गुजरात नरसंहार मोदी का कलंक नहीं रहा, बल्कि उनके अधिनायकत्व की कारपोरेट ब्रांडिंग है!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
मडोना और मारिया कैरी की बराबरी कर ली नरेंद्र मोदी ने, खुले बाजार की यह संस्कृति ही हिंदू राष्ट्र का प्रशस्त राजमार्ग है! इस मोदी का मुकाबला करना किसी कांग्रेस के बूते में कतई नहीं है। न ही मोदी विरोधी बयानों और राजनीति से कुछ होना जाना है। इसके लिए जो संयुक्त मोर्चा चाहिए लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष सामाजिक व उत्पादक शक्तियों का, वंशवादी वर्चस्वविरोधी, उसके लिए न हम तैयार हैं और न यह देश। इसलिए फिलहाल नरेंद्र मोदी अपराजेय है और भारत का हर हाल में हिंदू राष्ट्र बनना अमोघ नियति।
मडोना और मारिया कैरी की बराबरी कर ली नरेंद्र मोदी ने, खुले बाजार की यह संस्कृति ही हिंदू राष्ट्र का प्रशस्त राजमार्ग है! गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषणों के थ्री-डी प्रसारणों को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में जगह मिली है। मोदी ने ट्विटर पर लिखा, 'गुजरात चुनावी प्रचार अभियान और भी यादगार बन गया। थ्री डी प्रसारणों ने गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड बनाया।' एनचांट थ्री डी कंपनी ने 10 दिसंबर को मोदी के 55 मिनट के भाषण का 53 जगहों पर एक साथ थ्रीडी प्रसारण किया था। यूरोप में प्रचलित इस तकनीक का मडोना और मारिया कैरी जैसे सितारों ने भी इस्तेमाल किया है।पश्चिमी देश जिस तरह मोदी के स्वागत में तैयार दिख रहे हैं उसका श्रेय 'ब्रांड गुजरात' को सजा-संवार कर पेश करने वाले मार्केटिंग गुरुओं को भी जाता है!हिंदू राष्ट्र और अबाध पूंजी प्रवाह वाले मुक्त बाजार का एजंडा एक ही है। इसीके मुताबिक मोदी की ब्रांडिंग हुई है। हिंदू राष्ट्र के विरोध के बिना लोकतंत्र और धर्म निरपेक्षता जिस तरह बेमानी है, उसी तरह हिंदुत्व के विरोध के लिए आर्थिक नरसंहार, कारपोरेट राज और मुक्त बाजार की विनाशकारी आर्थिक नीतियों का विरोध किसी भी जनप्रतिरोध का प्रस्थानबिंदू होना चाहिए।गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में कहा, "जब लोग मेरे ऊपर पत्थर उछालते हैं, तो मैं उनका जवाब नहीं देता, बल्कि उन पत्थरों की सीढ़ियां बनाता हूं और आगे बढ़ जाता हूं।" असल में मोदी ने यह बात एक बार नहीं बल्कि कई बार कही है ...और सही कहा है। जो का बाबरी विध्वंस से नहीं हुआ, मोदी ने गुजरात नरसंहार के जरिये वह पूरा कर दिखाया। हिंदू राष्ट्र के भूगोल के लिए अयोध्या नहीं, राजधानी अहमदाबाद है। प्रधानमंत्रित्व का सवाल गैरप्रासंगिक है, इसेमोदी से बेहतर कोई नहीं समझता और अपने खेल में वे अप्रतिद्वंद्वी बनते जा रहे हैं। विभाजित धर्म निरपेक्ष, विभाजित लोकतांत्रिक और विभाजित बहुजन मूलनिवासी आंदोलन की वजह से। य़ही नरेंद्र मोदी की असली ताकत और हिंदू राष्ट्र की मजबूत नींव है। इसीलिए मोदी विरोधी देशी अभियानों से बेपरवाह ग्लोबल आर्डर की शैतानी ताकतों के लिए असली मर्यादा पुरुषोत्तम तो नरेंद्र मोदी ही हैं।
गुजरात नरसंहार मोदी का कलंक नहीं रहा, बल्कि उनके अधिनायकत्व की कारपोरेट ब्रांडिंग हैं। इस मोदी का मुकाबला करना किसी कांग्रेस के बूते में कतई नहीं है। न ही मोदी विरोधी बयानों और राजनीति से कुछ होना जाना है। इसके लिए जो संयुक्त मोर्चा चाहिए लोकतांत्रिक धर्मनिरपेक्ष सामाजिक व उत्पादक शक्तियों का, वंशवादी वर्चस्वविरोधी, उसके लिए न हम तैयार हैं और न यह देश। इसलिए फिलहाल नरेंद्र मोदी अपराजेय है और भारत का हर हाल में हिंदू राष्ट्र बनना अमोघ नियति। जरा गौर करें।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता से इंकार नहीं किया जा सकता। लेकिन पार्टी को अभी निर्णय करना है कि क्या गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री पद के अगले प्रत्याशी होंगे। सिह ने पत्रकारों द्वारा मोदी के इस लोकसभा चुनाव में भाजपा का चेहरा होने के सवाल पर कहा, "इसका निर्णय पार्टी की केंद्रीय संसदीय समिति करेगी। लेकिन कोई मोदी की लोकप्रियता से इंकार नहीं कर सकता।"
मोदी कीलोकप्रियता और अनुसूचितों को हिंदुत्व की पैदल सेना में तब्दील करने की उनकी दक्षता अब प्रश्नातीत है। आप मानें या नहीं, बाजार की ताकतों को मालूम है। जायनवादी ग्लोबल आर्डर का महानायक है मोदी। और हम सिरफ अपनी धर्मनिरपेक्षता और मानवाधिकार के गुब्बारे फुलाते लिलिपुट।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार सुबह अमेरिका और कनाडा के प्रवासी भारतीयों को विडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित किया। मोदी ने अपने भाषण में गुजरात के विकास का जमकर बखान किया। मोदी ने कहा कि ऐसा नहीं है कि हमने गलतियां नहीं कीं, लेकिन विकास होने पर जनता माफ कर देती है। मोदी के भाषण का यह खास पॉइंट था। कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या गलती का मतलब गुजरात दंगों से था? मोदी के इस करीब एक घंटे के भाषण की एक और खास बात यह थी कि उन्होंने कांग्रेस का एक बार भी नाम नहीं लिया।गौरतलब है कि कुछ दिन पहले वॉर्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम ने मोदी को मुख्य वक्ता बनने का न्योता देकर उनका भाषण रद्द कर दिया था। इसके जवाब में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था। मोदी का यह कार्यक्रम अमेरिका के एडिसन, न्यू जर्सी, शिकागो, इलिनॉयस में भी सुना गया। भारत में भी की टीवी चैनलों ने इसे प्रसारित किया।
विकास से गलतियां माफः मोदी ने अपने भाषण में कहा, 'अगर आप अच्छा काम करोगे... निरंतर अच्छा करोगे... बिना स्वार्थ के करोगे...तो लोग आपकी गलतियां भी माफ करते हैं। मतदाता ज्यादा उदार होता है। ऐसा नहीं है कि हमारी सरकार ने कोई गलती नहीं की है। ऐसा नहीं है कहीं किसी इलाके में हमारे लिए शिकायतें नहीं आईं... लेकिन कमियां रहते हुए भी अच्छा करने के हमारे प्रयासो में किसी ने कोताही नहीं बरतते हुए देखा।'
मेरे लिए धर्मनिरपेक्षता मतलब इंडिया फर्स्टः मोदी ने कहा कि उनकी धर्मनिरपेक्षता की परिभाषा बिल्कुल क्लियर है। उनके लिए सेकुलरिज्म का मतलब है इंडिया फर्स्ट। उन्होंने कहा कि मैं 12-13 साल के गुजरात के अनुभव से कहता हूं कि विकास हर मुश्किल का हल है। गुजरात के वोटर्स ने यह साबित किया है। पूरे देश में यह विश्वास पैदा किया है कि विकास ही हर मुश्किल का मंत्र है।
दुनिया में गुजरात के विकास की चर्चाः मोदी ने कहा कि गुजरात के विकास की दुनियाभर में चर्चा हो रही है। जब अमेरिका में मंदी थी, तब भी गुजरात में विकास हो रहा था। मोदी ने गुजरात में अपनी सरकार के तीन कार्यकालों की तारीफ करते हुए कहा कि 2001 में उनकी जो लगन थी, वह इतने साल बाद भी कायम है। उन्होंने कहा कि वह यह सब मान-सम्मान के लालच में नहीं, बल्कि अपने 6 करोड़ गुजरातियों के लिए कर रहे हैं। उनकी तकलीफ बेचैन कर देती है। जीवन उनके कल्याण के लिए काम आ जाए, इससे बड़ी बात नहीं हो सकती।
स्किल डिवलेपमेंट पर जोरः उन्होंने कहा कि गुजरात सरकार का स्किल डिवलेपमेंप पर सबसे ज्यादा जोर है। भारत सरकार का स्किल डिवलेपमेंट का बजट 1 हजार करोड़ है। वहीं गुजरात का बजट 800 करोड़ है।
सोशल ऐक्टिविस्ट से राजनेता बने अरविंद केजरीवाल और मणिपाल समूह के अध्यक्ष मोहनदास पाई वॉर्टन इंडिया इकनॉमिक फोरम को संबोधित करेंगे। वॉर्टन स्कूल द्वारा आयोजित इस सालाना सम्मेलन को संबोधित करनेवालों की नई लिस्ट में अब केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार राज्य मंत्री मिलिंद देवड़ा का नाम शामिल नहीं है।वॉर्टन सम्मेलन का 17वां सेशन पहले से ही विवादों में घिरा हुआ है। गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करने के लिए और बाद में पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के प्रफेसर और छात्रों के एक समूह के विरोध के बाद आमंत्रण रद्द करने से जमकर विवाद हुआ था। पहली लिस्ट में 6 प्रमुख वक्ताओं में मोदी का भी नाम था। नई लिस्ट में पुराने वाले सिर्फ दो प्रमुख वक्ता योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया और यूएस इंडिया बिजनस के अध्यक्ष रॉन सोमर्स बच गए हैं।
विडियो लिंक के जरिए संबोधित करने के लिए मोदी का आमंत्रण रद्द करने के बाद दो अन्य वक्ताओं अदाणी समूह के गौतम अदाणी और हेक्सावेयर टेक्नॉलजीज के अतुल निसार ने सम्मेलन में भाग न लेने का फैसला किया था। सम्मेलन के आयोजकों के मुताबिक आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक केजरीवाल और अहलूवालिया विडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित करेंगे। हालांकि आयोजकों ने ताजा सूची में देवड़ा का नाम न होने की वजह नहीं बताई। इससे पहले इस सम्मेलन को संबोधित करने वालों में एपी. जे. अब्दुल कलाम, पी. चिदंबरम, के. वी. कामत, वरुण गांधी, अनिल अंबानी और सुनील मित्तल रहे हैं।
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Thursday, March 14, 2013
गुजरात नरसंहार मोदी का कलंक नहीं रहा, बल्कि उनके अधिनायकत्व की कारपोरेट ब्रांडिंग है!
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