জন্য কেউ কোনও পয়সা নেয়নি। স্টিংকাণ্ডে চাঞ্চল্যকর মন্তব্য মুকুল রায়ের। কার্যত স্বীকার করলেন দলের স্বার্থে টাকা নেওয়ার কথা। খোঁচা বিরোধীদের।


बांग्ला महाभारत के मूसलपर्व का सीधा असर 21 अप्रैल को हो रहे तीसरे चरण के मतदान पर होने वाला है।हांलाकि भूतों के नाच का पूरा पुख्ता इंतजाम है और दिशा दिशा में एक एक इंच जमीन के दखल के लिए हिंसा का सिलसिला जारी है लेकिन चुनाव का फैसला तो नारदा स्टिंग से हो जाने का  अंदेशा है।


उत्तर कोलकाता में भी 21 को मुर्शिदाबाद,नदिया,वर्धमान जिले के साथ तासरे चरण के लिए वोट पड़ने हैं।कुल 62 विधानसभा सीटों के लिए वोट पड़ने से पहले ही सत्तादल सही मायने में दो फाड़ है।


अब देख सुनकर लग रहा है कि विपक्ष की चाहे जो हालत हो या केंद्र सरकारी और लोकसभा एथिक्स कमेटी फैसला करें या नहीं करें,हाईकोर्ट का फैसला जल्ज से जल्द हो या न हो,दीदी से लेकर तृणमूल का हर सिपाहसालार नारदा दंश से बचाव के लिए घूसखोरी को सही बताकर अपने को पाक साफ बताने के फिराक में है।


अब लगता है कि किसी फारेंसिक जांच की भी जरुरत नहीं है और न वीडियो की प्रामाणिकता पर मुहर लगाने की नौबत आने वाली है।दीदी के बाद उनके खास सिपाहसालारमुकुल राय ने भी डंके की टोच पर कह दिया कि रिश्वत ली है।


गौरतलब है कि  है कि स्टिंग ऑपरेशन में तृणमूल कांग्रेस के पांच लोकसभा सांसद सौगत राय, प्रसुन मुखर्जी, सुल्तान अहमद, काकुली घोष दस्तीदार अपरूपा पोद्दार और राज्यसभा सांसद मुकुल राय सहित पार्टी के 12 नेता और मंत्री रिश्वत लेते देखे गए हैं। एथिक्स कमेटी ने इनमें से पार्टी के पांच लोकसभा सांसदों को नोटिस दिया है। जब उनसे पूछा गया कि मामले की जांच कर तृणमूल कांग्रेस के दोषी सांसदों को सजा देने के लिए क्या समय-सीमा निर्धारित की गई है। जवाब में उन्होंने कहा कि एथिक्स कमेटी के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं होती। कमेटी जल्दबाजी में नहीं है।


उत्तर कोलकाता की सीटें तो पहले ही दांव पर थीं।बड़ा बाजर वैसे ही बंगाल में संघ परिवार का गढ़ है और बंगाल की राजनीति के लिए तमाम संसाधन वहीं से पैदा होते हैं और बाजार की ताकते भी वहीं फैसला करती है कि किसकी सरकार बनाये या किसकी सरकार गिरा दें।उली बड़ा बाजार में सत्तादल कटघरे में है।


गिरीश पार्क से हावड़ को जोडने वाले अधबने फ्लाईओवर के धंस जाने से सिंडिकेट का जो मलबा बह निकला है ,वह सूखती हुई गंगा की धार से भी ज्यादा तेज है तो कोलकाता और आसपास,पूरे बंगाल में 42 डिग्री सेल्सियस से लेकर 45 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर बह रही लू से भी भयंकर है।


जोड़ासांको में रवींद्र का पुशतैनी मकान है तो उसी जोड़ासांको सीट पर 21 को वोट पड़ने हैं जहां फ्लाईओवर निर्माण घोटाले के सिंडिकेट से तृणमूली सत्ता के नाभिनाल से एकदम शुरुआत से जो बख्शी परिवार का नाम नत्थी है,उसकी बहू स्मिता खड़ी हैं अपनी सीट बचाने के लिए और मुकाबले में भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राहुल सिन्हा है।


कोलकाता दांव पर है और शहरी मतदाताओं में निर्मायक दीदी की ईमानदारी की छवी है जिसे नारदा स्टिंग ने मटमैला कर दिया है।


वहीं मध्य कोलकाता के चौरंगी में बंगाल की राजनीति के चाणक्य वाम समर्थित कांग्रेस के सिपाहसालार सोमेन मित्र मैदान में हैं,जिनके मुकाबले सासंद सुदीप बदोपाध्याय की अभिनेत्री पत्नी नयना बंदोपाध्याय हैं।


याद करने की जरुरत है कि शुरु से दीदी कोलकाता में बेहद लोकप्रिय रही है और कामरेड ज्योति बसु के जमाने में उनने कोलकाता फतह किया है और लोकसभा चुनाव भी वे लगातार 1984 से कोलकाता से जीतती रही हैं और कोलकाता के भवानीपुर में ही दीदी का विधानसभा केंद्र हैं।


जाहिर है कि बाकी बंगाल में कुछ भी हो जाये,दीदी कोलकाता हारने के लिए तैयार नहीं हैं।


लोकसभा की समिति और हाई कोर्ट का फैसला कभी भी आ सकता है और लाजिमी तौर पर कोलकाता और दीदी के गढ़ दक्षिण बंगाल में इसका असर भयंकर होने वाला है।


कल कोलकाता के सात विधानसभा इलाकों में वोट पड़ने हैं। काशीपुर-बेलगाछिया,बेलेघाटा,माणिकतला,श्यामपुकुर,एंटाली,जोड़ासांको और चौरंगी में भारी संख्य में मुसलमान वोटर हैं,उनकी नजर में भी दीदी का दमान पाक साफ नजर आना चाहिए।


कोलकाता में पहला वोट पड़ने से पहले चुनाव आयोग ने इस बीच दीदी को जोरदार झटका दे दिया है।


ममता बनर्जी के नाम शो काज का जवाब कैसे दे दिया है राज्य सरकार के मुख्यसचिव ने,कोलकाता के शहीद मीनार के अपने भाषण में दीदी के खिलाफ इसे बड़ा मुद्दा बना दिय़ा ता प्रधानमंत्री ने और अब चुनाव आयोग के सचिव आर के श्रीवास्तव ने मुख्यसचिव से जवाब तलब किया है कि उनने ममता की ओर से जवाब क्यों दिये हैं उन्हें कोलकाता में वोट की तारीख 21 अप्रैल के भीतर जवाब देना है।इसके साथ ही आयोग ने साफ कर दिया है कि दीदी को दिये गये नोटिस का जवाब उन्हें ही देना है।



जाहिर है  कि इस संगीन हालात में दीदी के पास कोई दूसरा रास्ता ही खुला नहीं ता कि नारदा स्टिंग के वीडियो में पकड़े गये लोगों से अपने को अलग खड़ा करें वरना वे भली भांति जानती हैं कि कोलकाता में सोमेन मित्र और राहुल सिन्हा अगर चुनाव जीत गये तो उनका ताश का महल भरभराकर गिरेगा।


कुणाल घोष और मदन मित्र के जेल में सड़ते रहने से शारदा मामला रफा दफा हो ही गया तो दीदी को अभी उम्मीद है कि दो चार दागी मंत्री सांसद वगैरह वगैरह अगर फिर जेल में सड़ने के लिए चले भी जायें तो वे कोलकाता बचा लेंगी।



दीदी की इस रणनीति से हड़कंप ही नहीं मचा बाकायदा दीदी के घर से मूसलपर्व शुरु हो गया।


शारदा फर्जीवाड़े में क्लीन चिट पाने के बावजूद भारत के पूर्व रेलमंत्री और दीदी के खासमखास सिपाहसालार शारदा की आग मे अब भी झुलस रहे हैं।दीदी से अलगाव के बाद ऐन चुनाव से पहले उनकी घर वापसी हुई है।


अब पूर्व रेल मंत्री मुकुल राय ने सीधे कह दियाः''দায়িত্ব নিয়ে বলছি আমাদের কেউ নিজের স্বার্থে টাকা নেয়নি''!


मतलब यह कि खास कोलकाता में दीदी ने नारदा स्टिंग में फंसे सांसदों,मंत्रियों,विधायकों और मेयरों की रिश्वतखोरी से अपने को अलग कर लिया तो स्टिंग में पैसे लेते हुए दीख रहे मुकुल राय ने मान लिया कि रिश्वत सभी ने ली है लोकिन रिश्वत का पैसा किसी ने अपने पास रखा नहीं है और न किसी ने अपने लिए रिश्त ली है।

जाहिर है कि अब रिश्वतखोरी हुई है,इसे अलग से साबित करने की जरुरत नहीं है क्योंकि मुकुल राय ने पूरी जिम्मादारी लेते हुए यह इकबालिया बयान सीधे कुरुक्षेत्र के मैदान वर्धमान जिले के कालना के एक चुनाव सभा में जारी कर दिया है।


अब सवाल है तो रिश्वत किसी ने रखी नहीं है तो यह रकम किस खाते में जमा हो गयी और किसके हाथों में पहुंची।


पहले ही आरोप है कि शारदा के खजाने से गाड़ियों में भर भर कर पैसे विधानसभा चुनाव से पहले मौकों पर रवाना कर दिये गये और हवा बनाने के लिए तृणमूल के समर्थन में मीडिया खड़ा करने में शरदा का दिवालिया निकल गया और इस सिलसिले में शारदा के मालिक जेल में बंद सदीप्त सेन का इकबालिया बयान रिकार्ड है।मीडिया प्रमुख कुणाल घोष ने तो जेल डायरी में यही किस्सा बयान किया है और जब भी उन्हे जेल से अदालत ले जाया जाता है वे खुलेआम चीख चीखकर नाम लेकर कहते हैं कि शारदा का पैसा दबाने वाले छुट्टा घूम रहे हैं।


अब मुकुल राय की आवाज में न सिर्फ फंसे हुए मंत्रियों,सांसदों और मेयरों की आवाजें है,बल्कि उसीमें कुणाल घोष और सुदीप्तो सेन की आपबीती की गूंज भी है।


Ei Samay

4 hrs ·

শেষ পর্যন্ত নতুন করে মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়কে নির্বাচনী বিধিভঙ্গের শো -কজ নোটিস পাঠাল নির্বাচন কমিশন৷



নারদ-কাণ্ডে তদন্ত চায় হাইকোর্ট, ভিডিও পুরনো হলেও দোষীরা সাজা পাবে না? বললেন প্রধান বিচারপতি

নারদ-কাণ্ডে তদন্ত চায় হাইকোর্ট, ভিডিও পুরনো হলেও দোষীরা সাজা পাবে না? বললেন প্রধান বিচারপতি

কলকাতা: নারদ-কাণ্ডে তদন্ত চায় কলকাতা হাইকোর্ট। সত্য উদঘাটনে দ্রুত শুনানি চান হাইকোর্টের প্রধান বিচারপতি। না হলে জনমানসে সংশয় তৈরি হবে বলে উদ্বেগ জানিয়েছেন তিনি। পাশাপাশি মঙ্গলবার নারদা মামলার শুনানিতে তিনি প্রশ্ন তোলেন, নারদ নিউজের ভিডিও ফুটেজ যদি দু বছরের পুরনোও হয়, তা হলে কি দোষীরা শাস্তি পাবে না?

নারদ-ফুটেজে যাঁদের দেখা গিয়েছে তাঁদের পক্ষের আইনজীবী তথা তৃণমূল সাংসদ কল্যাণ বন্দ্যোপাধ্যায় এ দিন আদালতে দাবি করেন, নারদ নিউজের ফুটেজটি দু বছর আগে তোলা। এখন এটাকে রাজনৈতিক উদ্দেশ্যে ব্যবহার করা হচ্ছে। সম্প্রতি মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ও একাধিকবার এই তত্ত্ব খাড়া করেছেন। পুরনো ভিডিও, ভোটের আগে ইচ্ছে করে ব্যবহার করছে বলে মন্তব্য করে অভিযোগ খারিজ করতে চেয়েছেন।

কিন্তু প্রধান বিচারপতির এদিনের বক্তব্যের অর্থ, দু বছরের পুরনো ফুটেজ-তৃণমূলের এই তত্ত্বকে গুরুত্ব দিচ্ছে না হাইকোর্ট। ঘটনা যা-ই হোক না কেন, স্টিংকাণ্ডে অভিযুক্তরা প্রত্যেকেই জনপ্রতিনিধি। তাই সত্যি সামনে আসুক। দোষীদের বিরুদ্ধে পদক্ষেপ হোক। জনগণের আস্থাই গুরুত্বপূর্ণ, এমনই মন্তব্য করেছে আদালত।

প্রধান বিচারপতি বলেন, নারদ নিউজের ভিডিও ফুটেজ প্রকাশ্যে আসার পর থেকে সমাজে আলোড়ন সৃষ্টি হয়েছে। জনমানসে চাঞ্চল্য দেখা দিয়েছে। সত্য সামনে আসা দরকার। ভিডিও ফুটেজ যদি জালও হয়, তা হলেও সেটা অত্যন্ত বিপজ্জনক। ফুটেজটি সত্যি হলেও এটা অত্যন্ত বিপজ্জনক। জনগণের ভরসা এবং বিশ্বাস সবথেকে গুরুত্বপূর্ণ বিষয়। ভিডিও ফুটেজে যাঁদের দেখা গিয়েছে, তারা প্রায় প্রত্যেকেই জনপ্রতিনিধি। সত্য প্রকাশ্যে আসা জরুরি।

প্রধান বিচারপতি এও বলেন, এই ভিডিও ফুটেজ ফরেন্সিক পরীক্ষার জন্য কোনও একটি পরীক্ষাগারে পাঠাবার কথা ভাবছি। রিপোর্ট আসলে তা গোপন রাখা হবে মামলার শুনানি শেষ না হওয়া পর্যন্ত।

এরপর প্রধান বিচারপতি নির্দেশ দেন, নারদ নিউজের সম্পাদক ম্যাথ্যু স্যাম্যুয়েলের পক্ষ থেকে যে দুটি হলফনামা দেওয়া হয়েছে, তার বিরোধিতায় অন্যান্য পক্ষের কারও কোনও বক্তব্য থাকলে, তা আগামী ২৭ এপ্রিলের মধ্যে হলফনামা আকারে জমা দিতে হবে।

২৭ তারিখ ফের মামলার শুনানি।

নারদ-ফুটেজে যাঁদের দেখা গিয়েছে তাঁদের পক্ষের আইনজীবীরা হলফনামা জমা দেওয়ার সময়সীমা বাড়ানোর অনুরোধ করেন। তখন প্রধান বিচারপতি বলেন, এই মামলা দিনের পর দিন চলতে পারে না। তদন্ত এবং মামলার নিষ্পত্তি দ্রুত করতে হবে। সত্য সামনে আনতে হবে। তাই আপনাদের এই অনুরোধ মানতে পারছি না।

নারদের ফুটেজ এ দিন জমা পড়ে হাইকোর্টে। কোর্ট যে কমিটি গড়ে দিয়েছিল, তারা স্যামুয়েলের থেকে আনা একটি মোবাইল ফোন, পেন ড্রাইভ এবং সিডি কোর্টে জমা দেয়। এগুলিকে রাষ্ট্রয়াত্ত ব্যাঙেকর লকারে রাখার নির্দেশে দিয়েছে আদালত। বলা হয়েছে, গোটা বিষয়টি গোপন রাখতে হবে। লকারের চাবি থাকবে হাইকোর্টের কাছে।

এদিকে আদালতের বক্তব্যের পরিপ্রেক্ষিতে সিপিএম নেতা মহম্মদ সেলিমের দাবি, মুখোশ উন্মোচিত হোক। দাবি ধামাচাপা দেওয়া যাবে না, বুঝেছেন মমতাও। এমনই  কটাক্ষ করেছেন আবদুল মান্নান।

নারদকাণ্ডে মুকুলের মন্তব্য অস্ত্র বিরোধীদের, অস্বস্তিতে তৃণমূল

স আমদানি হল। কি না..স্টিংকাণ্ড। স্টিংকাণ্ডে ছবি দেখানো হচ্ছে। এ টাকা নিচ্ছে, ও টাকা নিচ্ছে। মমতা ব্যানার্জি বলেছেন, দলীয় পর্যায়ে তদন্ত হবে। এটা আমি অত্যন্ত দায়িত্বের সঙ্গে বলে যেতে চাই, যাঁদের ছবি দেখছেন, তাঁরা কেউ ব্যক্তিগত কাজে, নিজের স্বার্থ চরিতার্থ করার জন্য নিজের সুবিধের জন্য এক পয়সা খরচ করেনি। তদন্ত হোক। তদন্তে সব বেরিয়ে যাবে।

এর আগে অবশ্য নারদ নিউজ স্টিং ফুটেজ নিয়ে মুকুল রায়ের গলায় শোনা গিয়েছে ভিন্ন তত্ত্ব। কখনও তিনি দাবি করেছেন, ফুটেজ জাল।

এরপর মুকুল দাবি করেন, তহেলকাকাণ্ডের সময় বিজেপির তৎকালীন সর্বভারতীয় সভাপতি বঙ্গারু লক্ষ্মণের ঘুষ নেওয়ার যে ভিডিও সামনে এসেছিল, তাও না কি নকল ছিল!

যদিও, বাস্তবটা হল, বঙ্গারু লক্ষ্মণের ঘুষের অভিযোগ প্রমাণিত হয়েছিল। তাঁর সাজাও হয়েছিল। বিরোধীরা কটাক্ষ করে বলছে, নারদের চাপ কতটা তা মুকুল রায়ের বার বার সুর বদল থেকেই বোঝা যাচ্ছে। এখন তাঁর দাবি,

এটা আমি অত্যন্ত দায়িত্বের সঙ্গে বলে যেতে চাই, যাঁদের ছবি দেখছেন, তাঁরা কেউ ব্যক্তিগত কাজে, নিজের স্বার্থ চরিতার্থ করার জন্য নিজের সুবিধের জন্য এক পয়সা খরচ করেনি।

মুকুল রায়ের এই মন্তব্য ঘিরে রাজনৈতিক মহলে শোরগোল পড়ে গিয়েছে। বিরোধীদের প্রশ্ন, মুকুল রায় কি তা হলে বোঝাতে চাইলেন, সবই দলের জন্য? কিন্তু, তাঁর দলে তো একজনই সব! তা হলে কি শীর্ষ নেতৃত্বের ঘাড়ে দায় চাপালেন মুকুল? এই জল্পনার মাঝেই, নারদকাণ্ড নিয়ে বিরোধীরা এ দিন ফের সুর চড়ায়।

পর্যবেক্ষকদের একাংশের মতে, ভোটের মধ্যে নতুন তত্ত্ব খাড়া করতে গিয়ে নয়া বিতর্ক উস্কে দিলেন মুকুল রায়।

দিদির 'তারকাপ্রীতি'কেই আক্রমণ করে বসলেন সদ্য তাঁর দলে আসা স্বঘোষিত 'চাষার ব্যাটা'! তবে রেজ্জাক যা বলেছেন, একান্ত আলোচনায় তা আগে অনেকবারই তৃণমূলের একাধিক নেতা স্বীকার করেছেন।

EBELA.IN|BY নিজস্ব সংবাদদাতা


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