RIHAI MANCH
(Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism)
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बरेली के मुसलमानों को गुंडा बताकर रेड कार्ड जारी करने का जवाब मुसलमान
2014 में वोटर कार्ड से देगा- रिहाई मंच
अवैध वसूली मामले में तहरीर दर्ज होने के बावजूद अरूण कुमार का एडीजी
कानून व्यवस्था बने रहना शर्मनाक- रिहाई मंच
22 जुलाई को सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य रिहाई मंच के
धरने के समर्थन में आएंगे
भारी बरसात के बीच 58 वें दिन भी जारी रहा खालिद को न्याय दिलाने के लिए
रिहाई मंच का धरना
मौलाना खालिद के इंसाफ के लिए रिहाई मंच के संघर्ष के 20 जुलाई को दो माह
पूरे होने पर बाद नमाज ए मगरिब (सांय 7 बजे) दुआ का आयोजन
नोट- रिहाई मंच के आंदोलन को पुलिस, खुफिया एजेंसियों व संघी तत्वों
द्वारा बदनाम करने की कोशिश के खिलाफ राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन मेल
में संलग्न है।
लखनऊ, 18 जुलाई, 2013। सपा राज में बरेली में हुए दो-दो दंगों में
मुसलमानों पर संगठित हमला करने के बाद जिस तरीके से मुस्लिमों को गुंडा
बताते हुए रेड कार्ड सपा सरकार ने सौंपा है, उसका जवाब मुसलमान 2014 में
वोटर कार्ड के जरिए देगा। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि
हमने बरेली दंगों के बाद जाकर बहुत करीब से देखा है कि किस तरह से
मुस्लिमों को एक नहीं तीन-तीन दिनों तक दंगे की आग में झोंका गया,
मुसलमान सिर्फ अपने आंगनों में खड़ा होकर आसमान में उठ रहे धुएं से यह
भांपने की कोशिश करता था कि अब किसकी दुकान, किसका आशियाना फंूका गया
होगा। उन्होंने कहा कि मुलायम बताएं कि यह कौन सी राजनीत है कि मुस्लिम
समुदाय को लाल कार्ड और बरेली के तौकीर रजा को लाल बत्ती सौंप रहे हैं।
हम पिछले 58 दिनों से विधान सभा के सामने बैठे हैं और देखते हैं कि
मुस्लिम विधायक और मंत्री सिर झुकाए चले जाते हैं। हम पूछना चाहते हैं कि
अगर इतनी ही शर्म लग रही है तो मुलायम के बेटे अखिलेश यादव से पूछें कि
तुम्हारे मासूम बच्चे खालिद के कातिलों को क्यों पकड़ने की हिम्मत नहीं
हो पाई अब तक। पाक रमजान के महीने में सपा मुसलमानों को गुंडा होने का
कार्ड किस संघी के कहने पर जारी कर रही है।
इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि अखिलेश
सरकार ने जिस तरह से बरेली के मुसलमानों को गुंडा होने का प्रमाण पत्र
'रेड कार्ड' थमाया है ठीक उसी तरह उनके पिता मुलायम सिंह ने मऊ दंगों के
बाद दूसरे साल इसी तरह पाक रमजान के महीने में मुसलमानों पर थोक में
गुंडा एक्ट लगावाया था। 2005 में योगी आदित्यानाथ के साथ मिलकर मुलायम ने
बुनकरी के लिए मशहूर मऊ में सूत की जगह आग बुनने का काम किया था। मुलायम
राज के इस दंगे में योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के
दंगाईओं ने मुस्लिम समुदाय की मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया तो
वहीं मुस्लिम औरतों को गुजरात की तर्ज पर जिंदा काटकर जलाया गया। ठीक वही
काम अखिलेश ने सत्ता संभालने के चंद महीनों बाद कोसी कलां मथुरा में
कलुवा और भूरा नाम के जुड़वा भाईयों को जिंदा जलवा कर किया, और सत्ता में
आते ही 27 बडे़ दंगे करा कर मुसलमानों को धमकी दे दी कि हम उनका हाल
गुजरात से भी बत्तर बना देंगे। मुलायम के राज में हुए मऊ दंगे पर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पड़ी करते हुए कहा था कि मऊ में जिस तरह
से मां-बेटी के साथ बलात्कार किया गया वह गुजरात में जाहिरा शेख से मिलता
जुलता प्रकरण है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। रिहाई मंच ने लगातार
मांग की है कि यूपी में अखिलेश सरकार में हुए सभी दंगों की सीबीआई जांच
हो, ऐसे में हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि
सांप्रदायिक द्वेष के तहत जिस तरह मुसलमानों को बरेली में रेड कार्ड जारी
किया गया है, इस पर माननीय उच्च न्यायालय संज्ञान ले।
रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनाज आलम ने प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था
अरूण कुमार को तत्काल पद से हटाने की मांग करते हुये कि जिस एडीजी पर
पुलिस कर्मीयों के संगठन ने ही फर्जी संगठन 'दि कमेटी फाॅर वेलफेयर
एसोसिएशन आॅफ दि फैमिलीज आॅफ दि मेम्बर्स आॅफ दि पुलिस फोर्स इन यूपी'
बना कर हर माह साढ़े 87 लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी हो
उसका एडीजी बने रहना सरकार के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि दंगों,
अवैध वसूलियों और वरुण गांधी जैसे सांप्रदायिक तत्वों पर से मुकदमा
हटवाने में उजागर हो चुकी भूमिका के बावजूद सपा सरकार द्वारा अरुण कुमार
एडीजी बनाए रखना साबित करता है कि इस अवैध वसूली का हिस्सा सरकार को भी
जाता होगा।
रिहाई मंच धरना स्थल पर फहीम सिद्दीकी की इमामत के नमाज पढ़ी गईं। हाजी
फहीम सिद्दीकी और तारिक शफीक ने कहा कि शहीद मौलाना खालिद मुजाहिद के
इंसाफ के लिए 22 मई से चल रहे रिहाई मंच के जद्दोजहद के 20 जुलाई को दो
माह पूरे होने पर बाद नमाज ए मगरिब (सांय 7 बजे) दुआ का आयोजन किया जा
रहा है। जिसमें हम सभी इंसाफ पसंद अवाम से ज्यादा से ज्यादा तादाद में
शिरकत करके शहीद खालिद मुजाहिद को इंसाफ व दीगर बेकसूरों की रिहाई के लिए
दुआ करें।
रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव और मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी
ने बताया कि आज महामहिम राज्यपाल को खालिद मुजाहिद को न्याय दिलाने के
सवाल पर रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने पर धरना स्थल पुलिस चैकी
प्रभारी, खुफिया एजेंसियों से जुडे़ कर्मी व एक अज्ञात हिन्दुत्वादी
जेहनियत के व्यक्ति द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाने
के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा गया। रिहाई मंच ने मांग की है कि धरना
स्थल पर पुलिस चैकी में मौजूद उस अज्ञात व्यक्ति का विवरण हमें तत्काल
दिया जाए, क्योंकि हमें शक है कि ऐसे साम्प्रदायिक तत्व हमारे आंदोलन को
पुसिल व खुफिया विभाग के परोक्ष अथवा अपरोक्ष सहयोग से बदनाम करने की
कोशिश कर सकते हैं। साथ ही चूंकि हमारा आंदोलन साम्प्रदायिक संगठन संघ
परिवार जिसे वह अज्ञात व्यक्ति रजीस्टर्ड संस्था बताकर उसके खिलाफ आंदोलन
को कानून विरोधी बता रहा है, के खिलाफ है और आरएसएस का रिकार्ड आपराधिक
षडयंत्र रचने का रहा है लेहाजा हमारे धरने में शामिल लोगों को सुरक्षा का
भी खतरा है। लिहाजा हमारी आशंकाओं का समाधान किया जाए और धरना स्थल पर
बौ़िद्धक क्षमता वाले, गंभीर व सांप्रदायिक द्वेष न रखने वाले पुलिस व
खुफिया विभाग के कर्मचारियों की ही तैनाती की जाए।
इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने कहा कि बरेली के
मुसलमानों को दंगाई और गंुडा होने का प्रमाण पत्र बांटना सपा सरकार
द्वारा मुसलमानों के सपा विरोधी हो जाने से उपजी कुंठा में की गई बदले की
कार्यवाई है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के नाम पर आई सरकार
गरीबों को दो जून की रोटी की गारंटी करने वाला लाल कार्ड तो नहीं दे पायी
लेकिन मुसलमानों को अपराधी साबित करने के लिए उन्हें रेड नोटिस जयर जारी
कर दिया है जिससे साबित हो जाता है कि सपा अब मोदीवाद के फार्मूले पर चल
रही है।
मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस तथा एटीएस एवं खुफिया अधिकारियों
की तुरंत गिरफ्तारी की मांग, निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने
और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की तत्काल रिहाई की
मांग को लेकर 22 मई से चल रहा रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार
को भी जारी रहा। रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 58 वें दिन उपवास पर
सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव बैठे।
धरने का संचालन देवेश यादव ने किया। धरने को संदीप पांडे, मो0 शुएब,
मौलाना कमर सीतापुरी, ऊषा, सजंय विद्यार्थी, हाजी फहीम सिद्दीकी,
राघवेन्द्र प्रताप सिंह, एहसानुल हक मलिक, बब्लू यादव, जैद अहमद फारुकी,
हरे राम मिश्र, देवेश यादव, आलोक अग्निहोत्री, महमूद आलम, शाहनवाज आलम और
राजीव यादव ने संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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Office - 110/60, Harinath Banerjee Street, Naya Gaaon Poorv, Laatoosh
Road, Lucknow
Forum for the Release of Innocent Muslims imprisoned in the name of Terrorism
Email- rihaimanchlucknow@gmail.com
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बरेली के मुसलमानों को गुंडा बताकर रेड कार्ड जारी करने का जवाब मुसलमान
2014 में वोटर कार्ड से देगा- रिहाई मंच
अवैध वसूली मामले में तहरीर दर्ज होने के बावजूद अरूण कुमार का एडीजी
कानून व्यवस्था बने रहना शर्मनाक- रिहाई मंच
22 जुलाई को सीपीआई (एमएल) के महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य रिहाई मंच के
धरने के समर्थन में आएंगे
भारी बरसात के बीच 58 वें दिन भी जारी रहा खालिद को न्याय दिलाने के लिए
रिहाई मंच का धरना
मौलाना खालिद के इंसाफ के लिए रिहाई मंच के संघर्ष के 20 जुलाई को दो माह
पूरे होने पर बाद नमाज ए मगरिब (सांय 7 बजे) दुआ का आयोजन
नोट- रिहाई मंच के आंदोलन को पुलिस, खुफिया एजेंसियों व संघी तत्वों
द्वारा बदनाम करने की कोशिश के खिलाफ राज्यपाल को सौंपा गया ज्ञापन मेल
में संलग्न है।
लखनऊ, 18 जुलाई, 2013। सपा राज में बरेली में हुए दो-दो दंगों में
मुसलमानों पर संगठित हमला करने के बाद जिस तरीके से मुस्लिमों को गुंडा
बताते हुए रेड कार्ड सपा सरकार ने सौंपा है, उसका जवाब मुसलमान 2014 में
वोटर कार्ड के जरिए देगा। रिहाई मंच के अध्यक्ष मोहम्मद शुएब ने कहा कि
हमने बरेली दंगों के बाद जाकर बहुत करीब से देखा है कि किस तरह से
मुस्लिमों को एक नहीं तीन-तीन दिनों तक दंगे की आग में झोंका गया,
मुसलमान सिर्फ अपने आंगनों में खड़ा होकर आसमान में उठ रहे धुएं से यह
भांपने की कोशिश करता था कि अब किसकी दुकान, किसका आशियाना फंूका गया
होगा। उन्होंने कहा कि मुलायम बताएं कि यह कौन सी राजनीत है कि मुस्लिम
समुदाय को लाल कार्ड और बरेली के तौकीर रजा को लाल बत्ती सौंप रहे हैं।
हम पिछले 58 दिनों से विधान सभा के सामने बैठे हैं और देखते हैं कि
मुस्लिम विधायक और मंत्री सिर झुकाए चले जाते हैं। हम पूछना चाहते हैं कि
अगर इतनी ही शर्म लग रही है तो मुलायम के बेटे अखिलेश यादव से पूछें कि
तुम्हारे मासूम बच्चे खालिद के कातिलों को क्यों पकड़ने की हिम्मत नहीं
हो पाई अब तक। पाक रमजान के महीने में सपा मुसलमानों को गुंडा होने का
कार्ड किस संघी के कहने पर जारी कर रही है।
इंडियन नेशनल लीग के राष्ट्रीय अध्यक्ष मोहम्मद सुलेमान ने कहा कि अखिलेश
सरकार ने जिस तरह से बरेली के मुसलमानों को गुंडा होने का प्रमाण पत्र
'रेड कार्ड' थमाया है ठीक उसी तरह उनके पिता मुलायम सिंह ने मऊ दंगों के
बाद दूसरे साल इसी तरह पाक रमजान के महीने में मुसलमानों पर थोक में
गुंडा एक्ट लगावाया था। 2005 में योगी आदित्यानाथ के साथ मिलकर मुलायम ने
बुनकरी के लिए मशहूर मऊ में सूत की जगह आग बुनने का काम किया था। मुलायम
राज के इस दंगे में योगी आदित्यनाथ के संगठन हिंदू युवा वाहिनी के
दंगाईओं ने मुस्लिम समुदाय की मां-बेटी के साथ सामूहिक बलात्कार किया तो
वहीं मुस्लिम औरतों को गुजरात की तर्ज पर जिंदा काटकर जलाया गया। ठीक वही
काम अखिलेश ने सत्ता संभालने के चंद महीनों बाद कोसी कलां मथुरा में
कलुवा और भूरा नाम के जुड़वा भाईयों को जिंदा जलवा कर किया, और सत्ता में
आते ही 27 बडे़ दंगे करा कर मुसलमानों को धमकी दे दी कि हम उनका हाल
गुजरात से भी बत्तर बना देंगे। मुलायम के राज में हुए मऊ दंगे पर
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने तीखी टिप्पड़ी करते हुए कहा था कि मऊ में जिस तरह
से मां-बेटी के साथ बलात्कार किया गया वह गुजरात में जाहिरा शेख से मिलता
जुलता प्रकरण है और इसकी सीबीआई जांच होनी चाहिए। रिहाई मंच ने लगातार
मांग की है कि यूपी में अखिलेश सरकार में हुए सभी दंगों की सीबीआई जांच
हो, ऐसे में हम इलाहाबाद उच्च न्यायालय से अनुरोध करते हैं कि
सांप्रदायिक द्वेष के तहत जिस तरह मुसलमानों को बरेली में रेड कार्ड जारी
किया गया है, इस पर माननीय उच्च न्यायालय संज्ञान ले।
रिहाई मंच के प्रवक्ता शाहनाज आलम ने प्रदेश के एडीजी कानून-व्यवस्था
अरूण कुमार को तत्काल पद से हटाने की मांग करते हुये कि जिस एडीजी पर
पुलिस कर्मीयों के संगठन ने ही फर्जी संगठन 'दि कमेटी फाॅर वेलफेयर
एसोसिएशन आॅफ दि फैमिलीज आॅफ दि मेम्बर्स आॅफ दि पुलिस फोर्स इन यूपी'
बना कर हर माह साढ़े 87 लाख रुपए वसूलने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी हो
उसका एडीजी बने रहना सरकार के लिए शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि दंगों,
अवैध वसूलियों और वरुण गांधी जैसे सांप्रदायिक तत्वों पर से मुकदमा
हटवाने में उजागर हो चुकी भूमिका के बावजूद सपा सरकार द्वारा अरुण कुमार
एडीजी बनाए रखना साबित करता है कि इस अवैध वसूली का हिस्सा सरकार को भी
जाता होगा।
रिहाई मंच धरना स्थल पर फहीम सिद्दीकी की इमामत के नमाज पढ़ी गईं। हाजी
फहीम सिद्दीकी और तारिक शफीक ने कहा कि शहीद मौलाना खालिद मुजाहिद के
इंसाफ के लिए 22 मई से चल रहे रिहाई मंच के जद्दोजहद के 20 जुलाई को दो
माह पूरे होने पर बाद नमाज ए मगरिब (सांय 7 बजे) दुआ का आयोजन किया जा
रहा है। जिसमें हम सभी इंसाफ पसंद अवाम से ज्यादा से ज्यादा तादाद में
शिरकत करके शहीद खालिद मुजाहिद को इंसाफ व दीगर बेकसूरों की रिहाई के लिए
दुआ करें।
रिहाई मंच के प्रवक्ता राजीव यादव और मुस्लिम मजलिस के जैद अहमद फारुकी
ने बताया कि आज महामहिम राज्यपाल को खालिद मुजाहिद को न्याय दिलाने के
सवाल पर रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने पर धरना स्थल पुलिस चैकी
प्रभारी, खुफिया एजेंसियों से जुडे़ कर्मी व एक अज्ञात हिन्दुत्वादी
जेहनियत के व्यक्ति द्वारा सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने का आरोप लगाने
के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा गया। रिहाई मंच ने मांग की है कि धरना
स्थल पर पुलिस चैकी में मौजूद उस अज्ञात व्यक्ति का विवरण हमें तत्काल
दिया जाए, क्योंकि हमें शक है कि ऐसे साम्प्रदायिक तत्व हमारे आंदोलन को
पुसिल व खुफिया विभाग के परोक्ष अथवा अपरोक्ष सहयोग से बदनाम करने की
कोशिश कर सकते हैं। साथ ही चूंकि हमारा आंदोलन साम्प्रदायिक संगठन संघ
परिवार जिसे वह अज्ञात व्यक्ति रजीस्टर्ड संस्था बताकर उसके खिलाफ आंदोलन
को कानून विरोधी बता रहा है, के खिलाफ है और आरएसएस का रिकार्ड आपराधिक
षडयंत्र रचने का रहा है लेहाजा हमारे धरने में शामिल लोगों को सुरक्षा का
भी खतरा है। लिहाजा हमारी आशंकाओं का समाधान किया जाए और धरना स्थल पर
बौ़िद्धक क्षमता वाले, गंभीर व सांप्रदायिक द्वेष न रखने वाले पुलिस व
खुफिया विभाग के कर्मचारियों की ही तैनाती की जाए।
इस दौरान सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव ने कहा कि बरेली के
मुसलमानों को दंगाई और गंुडा होने का प्रमाण पत्र बांटना सपा सरकार
द्वारा मुसलमानों के सपा विरोधी हो जाने से उपजी कुंठा में की गई बदले की
कार्यवाई है। उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय के नाम पर आई सरकार
गरीबों को दो जून की रोटी की गारंटी करने वाला लाल कार्ड तो नहीं दे पायी
लेकिन मुसलमानों को अपराधी साबित करने के लिए उन्हें रेड नोटिस जयर जारी
कर दिया है जिससे साबित हो जाता है कि सपा अब मोदीवाद के फार्मूले पर चल
रही है।
मौलाना खालिद मुजाहिद के हत्यारे पुलिस तथा एटीएस एवं खुफिया अधिकारियों
की तुरंत गिरफ्तारी की मांग, निमेष आयोग की रिपोर्ट पर तत्काल अमल करने
और आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम नौजवानों की तत्काल रिहाई की
मांग को लेकर 22 मई से चल रहा रिहाई मंच का अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार
को भी जारी रहा। रिहाई मंच के अनिश्चितकालीन धरने के 58 वें दिन उपवास पर
सामाजिक कार्यकर्ता योगेन्द्र यादव बैठे।
धरने का संचालन देवेश यादव ने किया। धरने को संदीप पांडे, मो0 शुएब,
मौलाना कमर सीतापुरी, ऊषा, सजंय विद्यार्थी, हाजी फहीम सिद्दीकी,
राघवेन्द्र प्रताप सिंह, एहसानुल हक मलिक, बब्लू यादव, जैद अहमद फारुकी,
हरे राम मिश्र, देवेश यादव, आलोक अग्निहोत्री, महमूद आलम, शाहनवाज आलम और
राजीव यादव ने संबोधित किया।
द्वारा जारी-
शाहनवाज आलम, राजीव यादव
प्रवक्ता रिहाई मंच
09415254919, 09452800752
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