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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, July 4, 2015

मदरसों को स्कूल न मानना गलत नहीं। किसी भी धार्मिक शिक्षण संसथान को स्कूल नहीं माना जाना चाहिए। न संस्कृत पुरोहित पाठशालाएं,न मदरसे और न अन्य धार्मिक संस्थान।


मदरसों को स्कूल न मानना गलत नहीं। किसी भी धार्मिक शिक्षण संसथान को स्कूल नहीं माना जाना चाहिए। न संस्कृत पुरोहित पाठशालाएं,न मदरसे और न अन्य धार्मिक संस्थान। जो लोग इन धार्मिक संस्थाओं की वक़ालत करते हैं,उनके खुद के बच्चे कभी इन संस्थाओं में नहीं पढ़ते। वे अपने बच्चों जो अंग्रेजीदां स्कूलों में पढ़ाते हैं। सिर्फ उन मौलवियों और पुरोहितों के बच्चे धार्मिक स्कूलों में पढ़ते हैं जिन्हें इससे धर्म का धंधा चलाना है। एक धर्मनिरपेक्ष समाज के निर्माण के लिए सभी धार्मिक विद्यालयों की मान्यता रद्द होनी चाहिए और स्कूलों में धार्मिक शिक्षा प्रतिबन्धित होनी चाहिए। चाहे वह किसी भी धर्म से सम्बंधित हो।

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