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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Friday, July 19, 2013

अगर ग्याडू प्रदेश का स्वास्थ मंत्री होता तो


  • बल भैजी, 
    अगर ग्याडू प्रदेश का स्वास्थ मंत्री होता तो स्वास्थ विभाग को ढर्रे पर लाने के लिए निम्न कार्य फौरी तौर पर करता :-

    १. पहाड़ के हर प्राथमिक स्वास्थ केंद्र में एक डॉक्टर और एक कम्पाउन्डर की अनिवार्य नियुक्ति करवाता 

    २. पहाड़ के हर सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में दो महिला रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तथा दो एएनएम की अनिवार्य नियुक्ति करवाता

    ३. तहसील स्तर एक बड़े अस्पताल का निर्माण करवाता और उसमें अन्य विशेषज्ञ डॉक्टर के साथसाथ एक-एक आर्थो एवं जनरल सर्जन की नियुक्ति को अनिवार्य करवाता तथा उसमें सामान्य मल-मूत्र-खून-थूक की जांच को लेबोरेट्री की स्थापना करवाता 

    ४. जिले के हर बेस अस्पताल को ट्रामा सेंटर के साथ साथ अन्य सभी सुविधाओं से अनिवार्य रूप से सुसज्जित करवाता ताकि दूर-दराज के लोगो को इलाज के लिए देहरादून-हल्द्वानी की दौड ना लगानी पड़े 

    ५. राज्य के मेडिकल कॉलेज से साधारण फीस चुकाकर पास आउट होने वाले सभी डॉक्टर को राज्य में अनिवार्य रूप से 7 वर्ष तक सेवा देने के प्रावधान को कड़ाई से लागू करवाता, जो इसे नहीं मानता उससे रूपये १ करोड़ की रिकवरी करवाता, जो नहीं देता उसकी डिग्री को रद्द करवा देता 
    ६. राज्य में जिस जगह पर सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं वहाँ पर दूसरों अस्पतालों को खत्म कर उनके स्टाफ को जरुरत की जगह पर तैनात करता 

    ७. राज्य का अपना क्लिनिकल एंड नर्सिंग होम एस्टेब्लिशमेंट एक्ट तैयार करवाता जिसमें निजी क्षेत्र में चिकित्सा संस्थान खोले जाने के मानकों का समावेश होता तथा एक निश्चित फीस चुकाने के बाद ही राज्य में निजी चिकित्सा संस्थान खोले जाने की इजाजत दी जाती तथा उसके मानक अनुसार न चलने वाले निजी क्लीनिकों को तुरंत प्रभाव से बंद करवाता तथा जो सुविधाएँ सरकारी अस्पतालों में उपलब्ध नहीं है, और निजी क्षेत्र के अस्पताल में उपलब्ध हैं, सरकारी अस्पताल से मरीज को रेफर किये जाने पर उसके निशुल्क इलाज करने के प्रावधान को कड़ाई से लागू करवाता, ऐसा ना करने वाले अस्पताल को तुरंत प्रभाव से बंद किये जाने के प्रावधान भी एक्ट में निहित करवाता 

    ८. राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में डॉक्टरों एवं कम्पाउन्डर की नियुक्ति हेतु अखिल भारतीय स्तर पर विज्ञापन प्रसारित करवाता तथा पहाड़ी क्षेत्र में स्थायी नौकरी करने का विकल्प चुनने वालों अभ्यर्थियों को वेतन के अतिरिक्त प्रतिमाह एक अलग पैकेज दिए जाने की व्यवस्था करवाता 

    ९. वर्षों से एक ही स्थान पर जमें डॉक्टरों को दूर दराज के इलाकों में पद स्थापित करता, स्थानान्तरण के बाद पदभार गृह ना करने वाले डॉक्टर का तुरंत निलम्बन जारी करता 

    १०. निजी क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षण का कार्य करने वाले संस्थान मानकों को पूरा नहीं कर रहें हैं और वे निरंतर कोर्स चला रहें हैं उनकी मान्यता रद्द करने को तुरंत प्रभाव से आदेश जारी करता 

    ११. राज्य में मेडिकल कॉलेज के स्थापना सीमान्त क्षेत्र के जिलों यथा चमोली, पिथोरागढ़ तथा उत्तरकाशी में करवाता न कि सुविधाजनक स्थानों पर 

    १२. विभाग से उन प्रसासनिक अधिकारियों की छुट्टी करवाता जिनको प्रदेश की भोगोलिक स्थिति और सामाजिक परिवेश का ज्ञान नहीं है और वे वर्षों से विभाग में जमें पड़े है 

    स्वास्थ विभाग को और अधिक मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों और स्थानीय ग्राम प्रधानों के प्रतिनिधित्व की जिला स्तर पर एक संयुक्त टीम का गठन करवाता जो उपलब्ध संसाधनों पर नजर तो रखेगी ही, साथ ही साथ भविष्य की योजनाओं को कार्यरूप देने के लिये सुझाव भी सीधे मंत्री को देती, और मंत्री द्वारा त्रेमासिक रूप से इनसे मिलकर समस्याओं को सुना जाता और उनका समाधान भी यदि संभव हो तो तुरन्त किया जाता !

    अब भैजी ग्याडू ने अपनी कार्य योजना दे दी, अब इसे स्वास्थ मंत्री को बताना-सुनाना राज्य की जनता का काम है, ना सुने तो तो कैसे सुनाना है आप बेहतर जानते हो.... ये तो निश्चित है कि अगर इस कार्य योजना को सरकार लागू करे तो एक दस रूपये का इंजेक्शन लगवाने एवं बीस रूपये का टेस्ट करवाने के लिए किसी ग्याडू को हजार रूपये खर्चने की जरुरत नहीं होगी !

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