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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Saturday, August 27, 2011

Fwd: [Ground Report India Discussion Forum] संसद की मौत हो गयी है . इसकी गरिमा को ख़त्म करने...



---------- Forwarded message ----------
From: Ground Journalist <notification+kr4marbae4mn@facebookmail.com>
Date: 2011/8/27
Subject: [Ground Report India Discussion Forum] संसद की मौत हो गयी है . इसकी गरिमा को ख़त्म करने...
To: Ground Report India Discussion Forum <groundreportindia.discussion@groups.facebook.com>


संसद की मौत हो गयी है . इसकी गरिमा को ख़त्म करने की साजिश सफल होती दिख रही है .आजादी के बाद संसद कभी इतनी डरी सहमी नहीं दिखी . सांसद अपराधी हो सकते हैं ,भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकते हैं ,पर इनके बहाने संसदीय जनतंत्र पर जिस प्रकार मीडिया ,कारपोरेटों और जातीय गठजोड़ों ने हमला किया ,वह दुर्भाग्यपूर्ण है. संसद जैसी भारत की सर्वोच्च संस्था की गरिमा ध्वस्त हो गयी है .देश का नेतृत्व सदन में जिस प्रकार अन्ना के सामने मिमयाते नजर आये, उसका सन्देश पूरी दुनियां में गलत जा रहा है . अन्ना के साथ चेहरा चमकाने वाली किरण वेदी जिस तरह फूहड़ भाषा का प्रयोग कर रही है ,वह शर्मनाक है .किरण वेदी के लिए गांधी टोपी से भी बड़ी अन्ना की टोपी हो गयी . अन्ना टीम , एक साथ आंबेडकर और गांधी की हत्या कर रही है .बाबा के संविधान और गांधी के त्याग और वलिदान के सामानांतर अन्ना का ड्राफ्ट हो गया और अन्ना की टोपी हो गयी .यह इतिहास का काला दिन है .  सदन निकम्मी है , सभी नेता चोर हैं ,कानून कमजोड है ,बाबा का संविधान बेकार है -येसी गालियां टीम अन्ना देती भी रही और दिलवाती भी रही है .दो कौड़ी का ओमपुरी सदन में बैठे लोगों को गंवार कहा .इस टीम के लिए गवांर शब्द गाली है .भारत गाँव का देश है .देश के नागरिक होने से ज्यादा मुझे गवांरू होने पर गर्व है . .इस देश में इंडिया और भारत अपने-अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहा है .आज फिर इण्डिया वालों ने गंवारू शब्द का इश्तेमाल कर भारत को गाली दी है .सांसदों को गंवार कहना शर्मनाक है .यह जन लोक पाल इंडिया का, इंडिया द्वारा ,इंडिया के लिए है .भारत छला महसूस कर रहा है .  सदन की गरिमा को जो ठेंस लगी है उसके लिए सभी पार्टियाँ जिम्मेवार है .इनके बौनेपन के कारण ही अन्ना टीम को संसद पर आक्रमण करने का मौका मिला है भारत के सामने मौजूदा सवाल को दरकिनार करने के लिए इस फर्जी आन्दोलन को जन्म दिया गया .  सदन की महत्ता बरक़रार रखते हुए अन्ना को देश से जनादेश लेना चाहिए .ठीक है देश की जनता ने वर्त्तमान नेताओं को इसलिए चुनकर नहीं भेजा को ये देश को लुटे ?.पर क्या इन नकारे नेता को सजा देने के लिए संसदीय प्रणाली को ही ख़त्म कर दिया जाय ? यह यूरोपीयन मोडल का आन्दोलन है .यह लोबी है ,एक दबाब समूह है जो वर्गीय हितों की रक्षा के लिए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया .इस लोबी के लिए देश नहीं, भ्रष्टाचार चाहिए ताकि अपना गेम पूरा कर सके .भ्रष्टाचार अन्ना टीम के लिए वरदान साबित हुआ जिससे देश की जनता त्रस्त थी .जनता की भावना का बेजा इश्तेमाल किया गया इस आन्दोलन द्वारा . .  by- Pappu Yadav via Swaraj Khabar
Ground Journalist 9:11pm Aug 27
संसद की मौत हो गयी है . इसकी गरिमा को ख़त्म करने की साजिश सफल होती दिख रही है .आजादी के बाद संसद कभी इतनी डरी सहमी नहीं दिखी . सांसद अपराधी हो सकते हैं ,भ्रष्टाचार में लिप्त हो सकते हैं ,पर इनके बहाने संसदीय जनतंत्र पर जिस प्रकार मीडिया ,कारपोरेटों और जातीय गठजोड़ों ने हमला किया ,वह दुर्भाग्यपूर्ण है. संसद जैसी भारत की सर्वोच्च संस्था की गरिमा ध्वस्त हो गयी है .देश का नेतृत्व सदन में जिस प्रकार अन्ना के सामने मिमयाते नजर आये, उसका सन्देश पूरी दुनियां में गलत जा रहा है . अन्ना के साथ चेहरा चमकाने वाली किरण वेदी जिस तरह फूहड़ भाषा का प्रयोग कर रही है ,वह शर्मनाक है .किरण वेदी के लिए गांधी टोपी से भी बड़ी अन्ना की टोपी हो गयी . अन्ना टीम , एक साथ आंबेडकर और गांधी की हत्या कर रही है .बाबा के संविधान और गांधी के त्याग और वलिदान के सामानांतर अन्ना का ड्राफ्ट हो गया और अन्ना की टोपी हो गयी .यह इतिहास का काला दिन है .

सदन निकम्मी है , सभी नेता चोर हैं ,कानून कमजोड है ,बाबा का संविधान बेकार है -येसी गालियां टीम अन्ना देती भी रही और दिलवाती भी रही है .दो कौड़ी का ओमपुरी सदन में बैठे लोगों को गंवार कहा .इस टीम के लिए गवांर शब्द गाली है .भारत गाँव का देश है .देश के नागरिक होने से ज्यादा मुझे गवांरू होने पर गर्व है . .इस देश में इंडिया और भारत अपने-अपने अस्तित्व की लडाई लड़ रहा है .आज फिर इण्डिया वालों ने गंवारू शब्द का इश्तेमाल कर भारत को गाली दी है .सांसदों को गंवार कहना शर्मनाक है .यह जन लोक पाल इंडिया का, इंडिया द्वारा ,इंडिया के लिए है .भारत छला महसूस कर रहा है .

सदन की गरिमा को जो ठेंस लगी है उसके लिए सभी पार्टियाँ जिम्मेवार है .इनके बौनेपन के कारण ही अन्ना टीम को संसद पर आक्रमण करने का मौका मिला है भारत के सामने मौजूदा सवाल को दरकिनार करने के लिए इस फर्जी आन्दोलन को जन्म दिया गया .

सदन की महत्ता बरक़रार रखते हुए अन्ना को देश से जनादेश लेना चाहिए .ठीक है देश की जनता ने वर्त्तमान नेताओं को इसलिए चुनकर नहीं भेजा को ये देश को लुटे ?.पर क्या इन नकारे नेता को सजा देने के लिए संसदीय प्रणाली को ही ख़त्म कर दिया जाय ? यह यूरोपीयन मोडल का आन्दोलन है .यह लोबी है ,एक दबाब समूह है जो वर्गीय हितों की रक्षा के लिए भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाया .इस लोबी के लिए देश नहीं, भ्रष्टाचार चाहिए ताकि अपना गेम पूरा कर सके .भ्रष्टाचार अन्ना टीम के लिए वरदान साबित हुआ जिससे देश की जनता त्रस्त थी .जनता की भावना का बेजा इश्तेमाल किया गया इस आन्दोलन द्वारा . .

by- Pappu Yadav via Swaraj Khabar

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Palash Biswas
Pl Read:
http://nandigramunited-banga.blogspot.com/

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