वूडी गथरी (1912-1967) सही अर्थों में जन गायक थे। किसानों मजदूरों के साथ रहकर ब्लूज संगीत सीखा और आजीवन गरीबों की व्यथा अपने गीतों में कहते रहे। आम लोगों के अधिकारों की लड़ाई, उनकी बदकिस्मती, सामाजिक गैरबराबरी, सरकार की बदइंतजामी, यही मुख्यत: उनके गीतों के सरोकार थे।
भारतीय जनांदोलनों में क्रांतिकारी गीतों की जगह महत्त्वपूर्ण है। राष्ट्रीय स्वाधीनता की लड़ाई से लेकर आज तक सभी वाम आंदोलनों तक सांस्कृतिक मोर्चे बुलंद रहे हैं। इन गीतों में लोक-संगीत का समावेश रहा है। लोक-संगीत की हमारी अपनी परंपरा से अलग पाश्चात्य से प्रेरित गीतों का इस्तेमाल बहुतायत से हुआ है। इप्टा (इंडियन पीपल्स थिएटर) के स्वर्णिम दिनों से लेकर और सलिल चौधरी, भूपेन हजारिका, कैलकाटा यूथ कोयर और पिछले दो दशकों में कबीर सुमन आदि प्रसिद्ध गायकों और संगीतकारों के अलावा जननाट्य मंच, जन संस्कृति मोचार, प्रतिध्वनि आदि अनेक संगठनों ने गली-मुहल्लों में ऐसे जनगीतों को गाया है। यहां तक कि कई जनगीत तो सरकारी कार्यक्रमों में भी गाए जाते रहे हैं। जनगीतों में आधुनिक पढ़े लिखे सांस्कृतिक-राजनैतिक कार्यकर्ता और लोक संस्कृति में पुल बनाने की प्रेरणा के जो स्रोत पश्चिमी मुल्कों से आए, उनमें एक प्रमुख नाम वूडी गथरी का है, जिनकी जन्मशती इस साल मनाई जा रही है।
सैकड़ों राजनैतिक, लोक गीतों और बाल गीतों के रचयिता और गायक, वुडरो विल्सन 'वूडी' गथरी का जन्म 14 जुलाई 1912 को संयुक्त राज्य अमेरिका के ओकलाहोमा प्रांत के ओकेमा नामक एक छोटे शहर में हुआ था।
समाजवादी आदर्शों के प्रति और फासीवाद के खिलाफ उनकी प्रतिबद्धता जीवन भर रही। उन्होंने अपने गिटार पर यह नारा लिखा हुआ था - दिस मशीन किल्स फासिस्ट्स (यह यंत्र फासीवादियों का खात्मा करता है)। उनका सबसे लोकप्रिय गीत (स्वरचित) है 'दिस लैंड इज योर लैंड'
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यह जमीं तुम्हारी है/ यह जमीं है तुम्हारी, यह जमीं है हमारी/ कैलिफोर्निया से न्यूयार्क आइलैंड तक सारी/ रेडवुड फारेस्ट्स से गल्फ स्ट्रीम वाटसर तक/ यह जमीं थी तुम्हारी हमारी/ मैं जब था राजपथों पर चल रहा/ देखा ऊपर आकाशपथ अनंत फैला/ नीचे देखी सोने की घाटी थी पसरी/ यह जमीं थी तुम्हारी हमारी/ मैं चलता रहा हूं राहों पर घुमक्कड़ बंजारा/ सुनहरे रेगिस्तानों में देखा मैंने रेत का लश्कारा/ मेरे चारों ओर थी इक आवाज गंजू रही/ यह जमीं थी तुम्हारी हमारी/ जब मैं था घूम रहा सूरज चमकता आया/ गेहूं के खेत थे नाच रहे धूल का गुब्बार मंडराया/ कुहासा हटा और धुन गूंजी यह प्यारी/ यह जमीं थी तुम्हारी हमारी/ शहर के चौक में और मीनार के साए/ राहत आफिसों के दर हमारे लोग हैं खड़े/ किसी को नाराजगी और कोई सोच में भारी/ सचमुच क्या जमीं है तुम्हारी हमारी!/ चलते हुए मैंने देखा एक साइन वहीं / लिखा था उसमें - यह आम रास्ता नहीं/ पर दूसरी साइड कहीं कुछ लिखा था नारी/ वही साइड थी तुम्हारी हमारी!
इस गीत का भारतीयकरण हुआ है। यह बीसवीं सदी के मध्य में अमेरिका में एक राष्ट्रीय गीत की तरह आम लोगों में गाया जाता था।
अमेरिका के सभी प्रसिद्ध गायकों पर, खास तौर पर जिन्होंने लोक परंपराओं को किसी हद तक अपनाया है, वूडी गथरी का अमिट प्रभाव रहा है। इनमें पीट सीगर, जोन बाएज, बाबडिलन आदि प्रमुख हैं। बाबडिलन का प्रसिद्ध गीत 'हाऊ मेनी रोड्स मस्ट अ मैन वाक डाउन... द आनसर इज ब्लोइंग इन द विंड' इसी परंपरा में गाया गया गीत है।
इस गीत को भी एकाधिक भारतीय भाषाओं में गाया गया है।
वूडी गथरी सही अर्थों में जन गायक थे। घुमंतू कामगारों के साथ निकल पड़े, जैसे हममें से कई सपनों में निकलते हैं, पर सचमुच नहीं कर पाते। वूडी वंचितों के साथ निकलकर ओकलाहोमा से कैलिफोर्निया गए। वहां गरीब किसान मजदूरों के साथ रहकर ब्लूज संगीत सीखा और आजीवन गरीबों की व्यथा अपने गीतों में कहते रहे। आम लोगों के अधिकारों की लड़ाई, उनकी बदकिस्मती, सामाजिक गैरबराबरी, सरकार की बदइंतजामी, यही मुख्यत: उनके गीतों के सरोकार थे। उस जमाने में ब्लूज (जैज संगीत का मूल स्रोत) को कोले लोगों (अफ्रीकी मूल के) का संगीत माना जाता था। उच्च वर्ग के भद्र गोरे लोग इसे निकृष्ट संगीत मानते थे। सदी के उत्तराद्र्ध में यही अमेरिकन संगीत का प्रतिनिधि रूप माना जाने लगा।
चौथे दशक के अंतिम वर्षों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में भयानक मंदी का दौर था (इसका जिक्र जॉर्न स्टाइनबेक के उपन्यासों में भी आता है)। देश के दक्षिण पश्चिमी इलाकों में अकाल जैसी परिस्थिति थी। इस पूरे क्षेत्र को 'डस्ट बोल (धूल की बाटी)' कहा जाता था। वूडी गथरी ने इस क्षेत्र के गरीब किसान मजदूरों के साथ लंबा समय बिताया।
फटेहाल, कभी खाने को मिला कभी नहीं, ऐसी हालत में अपने फासीवाद विरोधी नारे वाले गिटार को लेकर चोरी-छिपे खेतों में घुस जाते। खतरा मोल लेते हुए मजदूरों को शोषक मालिकों के खिलाफ गीत सुनाते। कई बार मालिकों के गुंडों के हाथ मार पड़ी, गिटार तोड़ दिया गया, पर वे रुके नहीं। बाद में कम्युनिस्ट पार्टी के सदस्यों के साथ मिलकर वे काम करते रहे।
बचपन से ही वूडी गथरी ने कठिन परिस्थितियों में जीवन बिताया। कभी भी स्वस्थ पारिवारिक जीवन न मिला।
उनके पिता डेमोक्रेटिक पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता थे। पर वे नस्लवादी भी थे। वूडी ने बचपन से ही राजनैतिक पाठ पढ़े। उनका रुख विरोध की राजनीति और बराबरी के समाज की ओर ही रहा। मां 'हंटिंग्टन' रोग से ग्रस्त थीं। इस रोग में नसें क्रमश: कमजोर होती जाती हैं और आखिर में मानसिक विक्षिप्तता की स्थिति हो जाती है। जब वूडी की उम्र 14 साल की थी, तो उनकी मां को मानसिक रोगियों के अस्पताल में ले जाया गया। पिता की मृत्यु पानी में डूबने से हुई। स्वयं वूडी की मौत 1967 में हंटिंग्टन रोग से ही और विक्षिप्तता की स्थिति में हुई।
वूडी की किशोरावस्था गरीबी में बीती। कभी कभार भीख भी मांगनी पड़ी। रहने सोने की भी ढंग की जगह न थी।
उन्हीं दिनों एक अफ्रीकी-अमेरिकी लड़के 'जाजर' से उनकी मुलाकात हुई, जो बूटपालिश की दूकान पर हामोनिका (माउथ आगरन) बजाकर ब्लूज संगीत सुनाया करता था। वूडी ने भी अपनी हामोनिका खरीद ली और अपने बचपन के साथी जॉर्न उड्स से इसे बजाना सीखा।
गरीबी के हालात में भी वूडी किताबें पढऩे के शौकीन थे। तरह-तरह के विषयों पर पढ़ते रहने से सामाजिक राजनैतिक जागरुकता मिली। युवावस्था के आरंभ में मनोविज्ञान पर कुछ लिखा भी, जो एक पुस्तकालय में रखा गया था, पर बाद में वह लेखन खो गया।
वूडी का गृहस्थ जीवन भी अच्छा नहीं रहा। पहली शादी से जन्मे तीनों बच्चे जल्दी मर गए। फिर पत्नी को टेक्सास में छोड़कर वे दुबारा कैलिफोर्निया आ गए। एक जनवादी प्रवर्ती के व्यक्ति के रेडियो स्टेशन में काम करते हुए वूडी गथरी ने विरोध के गीत लिखने और गाने शुरू किए। इन्हीं गीतों को बाद में 'डस्ट बोल बैलड्स' नाम से ख्याति मिली। उनकी लोकिप्रयता इतनी थी कि चाहते तो व्यवसायिक तौर पर गाकर खूब पैसे कमा सकते, आराम की जिंदगी बिता सकते, यश भी फैलता। पर गरीबी और मुफलिसी पर गाते हुए ऐश की जिंदगी बिताना उनकी फितरत न थी। सचेत रूप से ही आराम और व्यवसायिकता को उन्होंने नकारा। उनका कहना था, 'लोगों से संबंध टूट जाने से बदतर जीवन में और क्या हो सकता है?'
उन्हीं दिनों एड रॉबिन नामक व्यक्ति ने उनका परिचय दक्षिणी कैलिफोर्निया के समाजवादियों और साम्यवादियों से करवाया। उसकी मदद से ही वूडी ने कई वर्षों तक सफल जनगीतकार का जीवन जिया। कुछ समय के लिए पत्रकारिता भी की। 1939-40 में 'द डेली वर्कर' नामक कम्युनिस्ट पत्रिका के लिए 'वूडी सेज' शीर्षक से 174 स्तंभ लिखे।
1940 में वूडी न्यूयार्क शहर में आ गए और पूर्वी राज्यों में काम करने लग गए। न्यूयार्क के वामपंथी संगीतकारों में उन्हें ओकलाहोमा काऊबॉय कहा जाता था। इसी दौरान उन्होंने देशभिक्त के प्रचलित गीत 'गॉड ब्लेस अमेरिका' से चिढ़ते हुए अपना विश्व प्रसिद्ध गीत 'दिस लैंड इज योर लैंड' लिखा। इस गीत में एक ओर तो महान अमेरिकी कवि वाल्ट ह्विटमैन की कविता जैसी उन्मुक्तता है, दूसरी ओर लय और प्रगीतात्मक सौंदर्य भी है। इसकी पांडुलिपि पर हस्ताक्षर करते हुए उन्होंने लिखा: 'ऑल यू कैन राइट इज ह्वाट यू कैन सी (हमें वही लिखना चाहिए जो हम जीते हैं)'।
मार्च 1940 में गरीब किसानों के लिए चंदा इकट्ठा करने के लिए बुलाई एक सभा में उनकी मुलाकात प्रसिद्ध लोक गायक पीट सीगर से हुई। और दोनों में गहरी दोस्ती हो गई। दोनों ने मिलकर 'एलमनक सिंगसर' नामक गायक संगठन बनाया।
हालांकि न्यूयार्क में रहते हुए उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी, पर अपने काम से असंतुष्ट होकर उन्होंने काम छोड़ दिया और वापस कैलिफोर्निया चले गए। वहां रहते हुए एक फिल्म के लिए काम किया और बाद में एक सरकारी प्रोजेक्ट पर काम करते हुए कोलंबिया नदी और उसके पास की घाटी के सौंदर्य पर उन्होंने 26 गीत लिखे। तब तक देश भर में उनकी ख्याति एक लोक (और जनपक्षधर) गीतकार के रूप में फैल चुकी थी। इसके बाद वे कभी न्यूयार्क तो कभी कैलिफोर्निया दूसरे इलाकों में घुमक्कड़ी करते रहे।
दूसरे विश्व युद्ध के दौरान वूडी को अनिच्छा पूर्वक सेना के लिए भी काम करना पड़ा। युद्ध की समाप्ति पर उसने दुबारा शादी की और बच्चों के लिए कई गीत लिखे। बच्चों के लिए तैयार किया गया उनका एल्बम 'सांग्स टू ग्रो ऑन फॉर मदर एंड चाइल्ड'
गीतों में ध्वनियों का अभूतपूर्व खेल है, जो आज तक बहुत पसंद किया जाता है।
वूडी गथरी ने तीन शादियां कीं। उनका बेटा आलो गथरी उन्हीं की तरह राजनैतिक और लोकगीतों का प्रमुख गायक बना। आलो का गीत 'यू कैन गेट एनीथिंग यू वांट, इन एलिसेस रेस्तरां' बीसवीं सदी के उत्तरार्ध में सबसे प्रसिद्ध अमेरिकन लोकगीतों में माना जाता है। इस गीत में अमेरिकन पुलिस, फौज और जंगपरस्त व्यवस्था का जमकर मजाक उड़ाया गया है। वूडी की पोती सेरा ली गथरी भी प्रख्यात संगीतकार है।
1950 तक उनका स्वास्थ्य काफी बिगड़ गया और पूरी तरह अस्पताल में दाखिल होने के पहले वे कैलिफोर्निया में अपनी तीसरी पत्नी के साथ एक परित्यक्त बस में रहते थे। आखिरी वर्षों में जब उनको न्यूयार्क शहर के ब्रूकिलन अस्पताल में रखा गया, परवर्ती समय के विश्वविख्यात और उन दिनों के उभरते गीतकार और गायक बॉर्ब डिलन उनसे नियमित रूप से मिलने आते। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती गई, लिन के प्रति भी उनका व्यवहार बिगड़ता गया।
उन दिनों उनकी बीमारी (हंटिंग्टन रोग)के बारे में अधिक जानकारी उपलब्ध न थी। उनकी मौत से इस बीमारी पर जागरुकता फैली और राष्ट्रव्यापी अभियान भी चला।
उनकी मृत्यु के बाद जनवरी 1968 में न्यूयार्क शहर के प्रसिद्ध कानेगी हाल (जहां दुनिया के सबसे नामी संगीतकारों के कार्यक्रम होते हैं) में उनकी स्मृति में और उनके प्रति श्रद्धा प्रकट करते हुए बॉर्ब डिलन, जूडी कॉरलिन्स और रिची हेवन्स आदि उन दिनों के सबसे जाने माने गायकों ने एक कार्यक्रम किया।
1988 में उनको रॉक एंड रोल हॉल ऑफ फेम में शामिल किया गया - यह किसी भी आधुनिक संगीतकार के लिए बहुत बड़ा सम्मान माना जाता है। वहीं एक संग्रहालय भी है, जहां के अमेरिकन म्यूजिक मास्टर सीरीज में वूडी गथरी को 1 सितंबर 1996 में शामिल किया गया।
वूडी गथरी मुख्यत: जीवनोन्मुखी गीतकार थे। उनके अधिकतर गीत गरीब किसान मजदूरों के जीवन के कटु अनुभवों पर आधारित थे, पर वे संघर्ष की प्रेरणा से भरे होते थे। 29 जनवरी 1948 को कैलिफोर्निया के लोस गातोस दर्रे के पास एक हवाई दुर्घटना जिसमें चालकों सहित सभी यात्री मर गए। यात्री मेक्सिको से आए अवैध गरीब अप्रवासी थे, जो फलों के बागों में मजदूरी करने आते थे। काम खत्म होने पर उन्हें पकड़ कर सीमा पर छोडऩे ले जाया जा रहा था।
अखबारों में और रेडियो पर सभी मृत अमेरिकी चालकों के नाम बतलाए गए, पर मृत अप्रवासियों को महज 'डीपोटीज' (निष्कासित) कहा गया था। एक बड़ी कब्र खोदकर उन सत्ताईस मजदूरों को दफनाया गया जिनमें से बाद में सिर्फ ग्यारह को पहचाना गया था। संचार माध्यमों और राष्ट्र की भूमिका के खिलाफ वूडी ने तब यह गीत लिखा था। यह गीत दुनिया के उन तमाम मजदूरों के बलिदान की याद दिलाता है, जिनकी इतिहास के पन्नों में कोई पहचान नहीं है -
लोस गाटोस में हवाई दुर्घटना ('निष्कासित')/ फसल उग गई है और आड़ू सड़ रहे हैं/ दवा के टैकों में संतरों के ढेर लगे हैं/ कामगारों को उड़ाकर मेक्सिकन सीमा छोडऩे ले जा रहे हैं/ ताकि वे फिर अपना पैसा लुटाकर नदी पार करे विदा मेरे हुआन, विदा रोजालीता/ विदा मेरे दोस्तो, हेसुस और मारीआ;/ हवाई जहाज में तुम्हारे ये नाम न होंगे,/ तुम्हें पुकारा जाएगा बस 'निष्कासित'/ मेरे पिता का पिता, वह भी नदी पार कर आया,/ सारे पैसे उसके लुट गए, जो भी वह कमाया;/ मेरे भाई और बहनें, फलों के बगीचे में काम को आए/ वे ट्रक पर ही जीते रहे जब तक कि वे मर नहीं गए/ हममें से कुछ अवैध हैं, कुछ हैं अनचाहे,/ हमारा ठेका खत्म हुआ, कहीं और काम ढूंढना है;/ मेक्सिकन सीमा तक छह सौ मील,/ हमें अपराधियों, चोर डकैतों सा भगाते हैं।/ तुम्हारे पहाड़ों पर मरे हम, तुम्हारे मरुथलों में मरे हम,/ तुम्हारी घाटियों में मरे हम, तुम्हारे मैदानों में मरे हम।/ तुम्हारे पेड़ों तले मरे हम और तुम्हारी झाडिय़ों में मरे हम,/ नदी के इस पार या उस पार, दोनों ओर एक से मरे हम।/ लोस गातोस दर्रे पर हवाई जहाज में आग लगी,/ आग का बबूला था, सारी चट्टानें हिल उठीं,/ कौन है ये दोस्त, सूखे पत्तों से बिखरे जो?/ रेडियो का कहना है, 'वही निष्कासित सभी'/ बड़े बागों का क्या यही बढिय़ा तरीका है?/ अच्छा फल उगाने का क्या यही बढिय़ा तरीका है?/ कि लोग सूखे पत्तों से गिरे, धरती की सतह पर सड़े/ और कि उनका कोई नाम न हो, सिवाय 'निष्कासित'?
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गथरी के संगीत का सिर्फ अमेरिकी ही नहीं, बल्कि विश्व भर के जनोन्मुखी लोक संगीत पर गहरा प्रभाव पड़ा। साठ के दशक में अमेरिका में यह एक पूरा सांस्कृतिक आंदोलन बनकर उभरा।
गीत लिखने पर वूडी गथरी का एक वक्तव्य है, जिसका सारांश इस तरह है - मुझे ऐसे गीत से परहेज है, जो हमारा आत्म-विश्वास कम करता है। मैं जीवन के आखिरी क्षणों तक इस तरह के गीतों के खिलाफ लड़ता रहूंगा। मैं ऐसे गीत गाना चाहता हूं जो हमें आत्म गौरव की ओर ले जाते हों, जो हमें बतलाते हैं कि यह दुनिया हमारी है, और किसी भी नस्ल या जाति के व्यक्ति को इसके लिए एक सा संघर्ष करना है।
वूडी गथरी को याद करते हुए आज भी अमेरिका के सभी लोक गायक ओकेमा में जुलाई के दूसरे हफ्ते इकट्ठे होते हैं।
'वूडी गथरी फाउंडेशन' नामक संस्था द्वारा मनाए इस 'वूडी गथरी फोक फेस्टिवल' उत्सव में दुनिया भर से संगीत प्रेमी और राजनैतिक संस्कृतिकर्मी हिस्सा लेने आते हैं।
उनकी मृत्यु के बाद उनके गीतों के कॉपीराइट को लेकर कई विवाद चले। 1940 के शुरुआती वर्षों में अपने एक एल्बम में गथरी ने यह कॉपीराइट संदेश लिखा, 'यू एस कॉपीराइट मुहर संख्या154085 के द्वारा यह गीत 28 वर्षों तक के लिए कॉपीराइट किया गया है। और अगर किसी को बिना अनुमति इसे गाते हुए पकड़ा गया, तो उसे हमारा अभिन्न मित्र माना जाएगा क्योंकि हमें इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। इसे छापो, लिखो, गाओ, इसे गाते हुए नाचो, शोर मचाओ। हमने इसे लिखा, हम यही करना चाहते थे।'
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