अब ओडि़शा के आदिवासियों की नहीं लग रही प्रदर्शनी
आदिवासी बहुल जिले रायगढ़ा के जिलाधिकारी नितिन बी जावले कहते हैं कि 'सुरक्षा की दृष्टि से हमने पिछले दो हफ्तों से विदेशी सैलानियों के घुमने जाने पर पाबंदी लगा दी है. इस मामले में प्रशासन ने टूर आपरेटर्स को भी निर्देश जारी कर दिया है...
अब इसे अपहरण राजनीति की माओवादी सफलता कहें या कुछ और, लेकिन ओडि़शा सरकार विदेशी सैलानियों को आदिवासियों के बीच फिलहाल नहीं जाने दे रही है. पिछले महीने की 14 तारीख को इटली के दो सैलानियों का माओवादी पार्टी के हथियार बंद दस्ते ने यह कहते हुए अपहरण कर लिया था कि राज्य और केंद्र सरकार ने आदिवासियों को प्रदर्शनी की वस्तु बना रखा है. अपहृत एक सैलानी को माओवादियों ने 25 मार्च को रिहा कर दिया था और सरकार को भेजे 13 सूत्री मांगों में से 3 को मानने की शर्त रखी.
देशी-विदेशी सैलानियों के लिए अभयारण्य बन चुके आदिवासियों को लेकर पहली बार सरकार संजीदा दिखी है और डर से ही सही आदिवासियों को प्रदर्शनी की वस्तु बनाने से ओडि़सा सरकार इस समय परहेज कर रही है. माओवादी पार्टी के ओडि़सा राज्य सचिव सब्यसाची पांडा ने प्रेस विज्ञप्ती जारी कर कहा था कि, 'घुमने आने वाले सैलानी आदिवासियों के निजी जीवन से संबंधित तस्वीरें खींचते और दुनियाभर में बेचते हैं.
आदिवासी बहुल जिले रायगढ़ा के जिलाधिकारी नितिन बी जावले कहते हैं कि, 'सुरक्षा की दृष्टि से हमने पिछले दो हफ्तों से विदेशी सैलानियों के घुमने जाने पर पाबंदी लगा दी है. इस मामले में प्रशासन ने टूर आपरेटर्स को भी निर्देश जारी कर दिया है.'
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