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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, January 18, 2016

ठीक उसी तरह मारा गया रोहित वेमूला

ठीक उसी तरह मारा गया रोहित 


वेमूला



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हत्या की सारी तैयारी पहले से थी

भूख से कभी नहीं मरा किसान इस देश का

विश्वविद्यालय का छात्र भी नहीं मरा फांसी लगाकर 
जिस तरह पहले से तय षडयंत्र के तहत
काट लिया गया था
एकलव्य का अंगूठा
ठीक उसी तरह मारा गया रोहित वेमूला
इस सीरिज में सबसे पहले निशाने पर था एकलव्य
द्रोणाचार्य ने किसके लिए मांग लिया था उसका अंगूठा !
कटा हुआ अंगूठा किसी काम का नहीं
मांगने वाले ने क्या किया उस अंगूठे से ?
हाँ, अंगूठा देने वाले को बना दिया था अपंग
ताकि सुरक्षित रहें
हस्तिनापुर का भविष्य |

किसान ने जब भर दिया था अनाज के तमाम गोदामों को

फिर कैसे मर गया भूख से सपरिवार !

रथ के धंसने पर ही काट दी जाएगी

असहाय कर्ण की गर्दन

जानती थी सत्ता

हत्या अचानक नहीं होती किसी की

बहुत पहले से रची जाती हैं सबकुछ

छान लीजिये इतिहास से तमाम हत्याओं की कहानी

आपको पता चलेगा

कि, यूँ ही नहीं हुआ था अचानक सबकुछ

आँखें बंद कर लेने से

अंधकार का भ्रम भर होता है

और चीखने से झूठ कभी सच नहीं हो जाता

आत्महत्या, केवल आत्महत्या नहीं

हत्या होती हैं |

-तुम्हारा कवि

नित्यानंद गायेन


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