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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, August 14, 2010

Fwd: Caste Census will be done by private/govt agencies in 5 Yrs and it will be optional and for 600 million Indians only.. Pl circulate.



---------- Forwarded message ----------
From: dilip mandal <dilipcmandal@gmail.com>
Date: 2010/8/14
Subject: Caste Census will be done by private/govt agencies in 5 Yrs and it will be optional and for 600 million Indians only.. Pl circulate.



  • Caste Census will be done by private/govt agencies in 5 Yrs and it will be optional and for 600 million Indians only.
  • (All information from government sources only. Reference available on request.)
  • Please use this medium as alternate media as we know the partisan role of mainstream media. Pl circulate.
  • जनगणना की जगह बायोमैट्रिक डाटा कलेक्शन के साथ जाति की गिनती का मतलब
  • जाति गणना ऑप्शनल हो जाएगी क्योंकि बायोमैट्रिक डाटा ( उंगलियों और आंख की पुतली के निशान) देना ऑप्शनल है। यानी आप चाहें तो डाटा देंगे, नहीं चाहेंगे तो नहीं देंगे। (देखिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी की सरकारी वेबसाइट का अंश - Will getting a UID be compulsory? No, it will not be compulsory to get a UID, it is voluntary. However in time, certain service providers may require a person to have a UID to deliver services.) 15 साल से छोटी उम्र वालों का बायोमैट्रिक डाटा भी इकट्ठा नहीं किया जाएगा।
  •  जबकि सेंसस एक्ट 1948 के तहत आप सेंसस अधिकारी को जानकारी देने से इनकार नहीं कर सकते और गलत जानकारी देने पर जुर्माने की सजा है। यानी जो लोग बायोमैट्रिक डाटा देने के लिए डाटा सेंटर तक नहीं पहुंचेंगे/ नहीं पहुंच पाएंगे, उनकी जाति नहीं गिनी जाएगी।
  •  जाति की गिनती में कम से कम पांच साल लगेंगे क्योंकि बायोमैट्रिक डाटा कलेक्शन का काम कम से कम पांच साल में पूरा होगा। यह हम नहीं कह रहे हैं। यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी की सरकारी वेबसाइट - http://uidai.gov.in/ में बायोमैट्रिक डाटा कलेक्शन की यही टाइम लाइन है। इसी सरकारी साइट के होम पेज पर लिखा है कि पांच साल में 60 करोड़ लोगों का बायोमैट्रिक डाटा इकट्ठा कर लिया जाएगा। (Over five years, the Authority plans to issue 600 million UIDs. The numbers will be issued through various 'registrar' agencies across the country.)
  •  जाति की गिनती का काम प्राइवेट कंपनियों को – बायोमैट्रिक डाटाकलेक्शन का इंस्टिट्यूशनल फ्रेमवर्क ऐसा ही है। जिन्हें रजिस्ट्रार एजेंसी बनाया गया है उनमें सरकारी और निजी दोनों तरह की कंपनियां हैं। ( देखिए यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी की सरकारी वेबसाइट का अंश - The Registrars would include both Government and Private Sector Agencies which already have the infrastructure in place to interface with the public to provide specified services for e.g. Insurance companies, LPG marketing companies,  RSBY, NREGA etc.)
  •  बायोमैट्रिक फॉर्म में जो जानकारियां ली जाएंगी वे इस प्रकार हैं – नाम, जन्म की तारीख, लिंग, पिता/माता, पति/पत्नी या अभिभावक का नाम, पता, आपकी तस्वीर, दसों अंगुलियों के निशान और आंख की पुतली का डिजिटल ब्यौरा।[i] यानी न आपको जातियों की शिक्षा के स्तर का पता चलेगा न आर्थिक स्तर का। किसी समूह की किसी और समूह से तुलना नहीं हो पाएगी।
  • जिस यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी ने अभी अपना काम ठीक से शुरू नहीं किया है और जिसके क्षेत्रीय दफ्तर अभी तक बने नहीं हैं, बैंगलोर दफ्तर का डिजाइन बनाने के लिए आर्किटेक्ट ढूंढने का टेंडर अभी-अभी आया है, उसे जाति गणना का काम सौंपा जा रहा है। इसका दिल्ली का डाटा सेंटर तक अभी तैयार नहीं है।
  •  यूनिक आईडेंटिफिकेशन अथॉरिटी न तो संवैधानिक संस्था है न ही इसे संसद के एक्ट के जरिए बनाया गया है। इसका अपना भविष्य ही संदिग्ध है और इस पर कभी भी ताला लग सकता है। 

  • [i] http://uidai.gov.in/




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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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