Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Wednesday, September 30, 2015

Mohan Shrotriya - "अफ़वाह फैलाओ! क़त्ल करो! डरा दो उन लोगों को जो तुम्हारी मूर्खताओं में ज्ञान का आलोक नहीं खोजते! गाय-गोबर-मूत्र को पवित्रतम शब्दों के रूप में मान्यता दे दो। देश को जितना पीछे ले जा सकते हो, ले जाओ! पांच सौ साल, हज़ार साल, या जितना भी चाहो! तुम्हे यह बर्दाश्त नहीं हो सकता कि देश की पहचान एक आधुनिक विकासमान देश के रूप में होती रहे! अपराधियों, गुंडों, क़ातिलों को ही अपनी शक्ति मानो, जनता को हिंद महासागर में डुबो दो! और फिर अट्टहास करो!"


Mohan Shrotriya - "अफ़वाह फैलाओ! क़त्ल करो!
डरा दो उन लोगों को जो तुम्हारी मूर्खताओं में ज्ञान का आलोक नहीं खोजते!
गाय-गोबर-मूत्र को पवित्रतम शब्दों के रूप में मान्यता दे दो।
देश को जितना पीछे ले जा सकते हो, ले जाओ! पांच सौ साल, हज़ार साल, या जितना भी चाहो!
तुम्हे यह बर्दाश्त नहीं हो सकता कि देश की पहचान एक आधुनिक विकासमान देश के रूप में होती रहे!
अपराधियों, गुंडों, क़ातिलों को ही अपनी शक्ति मानो, जनता को हिंद महासागर में डुबो दो!
और फिर अट्टहास करो!"

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...