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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, July 31, 2013

बांग्लादेश में हिन्दू मंदिरों और घरों पर टूटा जमात का कहर

बांग्लादेश में हिन्दू मंदिरों और घरों पर टूटा जमात का कहर

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बांग्लादेश में पिछले माह जब से कट्टरपंथी मुस्लिम नेता सईदी को युद्ध अपराध के लिए मौत की सजा सुनाई गई तब से मुस्लिम कट्टरपंथियों ने पूरे बांग्लादेश में दर्जनों हिंदू मंदिरों और सैकड़ों घरों पर हमला कर उन्हें जला दिया है। हिंदू मंदिरों की देखरेख करने वाली बांग्लादेश पूजा उद्जापन परिषद नामक हिंदुओं के एक संगठन ने बुधवार को कहा कि जब से दिलवर हुसैन सईदी के खिलाफ फैसला आया है तब से 47 मंदिर और कम से कम 700 हिंदू घर या तो जला दिए गए या उन्हें तहस-नहस कर डाला गया है।

सईदी बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी की उपाध्यक्ष है। उन्हें वर्ष 1971 के बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई मुक्ति संग्राम के दौरान किए गए हत्या और दुष्कर्म के अपराधों के लिए गत 28 फरवरी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। सजा सुनाए जाते ही मुस्लिम बहुल बांग्लादेश में हिंसा फैल गई। देशभर में फैली हिंसा में अब तक 85 लोगों की मौत हो चुकी है।

परिषद के उपाध्यक्ष काजल देबनाथ ने मंदिरों और हिंदुओं के घरों पर हमले के लिए जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिबिर को जिम्मेदार ठहराया है। वह कहते हैं कि यह जमात और शिबिर का काम है, लेकिन हम मंदिरों व हिंदू समुदाय की रक्षा करने में नाकाम रहने के लिए सरकार, पुलिस और सरकार के स्थानीय प्रतिनिधियों को भी दोषी मानते हैं जिसमें हमारे सांसद भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि हमलावरों को हमारे मंदिरों को जलाने और तहस-नहस कर देने के लिए खुला छोड़ दिया गया। जमात ने इन हमलों में अपनी किसी भूमिका से इन्कार किया है और हिंसा के लिए सत्तारूढ़ अवामी लीग के समर्थकों को जिम्मेदार ठहराया है। इससे उलट विदेश मंत्री दीपू मोनी ने पिछले हफ्ते कहा था कि जमात और शिबिर ने हिंदू मंदिरों और घरों पर पूर्व नियोजित योजनाबद्ध ढंग से हमला किया।

15 करोड़ 30 लाख की जनसंख्या वाले बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी करीब दस फीसद है। परंपरागत रूप से इन्हें अवामी लीग के समर्थक के रूप में देखा जाता है। लीग ने अपनी छवि धर्म निरपेक्ष दल की बना ली है। हिंदू समुदाय के लोग 1971 के पाकिस्तान के खिलाफ बांग्लादेश की स्वाधीनता की लड़ाई में भी मुख्य निशाने पर थे। जमात-ए-इस्लामी के नेताओं के खिलाफ बांग्लादेश के ही अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण में पाकिस्तानी सेना के साथ मिलकर साजिश रचने का मुकदमा चल रहा है।

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