शताब्दी ने कहा,दीदी अनुव्रत के खिलाफ यथासमय कार्रवाई जरुर करेंगी। दीदी किस किस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी?
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
तृणमूल के बीरभूम जिलाध्यक्ष अनुव्रत मंडल के उकसावे पर निर्दलीय उम्मीदवारों पर हमले की गटना के मद्देनजर राज्य चुनाव आयोग ने रपट जरुर मंगायी है,विपक्षी दल भी खूब शोर मचा रहे हैं,लेकिन उनके खिलाफ एफआईआर तक दर्ज नहीं हुई। न शीर्ष तृणमूल नेतृत्व ने उनपर अंकुश लगाया है। लेकिन वीरभूम की तृणमूल सांसद शताब्दी राय ने टीवी चैनलों के जरिये उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शताब्दी के मुताबिक अनुव्रत का आचरण बर्दाश्त से बाहर है और उन्हें उम्मीद है कि दीदी इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगी और यथासमय उचित कार्रवाई जरुर करेंगी।विख्यात साहित्यकार महाश्वेता देवी ने पंचायत चुनावों के मौके पर इस घृणा अभियान की निंदा की है और कहा है कि गालीगलौज से ही हिंसा भड़कती है।दूसरी तरफ चुनावों में अमन चैन बनाये रखने के लिए विख्यात शिक्षाविद ने राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडेय का समर्थन करने के लिए आम जनता से अपील की है।
पार्टी सांसद शताब्दी रॉय ने मंडल की टिप्पणी से दूरी बनाते हुए कहा, 'मुझे लगता है कि यह निजी राय है, पार्टी की सोच ऐसी नहीं है।
मैं इस तरह के बयान का समर्थन नहीं कर सकती।' उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इस संबंध में फैसला करेगी।
जबकि हाल यह है कि स्वयं पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि लोकसभा चुनाव के बाद बंगाल के कांग्रेसी मंत्री सड़क पर आ जाएंगे और उनकी हालत भिखारियों जैसी हो जाएगी। ममता बनर्जी ने कहा, '(बंगाल से) कांग्रेस के मंत्री हमेशा ही हमें बुरा कहते रहते हैं। उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज वे जो मंत्री हैं, हमारे सहयोग की वजह से ही हैं।'
इसी बीच तृणमूल सांसद तापस पाल और राज्य के उद्योगमंत्री पार्थ चटर्जी पर भी आरोप हैं कि वे अनुव्रत की राह पर हैं।अनुव्रत अपनी सफाई जरुर दे रहे हैं लिकिन उन्होंने अपने कहे पर अफसोस अभीतक नहीं जताया है। जबकि नदिया की चुनाव सभा में सांसद तापस पाल ने माकपाइयों को बलात्कारी और कातिल बताते हुए उन्हें पीटकर सीधा कर देने की अपील की।अब अनुव्रत और तापस की जितनी आलोचना हो रही है,इससे बेपरवाह उनके बचाव में खड़े हो गये हैं स्वयं उद्योग मंत्री। दीदी किस किस के खिलाफ कार्रवाई करेंगी ?इससे पहले मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक और सांसद कल्याम बंदोपाध्याय से लेकर मंत्री मदन मित्र तक पर घृणा अभियान के आरोप लग चुके हैं।किसी के विरुद्ध न प्रशासनिक कार्रवाई हुई और न दीदी ने अंकुश लगाया।
नदिया जिले के टेहटा में एक रैली के दौरान कृष्णानगर से टीएमसी सांसद तापस पाल ने कहा, 'मूलरूप से मैं तृणमूल कांग्रेस का सिपाही हूं। आप भी तृणमूल कांग्रेस के सिपाही बनें।
जहां कहीं भी माकपा कार्यकर्ता मिलें, उनकी जूते से पिटाई करें।' उन्होंने आरोप लगाया कि नंदीग्राम में भूमि आंदोलन के दौरान माकपा कार्यकर्ताओं ने महिलाओं का रेप किया।
गौरतलब है कि बीरभूम जिला अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए निर्दलीय उम्मीदवारों पर 'हमला' करने और पुलिस पर 'बम फेंकने' के लिए कह डाला। मंडल ने कहा कि पंचायत चुनाव में जिन निर्दलीय उम्मीदवारों ने टीएमसी उम्मीदवार को धमकाया हो उनपर 'हमला' करो और 'पुलिसवालों पर बम फेंको'।मंडल के बयान पर राज्य चुनाव आयुक्त मीरा पांडे ने भी संज्ञान लेते हुए बीरभूम डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट और एसपी से रिपोर्ट तलब की है।
'अगर प्रशासन इन निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करता है तो उस प्रशासन की पुलिस पर बम फेंको।' अहम बात यह रही कि मंडल जब यह बयान दे रहे थे तो कृषि मंत्री मलय घटक और मछली पालन मंत्री चंद्रनाथ सिन्हा मंच पर ही मौजूद थे। बीते हफ्ते ही मंडल ने कांग्रेस को 'भिखारियों की पार्टी' कहा था।एक महीने पहले ही, मंडल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को निर्देश देते हुए कहा था कि सीपीआई(एम), कांग्रेस सहित अन्य उम्मीदवारों को नॉमिनेशन भरने से रोका जाए। अभी तक सरकार की तरफ से इस पूरे घटनाक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हालांकि मंडल ने बोलपुर में संवाददाताओं से कहा कि मेरा यह कहने का मतलब नहीं था। गलती से मेरी जुबान फिसल गई।इस बीच भाजपा की स्टेट यूनिट ने राज्य चुनाव आयोग को पत्र लिखकर मंडल को गिरफ्तार करने की मांग की है।
नदिया जिले के टेहटा में एक रैली के दौरान कृष्णानगर से टीएमसी सांसद तापस पाल ने कहा, 'मूलरूप से मैं तृणमूल कांग्रेस का सिपाही हूं। आप भी तृणमूल कांग्रेस के सिपाही बनें।
जहां कहीं भी माकपा कार्यकर्ता मिलें, उनकी जूते से पिटाई करें।' उन्होंने आरोप लगाया कि नंदीग्राम में भूमि आंदोलन के दौरान माकपा कार्यकर्ताओं ने महिलाओं का रेप किया।
पंचायत चुनाव में हिंसा को शर्मनाक करार देते हुए जानी-मानी साहित्यकार महाश्वेता देवी ने कहा कि चुनाव प्रचार के दौरान गालियों और आक्रामक भाषा के इस्तेमाल से हिंसा भड़की।
सोमवार को यहां एक कार्यक्रम के दौरान जब महाश्वेता देवी से वर्धमान जिले की हिंसा पर उनकी टिप्पणी मांगी, तब उन्होंने कहा, बुरी भाषा का इस्तेमाल हिंसा के भड़कने के लिए जिम्मेदार है। जिले में पंचायत चुनाव के दूसरे चरण के दौरान हिंसा में तीन व्यक्तियों की जान चली गई।
पिछले सप्ताह तृणमूल कांग्रेस बीरभूम जिले के तृणमूल अध्यक्ष अनुब्रत मंडल ने अपने भाषण में गालियां दी थीं और कांग्रेस को 'भिखारियों का दल' कहा था।
आज इससे पहले दिन में कांग्रेस ने आरोप लगाया कि मालदा जिले में केंद्रीय मंत्री एएच खान चौधरी की रैली पर बम फेंके गए और गोलियां चलाई गईं। हालांकि पुलिस ने इसका खंडन किया।
ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित महाश्वेता देवी ने कहा, क्या सभ्य समाज में यही होता है। यह शर्मनाक बात है।
No comments:
Post a Comment