इसी सितम्बर की दो तारीख थी. वीरेन दा के साथ गप्पें चल रही थीं . कहीं से ज़िक्रे मीर आ गया . वीरेन दा ने दो शे'र सुनाए . कहा, ये शे'र उनके दिल के सबसे करीब रहते हैं . दोनों शे'रों में वीरेन मौजूदा हैं .
१ .
आगे किसू के क्या करें दस्तेतमअ़ दराज़
ये हाथ सो गया है सिरहाने धरे-धरे
२.
अब भी दिमागे रफ्ता हमारा है अर्श पर
गो आसमां ने ख़ाक में हमको मिला दिया
१ .
आगे किसू के क्या करें दस्तेतमअ़ दराज़
ये हाथ सो गया है सिरहाने धरे-धरे
२.
अब भी दिमागे रफ्ता हमारा है अर्श पर
गो आसमां ने ख़ाक में हमको मिला दिया
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