Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, September 27, 2014

यह हिंदी साहित्‍य का प्‍लैटिनम काल है।


यह हिंदी साहित्‍य का प्‍लैटिनम काल है।

सवेरे-सवेरे टाइम्‍स ऑफ इंडिया के पेज नंबर 30 पर ''हैप्‍पी रेजि़डेंट'' माननीय रवींद्र और ममता कालिया जी की तस्‍वीर अंसल एपीआइ के रियल एस्‍टेट विज्ञापन में देखकर बता नहीं सकता कि कितनी खुशी हुई। कौन कहता है कि हिंदी का लेखक अंडर मार्केट है???

यह हिंदी साहित्‍य का प्‍लैटिनम काल है।   सवेरे-सवेरे टाइम्‍स ऑफ इंडिया के पेज नंबर 30 पर ''हैप्‍पी रेजि़डेंट'' माननीय रवींद्र और ममता कालिया जी की तस्‍वीर अंसल एपीआइ के रियल एस्‍टेट विज्ञापन में देखकर बता नहीं सकता कि कितनी खुशी हुई। कौन कहता है कि हिंदी का लेखक अंडर मार्केट है???
UnlikeUnlike ·  · 

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...