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Memories of Another day

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Wednesday, September 4, 2013

बैरकपुर तक मेट्रो बीटी रोड के बदले कल्याणी हाईवे होकर प्रस्तावित

बैरकपुर तक मेट्रो बीटी रोड के बदले कल्याणी हाईवे होकर प्रस्तावित


अगर इस योजना पर अमल हुआ तो न सिर्फ डनलप और बैरक पुर के बीच तमाम उपनगर मेट्रो सेवा से वंचित होंगे,बल्कि मेट्रो रेलवा से कट जायेगी बीटीरोड के दोनों किनारे बसी हिंदी पट्टी भी।



एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​


बीटी रोड के नीचे बिछी पानी की पाइपलाइनों की वजह से नोआपाड़ा से बैरकपुर तक की मेट्रो रेलवे खटाई में है। मेट्रो रेलवा की लाइन ले जाने के लिए बीटी रोड पर स्तंभ बनाये जाने हैं। लेकिन इन स्तंभों को बनाने के लिए पलता टाला पाइपलाइन की छह में से कम सेकम दो को उखाड़ना होगा।अब बैरकपुर तक मेट्रो बीटी रोड के बदले कल्याणी हाईवे होकर प्रस्तावित है।अगर इस योजना पर अमल हुआ तो न सिर्फ डनलप और बैरक पुर के बीच तमाम उपनगर मेट्रो सेवा से वंचित होंगे,बल्कि मेट्रो रेलवा से कट जायेगी बीटीरोड के दोनों किनारे बसी हिंदी पट्टी भी।



मुश्किल यह है कि स्तंभ बन जाने के बाद फिर दोनों पाइपलाइनें बिछाना असंभव है। अगर ऐसा हुआ तो पहले ही पेयजल संकट से त्राहि त्राहि कर रहे कोलकाता नगर निगम और उपनगरों में भारी जलसंकट हो जाने की आशंका है।इसलिए बीटी रोड पर मेट्रो रेलवे का काम स्थगित है।


छह पाइपलाइनों को खतरा


नोवापाड़ा से दक्षिणेश्वर की 3.8 किमी मेट्रो रुट पर दूसरी तरफ काम प्रगति पर है।स्तंभ विवाद के के लिए नोवापाड़ा और दक्षिणेश्वर के बीच बन रहे बरानगर मेट्रो स्टेशन से बैरकपुर तक  10.5 किमी मेट्रो पथ पर काम शुरु होना बाकी है।नगर निगम और केएमडीए किसी भी कीमत पर बीटी रोड पर किसी निर्माण की इजाजत देने को तैयार हैं ही नहीं। क्योंकि बीटी रोड पर किसी भी निर्माम से उसके ठीक नीचे बसी छह छह पाइपलाइनों का क्षतिग्रस्त हो जाना तय है।


रेलवे लाइन के बराबर क्यों नहीं


अगर बीटी रोट के ऊपर से मेट्रो चल सकती है,अगर कल्याणी हाईवे से होकर मेट्रो ट्रेनें गुजर सकती है ।तो सवाल है कि नोवापाड़ा से बैरकपरु तक जो रेलवे लाइन बनी हुई है,उसके दोनों तरफ जो रेलवे की जमीन है,उस पर मेट्रोपथ का निर्माम क्यों नहीं हो सकता। इस विकल्प पर सोचा ही नहीं गया है।



जलापूर्ति बचाने की कवायद


अब कोलकाता नगर निगम ने बीटी रोड पर मेट्रो रेलवे की परियोजना को खारिज करते हुए सर्वे संस्था राइट्स के मुताबिक नोआपाड़ा से मेट्रो रेलवे लाइन कल्याणी हाईवे के ऊपर से ले जाने के वैकल्पिक प्रस्तार विचार कर रहा है।


जलापूर्ति बचाने की निगम की इस कवायद पर मेट्रो रेलवे का जवाब अभी नहीं आया है। लेकिन हालत यह है कि कोलकाता को जलापूर्ति जारी रखनी है तो बीटी रोड नहीं, बल्कि कल्याणी हाईवे से होकर गुजरनी चाहिए मेट्रोरेल। इसमें परेशानी यह है कि ऐसा होने पर बीटी रोड के किनारे बसे उपनगरों सेमेट्रोसमवादूर हो जायेगी।मेट्रो रेलवे ही नहीं, इस सिलसिले में जनमत बनाने की राजनीतिक प्रशासनिक  कवायद भी जरुरी हो गयी है।


पाइपलाइन हटाना असंभव


जलापूर्ति की पाइपलाइनें अन्यत्र स्थानांतरित तकरना एक विकल्प हो सकता है। लेकिन इसके लिए जमीन कहां से आयेगी, यह समस्या है तो इससे बड़ी समस्या यह है कि इतनी बड़ी कवायद के लिए पैसा कौन देगा।


देहात से गुजरता है कल्याणी हाईवे


मेट्रो रेलवे के लिए परेशानी यह है कि कल्याणी हाईवे देहात इलाकों से गुजरता है। वहां शहरीकरण जरुर हो रहा है लेकिन आबादी का घनत्व बीटी रोड के मुकाबले बेहद कम है।


मेट्रो से दूर होंगे उपनगर


कल्याणी हाईवे से नोवापाड़ा से बैरकपुर मेट्रो लाइन ले जाने पर बेलघरिया,आगरपाड़ा, खड़दह , सोदपुर और टीटागढ़ को मेट्रो सेवा से वंचित होना पड़ेगा। निमता और घोला को जरूर फायदा होगा। उधर बारासात तक मेट्रो रेलवे मध्यमग्राम होकर जाना है, जो कल्याणी हाईवे से बहुत नजदीक है।


वाणिजियिक संभावना


जाहिर है कि मेट्रोरेलवे को वाणिज्यिक संभावनाओं के मद्देनजर जवाब देना मुश्किल है। बहरहाल सर्वोच्च स्तर पर राजनीतिक पहल से ही यह गुत्थी सुलझ सकती है।





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