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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, November 30, 2015

नेपाल का मौजूदा संकट और भारत

Friends,

Since last couple of months after the announcement of a new constitution, Nepal is facing a serious crisis due to the undeclared economic blockade imposed by India. The Indian government has denied any such sanction rather it blames this on Madhesi protestors of terai region who have hindered the entry points on Indo-Nepal border and blocked all supplies. There is no doubt that Madhesi people are dissatisfied with the new constitution and hence they are protesting against it since last three months. They feel that it has failed to address their demands and an injustice has been done to the community. But the Indian Government, that was already unhappy with the Nepali leadership has now played up on this rage and has tried to teach a lesson by first imposing the blockade directly and then indirectly on the pretext of Madhesi sentiment.

This impasse has created an unprecedented crisis for the Nepali people. People from plains and hilly areas both are affected from this. There is serious dearth of petrol, cooking gas, medicines in Nepal and the ordinary life is in shackles. People feel as if they are citizens of a war-ridden nation. The contradictions between both the countries as well as that of hill and terai are getting sharper day by day. This contradiction is making inroads into the common masses too.

This is a grave situation. In solidarity with the people of Nepal including the agitating people of  Tarai-Madhesh, we hope to resolve this situation through dialogue as soon as possible. The government of India must not treat this crisis as a prestige issue rather it should immediately call for an end to this 'unofficial blockade'.

To deliberate upon the situation we have called a meeting with some of our Nepalese comrades. We expect your presence and participation. 

Nepal's Present Crisis and India
Date & Time : 4 December 2015, 3.00 pm
Venue : Seminar Hall, N. D. Tewari Bhavan 
(next to Gandhi Peace Foundation), 
Deendayal Upadhyay Marg, New Delhi

Anand Swaroop Verma
On behalf of Samkaleen Teesari Dunia
Phone: 9810720714

मित्रो,

                         

पिछले लगभग दो माह सेजब से नए संविधान की घोषणा हुईभारत द्वारा लागू की गयी आर्थिक नाकाबंदी के कारण पड़ोसी देश नेपाल जबरदस्त संकट के दौर से गुजर रहा है. भारत सरकार का कहना है कि उसने किसी तरह की नाकाबंदी नहीं की है और तराई क्षेत्र में मधेसी आंदोलकारियों ने सीमा से नेपाल के प्रवेश मार्गों पर अवरोध पैदा किये हैं जिससे भारत से कोई आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही है. इसमें कोई संदेह नहीं कि मधेस की जनता नए संविधान से असंतुष्ट है और वह पिछले तीन महीनों से आन्दोलन कर रही हैउसे लगता है कि उसके साथ अन्याय हुआ है और उसकी मागों को संविधान में संबोधित नहीं किया गया है. नेपाल के मौजूदा नेतृत्व से नाराज भारत सरकार ने मधेसी जनता के आन्दोलन की आड़ ले कर नेपाल को सबक सिखाने के मकसद से पहले तो प्रत्यक्ष तौर पर और फिर अप्रत्यक्ष तौर पर नाकाबंदी की है.


इस स्थिति ने नेपाल की जनता के सामने अभूतपूर्व संकट खड़ा कर दिया हैइस संकट की चपेट में पहाड़ और तराई दोनों क्षेत्र की आबादी है. आज देश के अंदर न तो पेट्रोल है और न खाना बनाने की गैसअस्पतालों में दवाएं बिलकुल ख़त्म हैं और उनकी पूरी ज़िन्दगी तहस-नहस हो गयी है. उनकी हालत किसी युद्ध-पीड़ित देश के नागरिक जैसी हो गयी है. पहाड़ और तराई के बीच तथा समग्र नेपाल और भारत के बीच अन्तर्विरोध खतरनाक रूप लेते जा रहे हैं. यह अन्तर्विरोध महज सरकारों के बीच नहीं बल्कि जनता के बीच भी विकसित होने लगा है.


यह स्थिति बहुत चिंताजनक है. मधेस क्षेत्र और तराई सहित नेपाल की जनता के साथ एकजुटता व्यक्त करते हुए हम चाहते हैं कि बातचीत के जरिये समस्या का जल्द से जल्द समाधान हो. भारत सरकार इसे झूठे सम्मान का विषय न बना कर इस 'अनऑफीसियल ब्लाकेडको फ़ौरन ख़त्म करे.


इस समूचे मामले पर विचार करने के लिए हमने नेपाल के अपने कुछ साथियों के साथ मिल कर एक बैठक बुलाई है. हम चाहते हैं कि आप इसमें शामिल हों और अपनी राय रखें.


विषय : नेपाल का मौजूदा संकट और भारत

तिथि : 4 दिसम्बर 2015, दिन के 3 बजे.

   स्थान : सेमिनार हॉल, एन. डी. तिवारी भवन,

                          (गाँधी शांति प्रतिष्ठान के बगल में), दीनदयाल उपाध्याय मार्ग, नयी दिल्ली

 

आनंद स्वरूप वर्मा

'समकालीन तीसरी दुनिया' की ओर से.

Phone: 9810720714


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