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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, July 31, 2013

Reyazul Haque क्रांतिकारी कवि वरवर राव और लेखिका अरुंधति राय ने प्रेमचंद जयंती के मौके पर हंस के सालाना आयोजन में न जाने का फैसला किया है. उन्होंने इस आयोजन के बहिस्कार का ऐलान किया है. यह फैसला इस आयोजन में गोविंदाचार्य जैसे प्रतिक्रियावादी और फासिस्ट व्यक्ति और अशोक वाजपेयी जैसी शख्सियत को बुलाए जाने की वजह से किया गया है. इन दोनों को बुलाए जाने के बारे में वरवर राव और अरुंधति को नावाकिफ भी रखा गया. यह आधिकारिक बयान नहीं है और जल्दी ही इस संदर्भ में एक आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. मालूम हो कि हंस ने ऐसी ही गलती 2010 में भी की थी, जब उसने अरुंधति से बिना कन्फर्म किए यह प्रचारित किया था कि विश्वरंजन और अरुंधति प्रेमचंद जयंती वाले आयोजन में बोलने आ रहे हैं. तब भी अरुंधति ने साफ किया था कि उनसे इसके बारे में बात नहीं की गई थी और वे विश्वरंजन के साथ मंच साझा नहीं करेंगी. — with Rajendra Yadav and 7 others.

क्रांतिकारी कवि वरवर राव और लेखिका अरुंधति राय ने प्रेमचंद जयंती के मौके पर हंस के सालाना आयोजन में न जाने का फैसला किया है. उन्होंने इस आयोजन के बहिस्कार का ऐलान किया है. यह फैसला इस आयोजन में गोविंदाचार्य जैसे प्रतिक्रियावादी और फासिस्ट व्यक्ति और अशोक वाजपेयी जैसी शख्सियत को बुलाए जाने की वजह से किया गया है. इन दोनों को बुलाए जाने के बारे में वरवर राव और अरुंधति को नावाकिफ भी रखा गया. यह आधिकारिक बयान नहीं है और जल्दी ही इस संदर्भ में एक आधिकारिक बयान जारी किया जाएगा. मालूम हो कि हंस ने ऐसी ही गलती 2010 में भी की थी, जब उसने अरुंधति से बिना कन्फर्म किए यह प्रचारित किया था कि विश्वरंजन और अरुंधति प्रेमचंद जयंती वाले आयोजन में बोलने आ रहे हैं. तब भी अरुंधति ने साफ किया था कि उनसे इसके बारे में बात नहीं की गई थी और वे विश्वरंजन के साथ मंच साझा नहीं करेंगी. — with Rajendra Yadav and 7 others.

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