समस्याओं से घिरा नया राइटर्स
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
तय हो चुका है कि पहली अक्तूबर को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नये राइटर्स एतआरबीसी,मंदिरतला में चली जायेंगी। लेकिन मंदिरतला में राइटर्स का स्थानांतरण का काम बार बार बाधित हो रहा है, जो चिंता की बात है।
हाल मे ंहुई बारिश के बाद एचआरबीसी के चारों तरफ जो जल जमा हो गया,उसके मद्देनजर पूरे इलाके की निकासी व्यवस्था दुरुस्त करनी होगी। सुरक्षा के लिहाज से घनी आबादी से घिरे एचआरबीसी के आसपास बसे गुमटी दुकानवालों को हटाना है और मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले सुरक्षा इंतजामात चाकचौबंद करना है। कर्मचारियों और दूसरे लोगों के लिए यातायात की व्यवस्था सुगम करनी है। कोलकाता और हावड़ा के बीच जलपथ का बहुआयामी विस्तार करना है।
यह सब बाहरी परिदृश्य है। लेकिन मुख्य समस्या है कि एकदम नयी इमारत में न सिर्फ राइटर्स के मुकाबले जगह एक चौथाई है, बल्कि बुनियादी सुविधाओं के मामले में वहां बहुत कुछ करना बाकी है।
पेयजल संकट
मसलन हाल में दो दिन तक पेयजल आपूर्ति ठप हो जाने की वजह से प्रशासन का भारी मुश्किलात का सामना करना पड़ा।ऐसा तकनीकी कारण सेहुआ, बताया जाता है। लेकिन इस इमारत की लिफ्ट में भी गड़बड़ी बतायी जा रही है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार पहली अक्तूबर के भीतर आरबीसी में सीएमओ समेत सत्रह विभाग स्थानांतरित होने है। इसके साथ ही राइटर्स की मरम्मत के लिए पहली अक्तूबर तक खाली कर देना होगा। विशेषज्ञों के मुताबिक राइटर्स पूरी तरह खाली न होने तक मरम्मत शुरु ही नहीं हो पायेगी। इसीलिए मख्यंत्री ने सारी तैयारियां पूरी करने की समयसीमा भी तय कर दी है।
तदर्थ व्यवस्था का खतरा
संकट यह है कि किसा तरह सीएमओ के लिए सारे िइंतजामात हो गये, लेकिन बाकी विभागों का काम पहली अक्तूबर से पहले न हो पाने की स्थिति में मुखयंत्री की शिफ्टिंग के बाद भारी प्रशासनिक समस्या उठ खड़ी होगी एक तरफ तो दूसरी ओर राइटर्स समय पर खाली न हो पाने पर मरम्त का काम भी समय से नहीं हो पायेगा। सारी व्यवस्था तदर्थ हो जायेगी।
मुश्किल में लोकनिर्माण विभाग
हालात इतने गंभीर हैं कि लोकनिर्माण विभाग के लोग हात पर हाथ धरे बैठे हैं या फिर काम छोड़कर घर लौट रहे हैं।नये राइटर्स में बुनियादी सुविधाएं बहाल करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विबाग की है और अफसरान अजब संकट में गजब फंस गये हैं। वहा काम कर रहे लोगों को लगातार दो दिन तक एक बूंद पेयजल नहीं मिला। अगर राइटर्स स्थानांतरण के बाद यह हादसा हो गया तो क्या होगा,अफसरों को असली सरदर्द यही है।इमारत में सारे के सारे पंप और मोटर खराब हैं।
मुख्यमंत्री दफ्तर तक कैसे पहुंचेगी
सबसे अहम सवाल है कि खुद मुख्यमंत्री अपने दफ्तरतक कैसे पहुंचेंगी।मुख्यमंत्री कार्यालय एचआरबीसी की चौदहवीं मजिल में स्थानांतरित होना है। लेकिन वहा तक लिफ्ट पहुंच ही नहीं रही है।एचआरबीसी प्रबंधन से शिकायत दर्ज कराकर अफसरान उम्मीद कर रहे हैं कि शायद वे ही उनकी मदद कर सकें।ऐसा नहीं हुआ तो मुख्यमंत्री को रपट करनी होगी।
एचआरबीसी प्रबंधन भी परेशान है और उनकी बार बार बैठकें हो रही हैं ताकि समय पर सबकुछ दुरुस्त कर लिया जाये।
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