Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, September 2, 2013

पर्यटन बचाने के लिए अब दुर्गोत्सव की मार्केटिंग। खस्ताहाल सड़कें पूजा से पहले सवांर दी जायेंगी।

पर्यटन बचाने के लिए अब दुर्गोत्सव की मार्केटिंग। खस्ताहाल सड़कें पूजा से पहले सवांर दी जायेंगी।


एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास​

पर्यटन बचाने के लिए अब दुर्गोत्सव की मार्केटिंग।दुर्गोत्सव को पर्यटन उत्सव में बदलने के लिए खस्ताहाल सड़कें पूजा से पहले सवांर दी जायेंगी। लेकिन इस उत्सव में नयी राजधानी हावड़ा और नये नगर निगम विधाननगर की कितनी भागेदारी होगी,कहना मुश्किल है। क्योंकि सड़कों को सवांरने की जिम्मेवारी कोलकाता नगर निगम को दी गयी है। इस कवायद में न हावड़ा है ौर न विधाननगर।


पर्यटनस्थल दार्जिलिंग के अलावा और भी


गोरखालैंड आंदोलन की वजह से बंगाल में मुख्य पर्यटन केंद्र दार्जिलिंग में सन्नाटा है। बंगाल में आकर्षणीय पर्यटनस्थल दार्जिलिंग के अलावा और भी हैं। मसलन मुर्शिदाबाद और मालदह। दीघा और संदरवन। लेकिन इन पर्यटनस्थलों का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया।


सागरद्वीप का समुद्रतट


सागरद्वीप का समुद्रतट भी कम आकर्षणीय नहीं है। लेकिन वहां गंगासागर मेले को केंद्रित धार्मिक पर्यटन के अलावा दूसरे विकल्पों पर अभी सोचा नहीं गया है।


दार्जिलिंग के साथ ही गोरखालैंड आंदोलन की वजह से बंगाल के कोलिंपोंग और सिक्किम में भी पर्यटन संकट है।


पर्यटन विकल्प का टोटा


दुर्गापूजा की छुट्टियों में कम किफायती बजट पर आसपास घूमने वाले लोगों के लिए बंगाल के पर्यटन स्थल बेहतर विकल्प हो सकते हैं। लेकिन बंगाल में पर्यटन विकास के लिए अभी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। अब राज्य में संकट में फंसे पर्यटन उद्योग को उबारने के लिए विश्वभर में प्रसिद्ध दुर्गोत्सव को ही मुख्य पर्यटन आकर्षण बनाने जा रही है बंगाल सरकार।


वीआईपी ट्रीट


दुर्गोत्सव के मौके पर बंगाल आने वाले पर्यटकों को वीआईपी ट्रीट दिया जायेगा। यानी वे बिना कतार में खड़े वीआईपी गेट से सीधे पंडाल के भीतर जा सकेंगे।उनके लिए गंगा के रास्ते पूजा देकने का अलग इंतजाम भी किया जायेगा।


नकदी की कमी


बंगाल में पूजा की उलटी गिनती शुरु हो गयी है। रुक रुक कर बारिश के बीच पूजा बाजार में खूब रौनक  है। लेकिन पंडालों और मूर्तियों के लिए बजट का संकट है। चिटफंड कंपनियां पंडालों और मूर्तियों केलिए खूब पैसे देती थी। वह सिलसिला रुक गया है। छोटे बड़े पूजा आयोजक परेशान है। परेशानी है कुम्हारटोली के कारीगरों को। इस आपदा को रोकने के लिए सरकार के पास क्या योजना है और कैसे फीकी होने वाली पूजा को पर्यटकों के आकर्षण बनायेगी सरकार ,इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है।


महालया से दशमी के बीच


बहरहाल महालया से दशमी के बीच पर्यटकों को देशभर से और विदेश से भी पर्यटक खींचने के लिए राजधानी नईदिल्ली में राज्य के पर्यटन मंत्री कृष्णेंदु नारायण चौधरी  ने कुल उन्नीस आकर्षक पैकेज की मार्केटिंग की ट्यूर आरपरेटरों के साथ बैठक में। दूसरी तरफ पालिका व शहरी विकास मंत्री ने पूजा से पहले ही राजसरकार नगरनिगमों और पालिकाओं के समन्वित प्रयासों से रास्ता घाट सवांरने का वायदा करदिया है।


नई दिल्ली में मंत्री के साथ थे पर्यटन सचिव विक्रम सेन और पर्यटन विकास निगम के तमाम अफसरान। थे राज्य के  बेसरकारी ट्यूर आपरेटरों, होटलों के प्रतिनिधि और इको ट्यूरिज्म संस्था समेत कई स्टाल।


253 सड़कें खस्ताहाल


कोलकाता नगर निगम की बैठक में शहरी विकास मंत्री ने सड़कों का हाल सुधारने की जिम्मेवारी तीन मेयर पार्षदों को सौंप दी है। इस बैठक में कोलकाता नगर निगम, केआईटी, लोकनिर्माण विभाग, कोलकाता पोर्ट ट्रस्ट, कोलकाता पुलिस, केएमडीए, कोलकाता ट्रामवेज केअफसरान भी शामिल थे। कोलकाता पुलिस ने बैठक में ही कोलकाता निगम इलाके में खस्ताहाल 253 सड़कों की सूची पेश कर दी। कोलकाता पुलिस के मुताबिक डायमंड हारबार रोड और जेम्स लांग सरणी की हालत इनमें सबसे ज्यादा खराब है।


पूरे राज्य में


शहरी विकास मंत्री ने वायदा किया है कि पूजा से पहले सिर्फ महानगर कोलकाता नहीं, बल्कि बाकी राज्य में भी सड़कों को संवार दिया जायेगा। इसके लिए राष्ट्रीय सड़क विकास विभाग सेपैसे बी मांगे गये हैं। वहां से पैसा नहीं आया तो भी सड़कों की मरम्मत पूजा से पहले होगी।


अतीन घोष को जिम्मेदारी


कोलकाता नगरनिगम के मेयर परिषद के तीन सदस्य देवाशीष कुमार, अतीन घोष और सुशांत कुमार घोष लोकनिर्माण मंत्री सुदर्शन घोष दस्तिदार और शहरी विकास मंत्री के साथ समन्वय रखकर इस काम को अंजाम देंगे।हलांकि कोलकाता  नगरनिगम में विपक्ष की नेता रुपा बागची ने आशंका जतायी है कि 25 सितंबर तक की अवधि में सड़कों पर टल्ली डालने के अलावा  और कुछ करना संभव नहीं है।


पांच करोढ़ का नुकसान


इसी बीच पश्चिम बंगाल पर्यटन विकास निगम के निदेशक भीष्मदेव दासगुप्त के अनुसार गोरखालैंड आंदोलन की वजह से अब तक पर्यन उद्योग को पांच करोड़ का नुकसान हो गया है। पहाड़ों में होटलों की जो बूकिंग हुई, उसका नब्वे फीसधी रद्द कर दिया गया है।


No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...