इस बार तीन जनवरी को सोनी सोरी के मामले की सुनवाई सर्वोच्च न्यायालय में हुई थी .मैं सर्वोच्च न्यायालय में उपस्थित था . मेरे साथ एक बड़े अखबार की महिला पत्रकार भी थी .
सोनी के वकील कालीन गोंसाल्वेस ने कहा कि सोनी सोरी को दिल्ली से पकड़ कर छत्तीसगढ़ ले जाया गया . रात को पुलिस अधिकारी ने उसे थाने में निवस्त्र किया और उसे नीचे गिरा दिया . उसके बाद सोनी के पैरों में बिजली का करेंट लगाया गया . इसके बाद सोनी सोरी के शरीर में कुछ आब्जेक्ट डाले गये .सोनी ने अपने शरीर में भारी पन महसूस किया .फिर वह दर्द से बेहोश हो गई . बाद में जब कलकत्ता के मेडिकल कालेज में सोनी सोरी को जांच के लिये ले जाया गया . तो डाक्टरों ने सोनी की योनी से दो पत्थर के टुकड़े और गुदा से एक पत्थर का टुकड़ा निकाला .
इस पर भारत के मुख्य न्यायाधीश माननीय श्री अल्तमश कबीर ने कहा कि हाँ हमें याद है कि वह पत्थर के टुकड़े सर्वोच्च न्यायालय को भेजे गये थे और हमने उन्हें सील कर सुरक्षित रखने का आदेश दिया था .
इसके बाद भारत के मुख्य न्यायाधीश महोदय ने कहा कि ठीक है अब अगली सुनवाई फरवरी में रख लेते हैं . छत्तीसगढ़ सरकार के वकील ने देरी करवाने की नियत से कहा नहीं फरवरी में मुझे कुछ काम है . मुख्य न्यायाधीश महोदय ने अगले ही क्षण कहा अच्छा तो फिर मार्च में कर लेते हैं .
और सोनी सोरी के मामले की सुनवाई मार्च तक बढ़ा दी गई .
दिल्ली बलात्कार मामले के कारण उबलती हुई जन भावनाओं से प्रभावित होकर आजकल हमारे मुख्य न्यायाधीश महोदय सभी न्यायाधीशों को पत्र लिख रहे हैं कि महिलाओं पर यौन प्रतारणा के मामलों में शीघ्र न्याय दिया जाए.
हमें समझना पड़ेगा कि सोनी सोरी के मामले में मुख्य न्यायाधिपति इतनी सुस्ती क्यों दिखा रहे हैं ?
पूरा देश यह तो समझ रहा है कि अगर सोनी के साथ ऐसी प्रतारणा करने वाला कोई सामान्य सा बस ड्राइवर या कोई आवारा लड़का होता तो उसे अब तक सज़ा मिल गई होती . हम सब यह भी जानते हैं कि सोनी सोरी को न्याय देने में देश की सर्वोच्च न्यायालय इसलिये हिचकिचा रही है क्यों कि सोनी सोरी का अपराधी एक बड़ा पुलिस अपराधी है जिसे इस कांड को अंजाम देने के बाद इस राष्ट्र के राष्ट्रपति ने वीरता का पुरूस्कार दिया था .
सोनी सोरी को न्याय देते ही यह सिद्ध हो जायेगा कि सरकार कैसे जन विरोधी हो चुकी है ? सोनी सोरी को न्याय देते ही सिद्ध हो जायेगा कि यह सरकारी तन्त्र किन लोगों के लिये काम कर रहा है ? सोनी को न्याय देते ही यह भी साफ़ हो जायेगा कि ज़मीने हड़पने के लिये आदिवासियों का जनसंहार किया जा रहा है .
सोनी सोरी को न्याय देने में इस तन्त्र को इसीलिये बहुत डर लग रहा है . कि सोनी सोरी को न्याय देते ही वो बड़ा पुलिस अधिकारी जेल चला जायेगा .
उस पुलिस अधिकारी के जेल जाते ही दूसरे पुलिस अधिकारी डर जायेंगे . और आदिवासियों की ज़मीनों को पुलिस के दम पर छीनने का जो खेल देश भर में चल रहा है उसमे उसमे बाधा पड़ सकती है .
इसलिये गरीबों की ज़मीने हड़पने में लगा हुआ यह पूरा सरकारी तन्त्र अपने उस बदमाश पुलिस अधिकारी को बचाने में लगा हुआ है . राष्ट्रपति से लेकर थानेदार तक सब सोनी सोरी से डरे हुए हैं .
सोनी सोरी को न्याय मिलते ही भारतीय सत्ता तन्त्र का वो पर्दा उठ जायेगा जिसके पीछे इस तन्त्र ने अपना असली क्रूर खूनी पंजा छिपाया हुआ है .
इसलिये सोनी को न्याय देने में पूरे तन्त्र को घबराहट हो रही है .
और सच तो यह भी है कि हम सब जो सोनी को न्याय दिलवाना चाहते हैं हम भी सिर्फ एक लड़की को न्याय दिलवाने के लिये नहीं लड़ रहे बल्कि हमे पता है कि सोनी को न्याय मिलते ही इस क्रूर सत्ता तन्त्र को दो कदम पीछे हटना पड़ेगा . और असके साथ ही तुरंत इस क्रूरता के खिलाफ लड़ने वाले लोग दो कदम आगे बढ़ जायेंगे .
सोनी सोरी का मामला इसी कारण अब बहुत महत्वपूर्ण हो गया है .क्योंकि सोनी को अगर न्याय नहीं मिलता है तो फिर इस तन्त्र को किसी से भी डरने की कोई ज़रूरत ही नहीं बचेगी . फिर जन का कोई भी डर तन्त्र को नहीं रहेगा .तन्त्र जो चाहेगा वो करेगा .
डर यह है कि तन्त्र के पास लाखों बंदूकें टैंक, बम वर्षक जहाज और परमाणु बम हैं .
खतरनाक बात यह है कि तन्त्र को टाटा, अम्बानी जैसे लोग अपनी जेब में डाल सकते है .
इतना शक्तिशाली तन्त्र अगर कुछ लोगों के फायदे के लिये हमारी ही महिलाओं की योनी में पत्थर भरेगा तो भी हम उस तन्त्र का साथ दे सकते हैं क्या .
हाँ हम इसी तन्त्र का साथ देने के लिये मजबूर हैं .
हमारी मुसीबत यह है कि इस तन्त्र को टैक्स देने , इसे ही वोट देने और इस तन्त्र को ही अपना तन्त्र कहने के अलावा हमारे पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है .
और चूंकि हमारे पास कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है और हमे पता है कि हमारे द्वारा पोषित तन्त्र हमारी बेटियों पर हमला करेगा तो हमारे पास बचने का कोई दूसरा रास्ता ही नहीं है .
हमारे पास कोई विकल्प नहीं है .
इसलिये हम सोनी सोरी की तरफ से मूंह फेर लेते हैं .
हम उधर देखने में डरते हैं .
कब तक डरोगे ?
This Blog is all about Black Untouchables,Indigenous, Aboriginal People worldwide, Refugees, Persecuted nationalities, Minorities and golbal RESISTANCE. The style is autobiographical full of Experiences with Academic Indepth Investigation. It is all against Brahminical Zionist White Postmodern Galaxy MANUSMRITI APARTEID order, ILLUMINITY worldwide and HEGEMONIES Worldwide to ensure LIBERATION of our Peoeple Enslaved and Persecuted, Displaced and Kiled.
Thursday, July 18, 2013
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