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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, July 27, 2017

मनुस्मृति नस्ली राजकाज राजनीति में ओबीसी कार्ड और जयभीम कामरेड पलाश विश्वास

मनुस्मृति नस्ली  राजकाज राजनीति में ओबीसी कार्ड और जयभीम कामरेड
पलाश विश्वास
अब तक संघ परिवार के खिलाफ विपक्ष की सारी राजनीति ओबीसी क्षत्रपों की मोर्चाबंदी की रही है,जो मनुस्मृति की अश्वमेधी सेना के खिलाप रेत के किले के सिवाय़ कुछ नहीं है।जाति और पहचान के वोटबैंक समीकरण से सबसे बड़ी अस्मिता और पहचान हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला असंभव है,इस सच का सामना बार बार हो रहा है।
एक के बाद एक क्षत्रप भारतीयलोकतंत्र और आम जनता के साथ विश्वासगात कर रहे हैं लेकिन वोटबैंक समीकरण की इस राजनीति के अलावा नस्ली कारपोरेट फासिज्म के मुकाबले के बारे में सोचने से बी हम लगातार इंकार करते हुए संघ परिवार की राजनीति को ही मजबूत बनाने में लगे हैं क्योंकि ओबीसी संघ परिवार का ट्रंप कार्ड है,जिसे हम सिरे से नजरअंदाज कर रहे हैं।
सत्ता के लिए ही नीतीश कुमार और लालू का गठबंधन बना है और इस कथित महागठबंधन के बावजूद नीतीश कुमार और शरद यादव उसीतरह संघपरिवार के कारिंदे बने रहे हैं,जैसे मुलायमसिंह यादव।बिहाल में जो हुआ या होगा,उसपर चौंकेने की गुंजाइश नहीं है।मेघालय समेत पूरब और पूर्वोत्तर में बंगाल में ही अब भाजपा सरकार बनने की देरी है,जहां केसरिया सेना मजबूती के साथ मोर्चा संभाले हुए है।बिहार के पतन के बाद बंगाल जीत लेने के बाद संघ परिवार को रोकना बेहद मुश्किल होगा और हम अब भी इस सच का मुकाबला करने को तैयार नहीं है।
नीतीश को लेकर रोना गाना बंद करके सच का सामना करने की पहल तो करें।

अस्मिता और पहचान की राजनीति के तहत क्षत्रपों ने भारतीय लोकतंत्र का गुड़ गोबर कर दिया है और इसमें  भी ओबीसी क्षत्रपों का रोल सबसे ज्यादा भयंकर है।मनुस्मृति विधान के हिंदू राष्ट्र में ओबीसी कार्ड का इस्तेमाल संघ परिवार किस तरह करता रहा है,इसपर जय भीम कामरेड,आनंद पटवर्धन की बहुचर्चित फिल्म और छात्र युवाओं के आंदोलन की पृष्ठभूमि में पिछले साल हमने एक वीडियो अपलोड किया था।ओबीसी देश की सबसे बड़ी जनसंख्या है जो बजरंगी पैदल सेना बन गयी है और इस वजह से संघ परिवार को हिंदू कारपोरेट राष्ट्र बनाने में इतनी भारी कामयाबी मिल रही है।नीतीश कुमार को सारे लोग इस वक्त गरिया रहे हैं लेकिन ओबीसी कार्ड में तब्दील सारे क्षत्रपों की भूमिका पर चर्चा बेहद जरुरी है और इस सिलसिले में पहचान की राजनीति के तिलिस्म को तोड़कर प्रतिरोध की जमीन तैयार करना उससे भी जरुरी है।इस बहस के लिए मैं अपना वह पुराना वीडियो जो पूरे देश को संबोधित करने के लिए अंग्रेजी में है,आज फेसबुक पर लगा रहा हूं।

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