Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, September 5, 2013

Fwd: [NAINITAL MLA. ( SARITA ARYA )] बल्ली भाई की गजल में नैनीताल ......





प्रयाग पाण्डे
प्रयाग पाण्डे 7:52pm Sep 5
बल्ली भाई की गजल में नैनीताल ......

बड़े पर्वत पे पानी से भरा इक थाल रक्खा है ।
बड़ा -सा फ़रिज बना कर नाम नैनीताल रक्खा है ।

बड़े सुंदर हैं ये बाजार नैनीताल के दोनों ,
इधर तल्ली उधर का नाम मल्लीताल रक्खा है ।

गुलामों की तरह निचली सडक भी साथ है चलती ,
मगर ऊँची सडक का नाम उसने "माल " रक्खा है ।

अमीरी - शौक है ये मयकशी और वो भी किश्ती में ,
मेरे जैसे फकीरों ने भी इसको पाल रक्खा है ।

उधर वो सब नशीली घूप का आनन्द लेते हैं ,
इधर ठंडी सडक की ठंड ने कर बेहाल रक्खा है ।

डिनर या लंच कह कर जाने क्या - क्या खाते रहते हो ,
मगर " बल्ली " ने इनका नाम रोटी - दाल रक्खा है ।

- बल्ली सिंह चीमा

View Post on Facebook · Edit Email Settings · Reply to this email to add a comment.

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...