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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, January 18, 2016

एक सवाल....क्या रोहित की आत्महत्या अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए सबक होगी??


Kumar Gaurav

एक सवाल....क्या रोहित की आत्महत्या अन्य सभी शैक्षणिक संस्थानों के लिए सबक होगी??

रोहित न तो पहला छात्र है और न ही अंतिम जिसने व्यवस्था से तंग आकर आत्महत्या की हो. पिछले कुछ वर्षों में ऐसे कई मामले आए हैं जिसमें छात्र ने आत्महत्या की या फिर प्रयास किया..इसके पीछे कई कारण है यदि हम उस छात्र के संघर्ष की ही बात कर लें तो जितने दिन व् माह वो संघर्ष कर रहा था तब सभी कहाँ थे..कई मामलों में देखने को आया है कि छात्रों को आर्थिक रूप से तोड़ा जाता है उसका बहिष्कार होता है और अंततः आत्महत्या जैसा रास्ता अपनाता है..जितने लोग आज उसके लिए खड़े हैं उतने लोगों ने पहले आवाज़ उठाई होती आर्थिक सहायता की होती तो रोहित जैसे कई छात्र इस स्थिति तक नहीं पहुंचते.......सवाल यही है कि हम किसी की आत्महत्या या ह्त्या के बाद ही इतने जागरूक क्यूँ होते हैं....

रोहित के दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए और उम्मीद करते हैं कि रोहित के माध्यम से बांकी शिक्षण संस्थान सबक लेंगे और इस तरह के अमानवीय, तानाशाही निर्णयों से बाज आएंगे अन्यथा फिर तैयार रहिए किसी अन्य शोक के लिए और बैनरों पर नाम बदलते रहिए..

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