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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Tuesday, January 20, 2015

जितना विस्तार है भूगोल धरती का उससे कहीं भी कमतर नहीं हैं दुर्घटनाओं का विस्तार बस सीमित हैं हमारी जानकारी नज़रें कुछ कमजोर हम अक्सर ख्यालों में करते हैं सैर और बिखराते हैं संवेदनाओं का प्रसाद


ऐसा नहीं है 
कि जो कुछ फिलिस्तीन में हो रहा है 
या इराक में 
या फिर दुनिया के किसी और कोने में घट रही 
दुर्घटनाएं नहीं घट रही हैं यहाँ 
मेरे देश में

जितना विस्तार है भूगोल धरती का 
उससे कहीं भी कमतर नहीं हैं दुर्घटनाओं का विस्तार 
बस सीमित हैं हमारी जानकारी 
नज़रें कुछ कमजोर 
हम अक्सर ख्यालों में करते हैं सैर 
और बिखराते हैं संवेदनाओं का प्रसाद

मैं अक्सर पहुँच जाता हूँ अफ्रीका महाद्वीप के देशों में 
वहां के जंगलों से गायब होते जानवरों की गिनती करने 
पहुँच जाता हूँ विशाल रेगिस्तानों में 
पहचानने की कोशिश करता हूँ आगुन्तकों के पैरों के निशान

फिर लौट कर पहुँच जाता हूँ 
विदर्भ के किसानों के बीच 
उनके खेतों में भी पाता हूँ ठीक वहीं पद चिह्न

चाहे छत्तीसगढ़ के जंगल हों 
या हों कालाहांडी का क्षेत्र 
या भूख , गरीबी और शोषण से प्रभावित दुनिया का कोई और हिस्सा हों 
आगुन्तक वही हैं 
उनके पद चिन्ह एक हैं 
हर जगह .

- नित्यानंद गायेन


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