Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Sunday, April 22, 2012

आमे की डाई मा घुघुती नी बासा

http://www.nainitalsamachar.in/village-migration-is-a-problem-in-pithoragarh/

आमे की डाई मा घुघुती नी बासा

ghughuti-birdपिछले दिनों गाँव गया तो पूरे वातावरण में एक अजीब सी उदासी महसूस हुई। गाँव के आँगन, पटांगण व दीवारें, जो पहले लोगों से भरे रहते थे, जहाँ पर देश-दुनिया की तमाम बातों पर पंचायत लगा करती थी, वह सब खाली थे। जो आँगन पहले गाय, भैंस, बैलों से भरे रहते थे, सब सूने दिखाई दिए। चहकने वाली पक्षियों की प्रजातियाँ भी नहीं दिखाई दीं। क्या मानव, क्या पशु, क्या पक्षी सभी ने गाँव से मुँह मोड़ लिया है। गाँव अब खाली व वीरान होते जा रहे हैं। आने वाले समय में स्थितियाँ और दुःश्वार हो जाएंगी।

पहले गाँव में घर बनाते वक्त व्यक्ति पशु-पक्षियों के रहने की व्यवस्था भी करता था। पर्यावरणीय स्थितियों का पूरा ध्यान रखा जाता था। घर इस तरह डिजाइन किये जाते कि छतों के नीचे जो लकड़ी तोड़दानी लगाई जाती, उसमें पक्षियों के तो घर के प्रथम तल में गाय, भैंस, बकरी आदि के रहने की व्यवस्था की जाती थी। घर का आँगन पशु-पक्षियों से भरा रहता। लेकिन अब लोगों के पलायन के साथ पशु पालन भी कम हो गया है। घरों में गोरैया आदि पक्षी चहकते थे। आस-पास के पेड़ों पर पक्षियों की विभिन्न प्रजातियों का बसेरा रहता था। घुघुती (डब), गौरेया (घिनुड़ी), सिन्टई (सेंटुला, मैना) की किलकारियों से वातावरण गुंजायमान रहता था। अब पर्यावरण को ताक पर रखकर घर बनाए जा रहे हैं। पत्थरों व लकड़ी का स्थान लोहे व सीमेंट ने ले लिया है। इस बदलाव ने जहां मानवीय स्वास्थ्य को प्रभावित किया है तो वहीं पक्षियों की प्रजातियों को भी मनुष्य से दूर कर दिया है।

पशु-पक्षी पूरे वातावरण में उल्लास लाते थे। कई पक्षियों की प्रजातियाँ अब कम होने लगी हैं और कई विलुप्ति की कगार पर हैं। घर में जब ये पक्षी नहीं चहकते तो घर, घर जैसा नहीं लगता। अब तो इनकी महिमा गीतों तक ही सिमट कर रह गई हैं। पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ ही पशु-पक्षिओं में रुचि लेने वाले भी इस बात से चिंतित हैं। क्या हम इस स्थिति को बदल सकते हैं ?

यदि आप यह गाना सुनना चाहते हैं और इस के बारे में और जानना चाहते हैं तो क्लिक करें।

संबंधित लेख....

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...