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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, September 28, 2011

Fwd: [Buddhist Friends] कुटवी गांव में मेरी मुलाकात स्कूल टीचर अनामिका...



---------- Forwarded message ----------
From: Ak Pankaj <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/9/28
Subject: [Buddhist Friends] कुटवी गांव में मेरी मुलाकात स्कूल टीचर अनामिका...
To: Buddhist Friends <buddhistfriends@groups.facebook.com>


कुटवी गांव में मेरी मुलाकात स्कूल टीचर अनामिका...
Ak Pankaj 6:12pm Sep 28
कुटवी गांव में मेरी मुलाकात स्कूल टीचर अनामिका पांडेय से हुई. अनामिका ने बताया कोरकु बच्चों का दिमाग नहीं होता है. वे पढ़ने में रूचि नहीं लेते. मैंने पूछा, क्यांे? तब उसने बताया कि कोरकु बच्चे हमारी और किताब की भाषा समझ ही नहीं पाते. पता नहीं सरकार क्यों नहीं इस पर ध्यान देती है. अगर इन्हें पढ़ाना है तो कोरकु भाषा में किताबें बनानी चाहिए.

मैंने फिर अनामिका से और कुछ नहीं बात की. स्कूल की दीवारों पर टंगे चित्रों को देखता रहा. आप भी देखिए. और किसी भी समुदाय के हत्या की इस नयी तकनीक ईजाद करने के लिए सरकारों को धन्यवाद दीजिए.

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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