बाजार में गिरने लगी कोल इंडिया की साख
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
कोल इंडिया के पांचों यूनियनों के प्रतिनिधियों ने कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल से मिलकर कंपनी की दस प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का विरोध किया है। उन्होंने अपनी दूसरी मांगों के साथ इस सिलसिले में एक ज्ञापन भी कोयलामंत्री को दिया।यूनियनों ने फिर बेमियादी हड़ताल की धमकी दी है। जबकि कोयला मंत्री ने पुनर्विचार का आश्वासन देकर उन्हें आहिस्ते सेटरका दिया।शीरस्थ स्तर पर हो चुके नीति निर्धारण में कोयलामत्री अब क्या हस्तक्षेप कर पाते हैं, यही देखना बाकी रह गया है। इस सिलसिले में गौरतलब है कि विनिवेश के हल्ले के कारण कोलइंडिया की साख गिरने लगी है और सप्ताहांत बंद हुए शायर बाजार में इस गिरावट की दस्तक काफी तेज सुनायी पड़ी ।कोल इंडिया की ट्रेड यूनियन कंपनी में विनिवेश का विरोध करती रही है। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने हाल में कहा है कि कोयला मंत्रालय मुद्दों को सुलझाने के लिए यूनियन से बातचीत करेगा।वित्त मंत्री के कहे मुताबिक कोयला मंत्री यूनियनों को मनाने की कवायद में ही लगे हैं।
कोलइंडिया केउत्पादन में गिरावट, अंतरराष्ट्रीय कोयला मूल्य में गिरावट, कोयला नियामक के गठन, विनिवेश और पुनर्घठन के साये में बुरी तरह फंसी कोलइंडिया के शेयरों के भाव गिरने लगे हैं।कोलगेट कांड और ब्लाकों के आबंटन में देरी का भी कोल इंडिया की साख पर प्रतिकूल असर हो रहा है।इसके विपरीत एनटीपीसी के शेयर मजबूत होने के आसार हैं। एनटीपीसी ने कोल इंडिया के साथ एफएसए साइन कर लिया है। एनटीपीसी ने कोल इंडिया के साथ करीब 2 एफएसए पर हस्ताक्षर किए हैं।
कुल मिलाकर औद्योगिक परिदृश्य अभी अंधेरे में हैं।मई में औद्योगिक उत्पादन अनुमान से भी खराब रहा है। मई में आईआईपी सिकुड़कर -1.6 फीसदी पर आ गई है। बाजार को मई में आईआईपी ग्रोथ 1.5 फीसदी रहने का अनुमान था।वहीं इसी साल अप्रैल महीने में आईआईपी ग्रोथ 1.9 फीसदी पर रही थी। साल 2012 के मई महीने में आईआईपी ग्रोथ 2.5 फीसदी रही थी।महीने आधार पर जून में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ -3 फीसदी से घटकर -5.7 फीसदी रही। अप्रैल के 1.3 फीसदी के मुकाबले जून में बेसिक गुड्स ग्रोथ सिकुड़कर -0.4 फीसदी रही। अप्रैल के 1 फीसदी के मुकाबले जून में कैपिटल गुड्स की ग्रोथ सिकुड़कर -2.7 फीसदी रही।
आईआईपी की दशा दिशा के मुताबिक सरकारी तौर पर कोल इंडिया के बारे में फैसला बदलने के ासार नहीं बन रहे हैं।वित्त मंत्रालय ने कोल इंडिया में बिक्री के लिए पेशकश (ओएफएस) के जरिये 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के संबंध में कैबिनेट नोट का मसौदा जारी किया है। कोल इंडिया में विनिवेश से सरकार को करीब 20,000 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्त हो सकता है।अंतर-मंत्रालय समूह ने कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बिक्री को पहले ही मंजूरी दे दी है। वर्तमान में, कोल इंडिया में सरकार की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है।इससे पहले, विनिवेश विभाग ने कोल इंडिया को सरकार की इक्विटी की आंशिक पुनर्खरीद करने के लिए कहने की योजना बनाई थी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि कंपनी ने अपने नकदी भंडार से अनुषंगियों में निवेश किया है और इसलिए उसके पास पुनर्खरीद के लिए पैसा नहीं है।
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