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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, September 29, 2011

Fwd: [Right to Education] योजना आयोग की मानें तो देश में खाने पर 32 रुपये...



---------- Forwarded message ----------
From: Ravi Rakshit <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/9/29
Subject: [Right to Education] योजना आयोग की मानें तो देश में खाने पर 32 रुपये...
To: Right to Education <167844673250090@groups.facebook.com>


योजना आयोग की मानें तो देश में खाने पर 32...
Ravi Rakshit 6:57pm Sep 29
योजना आयोग की मानें तो देश में खाने पर 32 रुपये रोज खर्च करने वाले गरीब नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट को सौंपे अपने हलफनामें में योजना आयोग ने कहा है कि खानपान पर शहरों में 965 रुपये प्रति महीना और गांव में 781 रुपये प्रति महीना खर्च करने वाले शख्स को गरीब नहीं माना जा सकता है। योजना आयोग के मुताबिक शहर में हर रोज 32 रुपये और गांव में 26 रुपये खर्च करने वाला शख्स बीपीएल परिवारों को मिलने वाली सुविधा पाने का हकदार नहीं है। आपको बता दें कि गरीबी की ये नई परिभाषा तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर तैयार की गई है। योजना आयोग का मानना है कि हर रोज 5.5 रुपये का अनाज, 1.02 रुपये की दाल, 2.33 रुपये का दूध और 1.55 रुपये का खाद्य तेल एक इंसान को सेहतमंद रखने के लिए काफी है। रिपोर्ट ये भी कहती है कि सब्जियों पर हर रोज 1.95 रुपये, फल पर 44 पैसे, चीनी पर 70 पैसे और नमक-मसाले पर 78 पैसे खर्च करना उचित होगा, जबकि 1.51 रुपये दूसरे खाद्य पदार्थों पर खर्च हो सकते हैं। किचन में गैस या दूसरे ईंधन पर रोजाना 3 रुपए 75 पैसे का खर्च प्रस्तावित है। << फल पर ४४ पैसे :) ..हा हा हा...हंसो ..अब हँस ही सकते हैं कांग्रेस पर..>>

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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