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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, November 14, 2015

बिररिंची बाबा अमेरिकी युद्ध में भागेदारी का वायदा दोहरा दिया # पेरिस में # मुंबई धमाके इसीलिए की हमीं नहीं सिर्फ,सारी दुनिया अब # मजहबी सियासत के शिकंजे में हैं! इस्लामिक स्टेट का आखिरी निशाना सउदी अरब है और इस्लाम के सबसे पाक इबादतगाह भी,तो समझिये कि उसके पीछे हाथ किस किसके हैं! इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और तालिबान भी उन्हींने पैदा किये हैं और यह भी समझ लीजिये कि वे जनक संप्रदाय भारत में भी हिंदू तालिबान पैदा करने वाले हैं मुनाफावसूली के लिए! पार्टनर हम विश्वयुद्धों के भी बने थे और खैरात में भुखमरी भी मिली थी और अब फिर खैरात तबाही है! https://youtu.be/_loM2nH12AM पेरिस में मुंबई धमाके और हम भी अरबिया वंसत के शिकंजे में दुनिया ने कह दिया,हमने हिंदू तालिबान राज चुन लिया! पलाश विश्वास


बिररिंची बाबा अमेरिकी युद्ध में भागेदारी का वायदा दोहरा दिया

# पेरिस में # मुंबई धमाके इसीलिए की हमीं नहीं सिर्फ,सारी दुनिया अब # मजहबी सियासत के शिकंजे में हैं!


इस्लामिक स्टेट का आखिरी निशाना सउदी अरब है और इस्लाम के सबसे पाक इबादतगाह भी,तो समझिये कि उसके पीछे हाथ किस किसके हैं!


इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और तालिबान भी उन्हींने पैदा किये हैं और यह भी समझ लीजिये कि वे जनक संप्रदाय भारत में भी हिंदू तालिबान पैदा करने वाले हैं मुनाफावसूली के लिए!


पार्टनर हम विश्वयुद्धों के भी बने थे और खैरात में भुखमरी भी मिली थी और अब फिर खैरात तबाही है!

https://youtu.be/_loM2nH12AM






पेरिस में मुंबई धमाके और हम भी अरबिया वंसत के शिकंजे में

दुनिया ने कह दिया,हमने हिंदू तालिबान राज चुन लिया!


पलाश विश्वास

यह भारतीय महादेश ही नहीं,सारी दुनिया अब मजहबी सियासत, सियासती मजहब के शिकंजे में हैं।


हर राष्ट्र अब धर्मराष्ट्र है और धर्म कर्म विशुध कारोबार अंधियारा का।पेरिस में मुंबई धमाकों की गूंज से शुक्रवार की रात जो तबाही मची,सियासती मजहब को मुक्त बाजार की मुनाफावसूली में तब्दील करने वाली वैश्विक व्यवस्था ने उसका बंदोबस्त दुनिया के चप्पे चप्पे में कर लिया है।


यह प्रलय है।जो सृष्टि के नाश के लिए है।मनुष्यता और सभ्यता और प्रकृति के महाविनाश का आयोजन है यह।


हमारे लाड़ले मसखरे की तरह मसखरई करते रहने के बजाय इस महासंकट से बचने के लिए सबसे पहले हिंदू तालिबान बनने से बचने के लिए जो भी कर सकते हैं,फौरी कार्यभार के तहत वह पहले कीजिये।जोखिम उठाकर बी जीने की जुगत कीजिये।


कीजिये,करते रहिए।वरान उत्तेजक मीडिया जिंदाबाद है सौजन्य एफडीआई बाबा को मले देश बेचो लाइसेंस।क्योंकि यह देश जमींदारों और रियासतदारों के कब्जे में हैं और हम बेदखल हैं।


बेदखल नागरिकों की नागरिकता नहीं होती।

बेदखल नागरिकों का कोई देश नहीं होता।

वे मारे जाने वाले लोग,और समुदाय हैं।


इसी नरसंहार संस्कृति को मुक्तबाजारी विकास और समरसता कहते हैं और यही नस्ली रंगभेद लेकिन हमारी जाति व्यवस्था, हमारी रंग बिरंगी अस्मिताओं की मनुस्मृति अर्थव्यवस्था है,जिसे पल पलछिन हम उसके शिकार आम लोग मजबूत कर रहे हैं।क्योंकि सियासत मजहबी है तो मजहब भी सियासत है।


आपदायें आयोजित,आयातित और प्रायोजित हैं जैसे परमाणु ऊर्जा का विकल्प और उत्पादन प्रणाली के खात्मे के लिए अबाध पूंजी प्रवाह और एफोडीआई जलवा एफडीआई बाबा बिरंची बाबा का।

इसीतरह समझ लीजिये कि रंग बिरंगा आतंकवाद भी आयोजित प्रायोजित आयातित है,जैसे अरब वसंत,जैसे गोरक्षा आंदोलन।


नतीजे क्या होंगे समझते न हों तो न्यूयार्क के धमाके से लेकर पेरिस के धमाके के हरिकथा अंनत बांच लें।


हम उन घरानों को जानते हैं जो अब तक दुनियाभर में युद्ध और गृहयुद्ध की फंडिंग करती रहे हैं।


जो दुनियाभर के बैंकों पर काबिज हैं और जो सारी दुनिया को तबाह करने के लिए हथियारों की दुकानें चलाते हैं जिनके गुलाम हैं हर धर्मराष्ट्र का वंशवर्चस्वी नस्लभेदी सत्ता वर्ग।


जिनने दुनियाभर में धमाकों का इंतजाम कर रखा है।


उन घरानों के तार भी जमींदारियों औररियासतों से जुड़े हैं जो धर्म के नाम,धर्म राष्ट्र के नाम अपनी अपनी जमींदारियों और रियासतों को मजबूत कर रहे हैं और कुल मिलाकर भारतीय सत्ता राजनीति और भारतीय अर्थव्यवस्था का खेल खुल्ला फर्रूखाबादी यहींच।


समझ सको तो समझ लो भइये। कि अनंत नर्क के सिंहद्वार पर दस्तक है भारी और रोज रोज मर रहा ईश्वर अन्नदाता देहात भारत और किसान भी खुदकशी नहीं कर रहे कतई,वे मारे जा रहे हैं।


खेती और खलिहान खत्म हो तो किसान बेमौत मारे जाते हैं और यह खुदकशी भी नहीं है यकीनन।


खुदकशी बताने वाले हत्या में शामिल लोगों के कारिंदे हैं,समझ लीजिये।


यह गुजरात कत्लेआम,यह भोपाल गैसत्रासदी,यह बाबरी विध्वंस या सिखों के नरसंहार जैसा राजसूय यज्ञ है,जो मनुष्यता के खिलाफ फिर युद्ध अपराध है।


जैसे मारे जायेंगे खुदरा कारोबारी और उनके साथ वेतनमान भत्तों से बलि महाबलि तमाम सरकारी कर्म चारी,विनिवेश और निजीकरण की तलवारें उनपर भारी है,जैसे हरित क्रांति अब महामारी है।


हम इसलिए बार बार चेतावनी जारी कर रहे हैं कि धमाके कहीं भी किसी भी वक्त हो सकते हैं और हम भूमिगत आग की जद में हैं,ज्वालामुखियों के मुहानों पर हमारा बसेरा है।


पेरिस में धमाकों की तैयारी चाक चौबंद थी और पेरिस में फिर ऐसे धमाके नहीं होंगे,इसकी कोई गारंटी नहीं है।


इसीतरह इसकी कोई गारंटी नहीं हैं कि मुंबई पर कब फिर हमले होंगे या नहीं होंगे या किस दूसरे शहर के दहशत की मजहबी सियासत के लिए चुन लेगी दहशतगर्द हुकूमतें।


अरब वसंत अब कोढ़ की तरह फूटने लगा है।


इस अरब वसंत का आयात भारत में भी हो गया है और घड़ी की बाजीगरी दिखानेवाले मुरारी बापू,आशाराम बापू,निर्मल बाबा,रामदेव बाबा और निर्मल बाबा जैसे तमाम बाजीगरों के दो कदम आगे करिश्मा दर करिश्मा कर गुजरने वाले बिरंची बाबा की नौटंकी पर ढोल नगाड़े ताशे के साथ अंधे भक्तों की तालियां हमें आगे आने वाली कयामत से बचा लेंगी,इसकी भी कोई गारंटी नहीं है।यह समझना आत्मरक्षा का अचूक रामवाण है।


क्योंकि फिजां कयामत,मंजर कयामत सबकुछ उन्हींकी मजहबी सियासत का अपराधकर्म अधर्म धतकरम है।


नतीजा यह कि दुनिया ने बता दिया है  कि हिंदुस्तान में तालिबान राजकाज है।अब अलकायदा,इस्लामिक स्टेट और तालिबान के कोसने के बजाय इस बात पर ज्यादा गौर कीजिये कि हिंदू तालिबान की फौजें उससे कतई कम भयंकर नहीं है और नजारे कयामत के मंजर हैं।


फ्रांस के राष्ट्रपति ने कह दिया है कि फ्रांस कोई कमजोर राष्ट्र नहीं है और इस अपकर्म का उचित जवाब दिया जायेगा।तो अपने कल्कि अवतार का प्रवचन है कि सभी को साथ मिलकर लड़ना होगा। कल पेरिस में मानवता का पर हमला यूएन आतंक की परिभाषा तय करे। उन्होंने कहा कि यूएन को आतंकवाद पर एक प्रस्ताव लाना चाहिए ताकि पता चल सके कि कौन आतंकवाद के साथ है और कौन आतंकवाद के खिलाफ हैं। वे दरअसल आतंकवाद के किलाफ अमेरिका और इजरायल के युद्ध में भारत की भागेदारी का संकल्प दोहरा रहे थे।


गौर तलब है कि  फ्रांस की राजधानी में हुए बड़े आतंकी हमले के बाद फिर से फायरिंग और धमाके हुए हैं। इस बार धमाके पेरिस के पास बेग्नोलेट में हुए हैं। पुलिस चार संदिग्ध लोगों की तलाश कर रही है। बताया जा रहा है कि इनके पास काफी एक्सप्लोसिव है।


ये हमले पेरिस में हुए उन हमलों के करीब 12 घंटे बाद हुए हैं जिनमें 128 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है। 300 लोग घायल हैं। 80 घायलों की हालत गंभीर बताई जा रही है।


मुंबई जैसा है पेरिस अटैक. पेरिस में इस बार हमला मुंबई के 26/11 अटैक जैसा है।


आतंकियों ने पहले लोगों को बंधक बनाया और फिर रेस्टोरेंट, फुटबॉल स्टेडियम जैसे पब्लिक प्लेस पर हमला किये।


ऐसा बयान हमने न्यूयार्क में ट्विन टावर गिराये जाने के बाद वाशिंगटन के व्हाइट हाउस से गूंजते हुए सुने थे और नतीजा तबाह तबाह इराक अफगानिस्तान,समूचा मध्यपूर्व और अरब दुनिया है।


नतीजा समुंदर में बह निकली आईलान की लाश है या फिर तेलकुंओं की आग से समुंदर में बह निकली तेल की धार में फंसी चिडिया के फड़फड़ते पंख हैं।


फ्रांस के राष्ट्रपति ने कह दिया है कि पेरिस में इस्लामिक स्टेट के अपकर्म का जवाब हर हाल में दिया जायेगा।


अपने टायटैनिक एफडीआई बाबा भी ब्रिटेन की राजकीय यात्रा पर हैं। इस राजसूय के दौरान चक्रवर्ती सम्राट कल्कि अवतार ने जहां ब्रिटेन की संसद को संबोधित किया, महारानी एलिजाबेथ के साथ भोज किया और वेंबले स्टेडियम में भारतीय समुदाय को संबोधित वहीं आज उन्होंने लंदन में बसवेश्वर महाराज की मूर्ति का अनावरण किया।तालियां पीटने वाली भीड़,कहकहे लगाकर राकस्टार बाजीगर चमत्कार पर पलक पांवड़े बिछाये गदगद लोटपोट भीड़ का आयोजक घराना कौन है,हालांकि हमें अबी पता नहीं चला है।


जैसे बाबासाहेब को हिंदुत्व का अवतार बनाया गया है,दक्षिण में सामाजिक न्याय और समता के लिए बसवेश्वर आंदोलन का भी बंगाल के मतुआ आंदोलन की तरह अपहरण और हिंदुत्वकरण हो गया है।हिंदुत्व के नर्क के खिलाफ बसवेश्वर ने आंदोलन किया था और फिलहाल कर्नाटक में बसवेश्वर के अनुयायी सभी क्षेत्रों में बलि माहबलि हैं,जिन्हें साथ लेकर संस्थागत फासीवाद ने अब तक जो किया है,वह टीपू सुल्तान को राष्ट्रद्रोही बनाने का आयोजन है।


इस मौके पर बिरंची बाबा ने अर्धसत्य कहा कि बसवेश्वर ने 12वीं सदी में लोकतांत्रिक मूल्यों की योजना बनाई थी। वे महिला सशक्तीकरण की बात करते थे। बसवेश्वर महाराज महाराष्ट्र के एक ऐसे संत रहे हैं जिन्होंने हिन्दू धर्म में जातिवाद को मिटाने का भरपुर प्रयास किया और मध्यकाल में हिन्दुओं को संगठित करने का कार्य किया।


गौरतलब है कि बसवेश्वर महाराज हिंदुत्व को संगठित वैसे ही नहीं कर रहे थे जैसे हरिचांद ठाकुर,बीरसा मुंडा,टांट्या भील,रानी दुर्गावती,सिधो कान्हो महात्मा ज्योतिबा फूले,सावित्री बा फूले,कबीर सूर तुलसी मीरा रसखान दादु गाडगे नानक चैतन्य महाप्रभु तुकाराम लालन फकीर हिंदुत्व को संगठित नहीं कर रहे थे,बल्कि वे जाति के स्थाई असमता और अन्याय और गुलामी के बंदोबस्त के खिलाफ बाकी पुरखों की तरह आंदोलन कर रहे थे।


बाबासाहेब भी यही कर रहे थे।


अब गिरीश कर्नाड ने इस धर्मोन्मादी जुनून को जो बिरंची बाबा से सीधे जोड़ा है,उसका सबूत लंदन में उनका फरेबी बयान है जो इतिहास को झुठलाता है।


हमारे पुरखों को वानर,दस्यु,असुर,दैत्य,राक्षस,दानव,भूत प्रेत बनाने का बाद उनका दानवीकरण के बजाय अब अवतारीकरण करने का खेल है और उन्हें ब्रह्मास्त्र बनाकर ही इस देश में बहुजनों का नरसंहार जारी है जो अबाध पूंजी प्रवाह और एफडीआई के उपनिवेश का खास इंतजाम है और यहींच सियासती मजहब मजहबी सियासत का तालिबान राज है।


अभी लीबिया से लेकर सीरिया तक,मिस्र से लेकर तुर्की तक अरब वसंत के झोंकों से अपनी तबीयत भी हरी कर लीजिये।


अरब वंसत की सियासती मजहब को सबसे मुकम्मल हथियार बनाकर जो धर्म राष्ट्र और धर्म ग्लोबल आर्डर ने अमेरिका और इजराइल के दुश्मनों का हिसाब किताब बराबर कि दिया,देखते रहें कि वे किस कदर लहूलुहान हैं!


# पेरिस में # मुंबई धमाके इसीलिए की हमीं नहीं सिर्फ,सारी दुनिया अब # मजहबी सियासत के शिकंजे में हैं


इस्लामिक स्टेट का आखिरी निशाना सउदी अरब है और इस्लाम के सबसे पाक इबादतगाह भी,तो समझिये कि उसके पीछे हाथ किस किसके हैं!


इस्लामिक स्टेट, अलकायदा और तालिबान भी उन्हींने पैदा किया है और यह भी समझ लीजिये कि वे जनक संप्रदाय भारत में भी हिंदूतालिवान पैदा करने वाले हैं मुनाफा वसूली के लिए।


अब खैर मनाइये कि हमें भी अमेरिका के युद्ध में फिर पार्टल नर बनाया गया है!


पार्टनर हम विश्वयुद्धों के भी बने थे और खैरात में भुखमरी भी मिली थी और अब फिर खैरात तबाही है!


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#PARIS Struck #Mumbai Blasts and Humanity bleeds yet again!Terror might strike Any where,Any Time! Be Aware!

Paris Attack | Bataclan Hostages Leave
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Paris Attack | Explosion Audible From Stade De France
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#ModiInUK: ब्रिटिश मीडिया ने कहा- भारत में है हिंदू तालिबान का राज


Hindu Taliban on the rise in India, claims UK based sculptor ...

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https://www.youtube.com/watch?v=LrlqOOMWZfs

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