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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, June 28, 2013

कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा आरंभ

कड़ी सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा आरंभ

Friday, 28 June 2013 14:45

श्रीनगर। कड़ी सुरक्षा के बीच आज वार्षिक अमरनाथ यात्रा आरंभ हो गयी। श्रद्धालुओं ने दक्षिण कश्मीर हिमालय में 3880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित पवित्र गुफा के लिए बालटाल और पहलगाम आधार शिविरों से यात्रा शुरू की। 
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि 'बम बम भोले' के जयघोष के बीच श्रद्धालुओं का पहला जत्था आज तड़के 45 किलोमीटर वाले कठिन पारंपरिक पहलगाम और बालटाल मार्ग से एक साथ रवाना हुआ।
सूत्रों के मुताबिक, श्रद्धालुओं को निशाना बनाने की खुफिया सूचनाओं के बाद 55 दिवसीय यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी कर दी गयी है।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दोनों मार्गों पर राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल :सीआरपीएफ: तैनात किए गए हैं।
पहली बार यात्रा व्यवस्था में लगी एजेंसियां अनुमति से पहले श्रद्धालुओं और उनके दस्तावेजों की गहन जांच कर रही है।
पुलिस महानिदेशक, मध्य कश्मीर, सैयद अहफादुल मुजतबा ने बताया कि बाद वाली तारीख अथवा बिना पंजीकरण वाले करीब 4,000 से ज्यादा श्रद्धालुओं वापस भेज दिया गया। 
उन्होंने कहा कि इस संबंध में कोई कोताही नहीं बरती जाएगी और इस मामले में उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन होगा। 

पिछले साल यात्रा के दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की मौत के बाद जुलाई 2012 में एक जनहित याचिका दायर की गयी थी जिसके बाद उच्चतम न्यायालय ने इस साल अमरनाथ यात्रा के लिए दिशा निर्देश जारी किये।
खराब मौसम के कारण जम्मू कश्मीर के राज्यपाल एनएन वोहरा पवित्र गुफा में पूजा के लिये नहीं जा पाए। वह श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड :एसएएसबी: के अध्यक्ष भी हैं।
उन्होंने बालटाल शिविर में व्यस्था का जायजा लिया और श्रद्धालुओं के साथ विचार विमर्श किया।
दोनों आधार शिविर से रवाना होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या के बारे में अभी जानकारी नहीं मिल पायी है। एसएएसबी के एक प्रवक्ता ने कहा कि पहले दिन की यात्रा के लिए 12,717 श्रद्धालुओं ने पंजीकरण कराया था।
उन्होंने बताया कि 6,576 श्रद्धालुओं ने बालटाल मार्ग से जबकि 6,150 ने पहलगाम मार्ग से यात्रा करने के लिये पंजीकरण कराया। एसएएसबी ने प्रत्येक मार्ग के लिए रोजाना 7,500 श्रद्धालुओं की सीमा तय की है। 
प्रवक्ता ने कहा कि इसमें हेलिकॉप्टर सेवा से जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या शामिल नहीं है। उनकी संख्या 1,000 से 1,400 हो सकती है। 
भाषा

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