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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, May 9, 2016

यादवपुर विश्वविद्यालय पर फिर बजरंगी धावा और विद्यार्थी परिषद सचिव ने के छात्रों के पांव काट लेने की धमकी दी क्योंकि संघ परिवार के बिना दीदी अब बेसहारा हैं सरकार बनाने के लिए,चलाने के लिए भाजपा का साथ जरुरी बंगाल में विधानसभा चुनाव में दीदी की सत्ता में वापसी होगी या नहीं,यह नतीजा 19 मई को आयेगा।लेकिन बिहार के बाद बंगाल में संघ परिवार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चाबंदी का आधार मजबूत हुआ है और यह हालात पर नजर रखते हुए संघ परिवार के सरदर्द का खास सबब है।इसीलिए उग्र हिंदुत्व का एजंडा बागी छत्रों के खिलाफ,विश्वविद्यालयों के खिलाफ। पूरे दक्षिण कोलकाता में भारी अराजकता पैदा करके संगपरिवार के तमाम संगठनों के रंग बिरंगे बजरंगियों ने यादवपुर विश्वविद्यालय पर फिर चढ़ाई करके केसरिया सुनामी जारी रखने की कवायद की है।पुलिस के तीन तीन बैरिकेड तोड़कर नवे चार नंबर गेट के समाने मानवबधन में संगठित छाकत्रकों शिक्षकों और कर्मचारिय़ों को सबक सिखाने के मूड में थे तो पुलिस ने अंतत- ऐसा होने नहीं दिया,गनीमत है। होता तो क्या होता ,कहना मुश्किल है।लेकिन संघ परिवार बंगाल में अब वाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों से सीधे

यादवपुर विश्वविद्यालय पर फिर बजरंगी धावा और विद्यार्थी परिषद सचिव ने के छात्रों के पांव काट लेने की धमकी दी
क्योंकि संघ परिवार के बिना दीदी अब बेसहारा हैं
सरकार बनाने के लिए,चलाने के लिए भाजपा का साथ जरुरी
बंगाल में विधानसभा चुनाव में दीदी की सत्ता में वापसी होगी या नहीं,यह नतीजा 19 मई को आयेगा।लेकिन बिहार के बाद बंगाल में संघ परिवार के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर पर मोर्चाबंदी का आधार मजबूत हुआ है और यह हालात पर नजर रखते हुए संघ परिवार के सरदर्द का खास सबब है।इसीलिए उग्र हिंदुत्व का एजंडा बागी छत्रों के खिलाफ,विश्वविद्यालयों के खिलाफ।
पूरे दक्षिण कोलकाता में भारी अराजकता पैदा करके संगपरिवार के तमाम संगठनों के रंग बिरंगे बजरंगियों ने यादवपुर विश्वविद्यालय पर फिर चढ़ाई करके केसरिया सुनामी जारी रखने की कवायद की है।पुलिस के तीन तीन बैरिकेड तोड़कर नवे चार नंबर गेट के समाने मानवबधन में संगठित छाकत्रकों शिक्षकों और कर्मचारिय़ों को सबक सिखाने के मूड में थे तो पुलिस ने अंतत- ऐसा होने नहीं दिया,गनीमत है।

होता तो क्या होता ,कहना मुश्किल है।लेकिन संघ परिवार बंगाल में अब वाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों से सीधे टकरानेके मूड में है।फिलहाल आज की टक्कर में संघ परिवार के एक नेता जख्मी हो गये।

गौरतलब है कि भाजपा नेता देवश्री चौैधरी आज भी जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं।जिन्होंने साफ कहा है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और विश्वविद्यालय की कोई आजादी नहीं है।यहीं नहीं,राष्ट्रद्रोही छात्राओं के साथ छेड़खानी भी जायज है।

एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
हस्तक्षेप
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के बंगाल इकाई के सचिव ने यादवपुर विश्वविद्यालय के छात्रों के पांव काट लेने की धमकी दी है और एबीपी आनंद ने  इस चढ़ाई के लाइव वीडियो जारी किये हैं।

विश्वविद्यालय में परीक्षा चल रही थीं और संघ परिवार की जवाबी रैसली के ऐलान के बाद उपकुलपति ने रैली के आयोजकों से अपील की थी कि वे परीक्षा के दौरान अराजकता की स्थिति पैदा न करें।बहरहला घोषित कार्यक्रम के मद्देनजर परीक्षाएं हुई लेकिन समय के फेरबदल के साथ।लेकिन देशभक्ति के झंडेवरदारों ने परीक्षा दे रहे छात्रों की कोई परवाह नहीं कि जबकि उनका मुख्य मुद्दा विस्विद्यालयों से देशद्रोहियों को निकालकर पठन पाठन का माहौल बनाना है।

पूरे दक्षिण कोलकाता में भारी अराजकता पैदा करके संघ परिवार के तमाम संगठनों के रंग बिरंगे बजरंगियों ने यादवपुर विश्वविद्यालय पर फिर चढ़ाई करके केसरिया सुनामी जारी रखने की कवायद की है।पुलिस के तीन तीन बैरिकेड तोड़कर नवे चार नंबर गेट के समाने मानवबधन में संगठित छाकत्रकों शिक्षकों और कर्मचारिय़ों को सबक सिखाने के मूड में थे तो पुलिस ने अंतत- ऐसा होने नहीं दिया,गनीमत है।

होता तो क्या होता ,कहना मुश्किल है।लेकिन संघ परिवार बंगाल में अब वाम धर्मनिरपेक्ष ताकतों से सीधे टकरानेके मूड में है।फिलहाल आज की टक्कर में संघ परिवार के एक नेता जख्मी हो गये।

गौरतलब है कि यादवपुर विश्वविद्यालय परिसर में शुक्रवार को एसएफआइ-डीवाईएफआइ व अभाविप के बीच हुई मारपीट से पूरा परिसर रणक्षेत्र में तब्दील हो गया था। दोनों ओर से इस मारपीट की घटना में दर्जनों  छात्र गंभीर रूप से घायल हो गये। वाम छात्र संगठन की ओर से दो छात्राओं के साथ दुष्कर्म का आराेप अभाविप पर लगाया गया है।गनीमत है कि आज इसकी पुनरावृत्ति नहीं हुई।

गौरतलब है कि भाजपा नेता देवश्री चौैधरी आज भी जुलूस का नेतृत्व कर रही थीं।जिन्होंने साफ कहा है कि केंद्र में भाजपा की सरकार है और विश्वविद्यालय की कोई आजादी नहीं है।यहीं नहीं,राष्ट्रद्रोही छात्राओं के साथ छेड़खानी भी जायज है।

मीडिया के मुताबिक छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सोमवार को गोलपार्क से जादवपुर आठ बी बस स्टैंड तक रैली निकाली। एबीवीपी का कहना है कि जादवपुर विश्वविद्यालय राष्ट्र विरोधी गतिविधियों का केंद्र बनता जा रहा है, इसी के विरोध में उन्होंने रैली निकाली।

हाथों में झंडे और पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हुए एबीवीपी कार्यकर्ताओं ने रैली निकाली। एबीवीपी के प्रदेश मंत्री सुबीर हल्दर ने बताया कि कुछ देशद्रोही वामपंथी छात्र संस्थान का माहौल बिगाड़ने में लगे हुए हैं। इन छात्रों ने यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर व अन्य आयोजक मंडली के सदस्यों पर हमला भी किया। इस घटना के प्रतिवाद में रैली निकाली गई।

गौरतलब है कि यूनिवर्सिटी में रुपा गांगुली और देवश्री चौधरी की अगुवाई में संघ परिवार धावे के विरोध में शनिवार को यूनिवर्सिटी के छात्रों द्वारा यूनिवर्सिटी से गोल पार्क तक जुलूस निकाला गया था। इसके बाद एबीवीपी की तरफ से सोमवार को रैली निकाली गई।

बता दें कि यूनिवर्सिटी में विवेक अग्निहोत्री की फिल्म 'बुद्धा इन ए ट्रैफिक जाम' की स्क्रीनिंग के दौरान हुए हंगामे के बाद से माहौल गरम बना हुआ है। शुक्रवार को मारपीट के बाद छात्र संगठनों के दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ मामला भी दर्ज कराया था। जादवपुर यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों से शांति व अनुशासन बनाये रखने की अपील की है।


उत्तर बांगाल में सत्तादल के सफाये के बावजूद दक्षिण बंगाल में मुसलमानों के वोट बैंक और धर्मोन्मादी ध्रूवीकरण की वजह से विपक्षी वोटों में केसरिया सेंध से दीदी हल्के या भारी बहुमत से वोॉों के प्रतिशत में एक दो फीसद अंतर पड़ जाने से जीत सकती है।लेकिन तब दीदी के लिए संघ परिवार के मुताबिक राजनीति करनी होगी और उनका भी एजंडा केसरिया होगा।

क्योंकि अपनी जीत तय करने के लिए उनने जिस तरह बंगाल के केसरियाकरण की मुहिम का अघोषित साथ दिया,उसके हिसाब से कमसकम दक्षिण बंगाल में केसरिया सुनामी अब भी जारी है।

पिछले लोकसभा चुनावों के हिसाब भाजपा को सत्रह फीसदवोट मिल गये तो कमसकम अठारह सीटें मिल सकती हैं और वैसे भी सत्ता पक्ष भाजपा को नौ सीटें मिलने का अंदाजा लगा रही है।

इस हालत में बहुमत के लिए जरुरी संख्या हासिल न होने की हालत में त्रिशंकु जनादेश की स्थिति में तृणमूल सरकार फिर बनने का रास्ता संघ परिवार का रास्ता है और दीदी सत्ता से बाहर होकर अपनी पार्टी में बिखराव का खतरा मोल नहीं ले सकती तो उनके लिए तब यही रास्ता बचता है।

यादवपुर विश्विद्यालय को पहले ही भाजपाई राज्यपाल ने अराजकता का अखाडा़ बता दिया और भाजपा  अध्यक्ष ने कुर्सी संभालते ही चुनाव से पहले यादवपुर विश्विद्यालय बंद करने की मुहिम छेड़ दी थी।मतदान का अंतिम चरण पूरा होते न होते वही मुहिम बेहद जोर शोर से फिर शुरु है।

बहाना फिल्म के प्रदर्शन का है,जिसकी आड़ में विद्यार्थी परिषद ने विऎश्वविद्यालय कैंपस में जमकर उधम मचाया और उनके साथ संघ परिवार के सभी संगठनों के सदस्य फिल्म स्टार रुपी गांगुली के नेतृत्व में बाकायदा अपने बाहुबल का प्रदर्शन किया।

नारे भी वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का लगा रहे थे और संघ परिवार के इस धावे को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सहिष्णुता का संकट बताने से परहेज नही कर रहे हैं बंगाल के बुद्धिजीवी और अखबार तो यह केसरियाकरण के बाबुलंद सबूत हैं।


राज्यपाल ने जवाब तलब किया तो उपकुलपति ने जबाव भी दे दिया लेकिन विश्वविद्यालय प्रशाशन ने बहिरागत विद्यार्थी परिषद के चार छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया तो ममता बनर्जी की पुलिस अभियुक्तों को अभीतक गिरफ्तार नहीं कर सकी।

इसके खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं यादवपुर के  छात्र।

इसीके जवाब ने संघ परिवार ने सारी ताकत झोंककर आज विद्यार्थी परिषद के जवाबी जुलूस के बहाने आज फिर यादवपुर विश्वविद्यालय पर धावा बोल दिया।हांकि इस जुलूस में छात्रों की संख्या न के बराबर थी और उम्रदराज संघ परिवार के रंगबिरेंग बजरंगी बड़ी संख्या में थे।

केंद्र में भाजपा की सरकार है तो यादवपुर और जेएनयू को कुचल देंगे,इस आक्रामक तेवर के साथ बजरंगियों ने जो यादवपुर पर चढ़ाई कर दी,इसका मकसद बंगाल में भी हिंदुत्व के आक्रामक एजंडा को आगे बढ़ाना है और खास बात है कि भारी संख्या में आम लोग और बुद्धिजीवी,वकील,डाक्टर,प्रोफेसर और फिल्म स्टार इस मुहिम के साथ हैं।जेएनयू में बागी छात्रों को सजा दिलाने के बाद बाकायदा भगवा और राष्ट्रीय झंडा के साथ यादवपुर औरजेएनयू के कम्युनिस्ट देशद्रोहियों को सजा दिलाने की मांग लेकर संघ परिवार ने कामयाब शक्ति प्रदर्शन किया।

इसी बीच यादवपुर विश्वविद्यालय (जेयू) के मामले पर माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने कहा कि विश्वविद्यालय में फिल्म की  स्क्रीनिंग  हो सकती है। फिल्म स्टार भी यहां आते हैं, लेकिन बाहर से आपराधिक तत्वों को बुला कर यहां गुंडागर्दी करवाना  यह लोकतंत्र पर हमला है. इसे बिलकुल नहीं सहा जा सकता।
ये बातें उन्होंने रविवार को मध्यमग्राम में पार्टी की ओर से आयोजित एक  कार्यक्रम में कहीं। उन्होंने बिना किसी का नाम लिए एबीवीपी के समर्थकों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि बाहरी तत्वों को बुला कर विश्वविद्यालय परिसर में गुंडागर्दी की जा रही है। साथ ही छात्रों को भयभीत करने की कोशिश की जा रही है।

मो सलीम तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि  यादवपुर में वे भी ऐसा कर चुुुके हैं।
एबीपी आनंद की खबर हैः

যাদবপুরের পড়ুয়াদের পা কাটার হুঁশিয়ারি এবিভিপি রাজ্য সম্পাদকের

যাদবপুরের পড়ুয়াদের পা কাটার হুঁশিয়ারি এবিভিপি রাজ্য সম্পাদকের
কলকাতা: পাল্টা পথে নেমে যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের পড়ুয়াদের পা কাটার হুঁশিয়ারি দিলেন আরএসএস-এর ছাত্র সংগঠন অখিল ভারতীয় বিদ্যার্থী পরিষদ বা এবিভিপি-র রাজ্য সম্পাদক সুবীর হালদার! বললেন, কমরেড শুনে রাখুন, যাদবপুরের বাইরে বেরোলে পা কেটে রেখে দেব!

যাদবপুরে সিনেমা প্রদর্শনী বিতর্কের পর পাল্টা সোমবার পথে নামে অখিল ভারতীয় বিদ্যার্থী পরিষদ। এদিন গোলপার্ক থেকে যাদবপুর পর্যন্ত মিছিল হয়। যোগ দেন বিজেপির নেতা কর্মীরাও। গলায় চড়া সুর। আর সেই মিছিলে স্লোগান উঠল 'মদ,গাঁজা চুর চুর, দেখিয়ে দিল যাদবপুর'। অনেকেই কটাক্ষের সুরে বলছেন, আরএসএসের ছাত্র সংগঠনের মিছিলে আজ যে স্লোগান শোনা গেল, ২০১৪ সালে তো এর আমদানি হয়েছিল তৃণমূলের হাত ধরে!
সোস্যাল নেটওয়ার্কিং সাইটে সেদিন যাদবপুরের ছাত্র আন্দোলনকে নেশাখোরদের আন্দোলন বলে চিহ্নিত করার ইঙ্গিত দিয়েছিলেন তৃণমূল সাংসদ অভিষেক বন্দ্যোপাধ্যায়। ফেসবুকে তৃণমূলনেত্রীর ভাইপো লিখেছিলেন 'মদ, গাঁজা, চরস বন্ধ, তাই কি প্রতিবাদের গন্ধ?'
অভিষেকের পথে হেঁটেই হোক 'কলরব'কে আক্রমণ করেছিলেন তৃণমূল ছাত্র পরিষদের তদানীন্তন রাজ্য সভাপতি শঙ্কুদেব পণ্ডা। অভিষেক-শঙ্কুরা সে দিন যা বলেছিলেন, তাৎপর্যপূর্ণভাবে এদিন সেটাই শোনা গেল আরএসএসের ছাত্র সংগঠনের কর্মীদের মুখে।
শুধু স্লোগানই নয়, এবিভিপির পোস্টার, ব্যানারেও ছিল আক্রমণের একই কৌশল। সেখানে জায়গা পেয়েছিল, 'মাওবাদ', 'চুমুবাদ' জাতীয় লেখা। মুখেও ছিল অশালীন আক্রমণ। বিজেপি নেত্রী দেবশ্রী চৌধুরী হুমকির সুরে বলেন, দেখি ওরা কত দূর এগোতে পারে।
মিছিল-কর্মসূচির আঁচ যাতে যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ে গিয়ে না পড়ে সে জন্য তৎপর ছিল পুলিশও। ক্যাম্পাসের প্রবেশপথে ছিল একাধিক ব্যারিকেড। যাদবপুর যেন যুদ্ধক্ষেত্রে পরিণত হয়ে ওঠে! প্রস্তুতি ছিল পড়ুয়াদের প্রতিরোধেরও। এবিভিপির মিছিল যখন যাদবপুর থানার দিকে এগিয়ে আসছিল, তখন প্ল্যাকার্ড হাতে ক্যাম্পাসের চার নম্বর গেটে জমায়েত করেন যাদবপুরের পড়ুয়ারা। তাতে সামিল হন অধ্যাপক, শিক্ষাকর্মীরাও।
ছাত্রছাত্রীদের আশঙ্কাই কিছুক্ষণের মধ্যেই সত্যি হয়। আচমকা যাদবপুর থানার পর যে ব্যারিকেড ছিল, সেটি ভাঙার চেষ্টা করে এবিভিপি। হাতে জাতীয় পতাকা! কিন্তু, এবিভিপির আন্দোলনের সঙ্গে জাতীয় পতাকার সম্পর্ক কী? তাহলে কি জাতীয়তাবাদী আবেগকে নিজেদের সংকীর্ণ রাজনৈতিক স্বার্থে ব্যবহার করতে চাইছে আরএসএস-এর ছাত্র সংগঠন? প্রশ্ন তোলেন যাদবপুরের পড়ুয়ারা।
এরমধ্যেই মিছিলকে সতর্ক করে পুলিশ। মিছিলকারীদের উদ্দেশ্যে মাইক হাতে পুলিশকে বলতে শোনা যায়, এটা বেআইনি জমায়েত। আপনারা ব্যারিকেড ভাঙবেন না। কিন্তু তারপরও ক্যাম্পাসের দিকে এগোনোর চেষ্টা থামায়নি এবিভিপি। পুলিশের সঙ্গে তাদের তুমুল ধস্তাধস্তি হয়।

बांग्ला टीवी चैनल 24 घंटा की रपट देखेंः

পাল্টা মিছিলে ব্যারিকেড টপকে এগোনোর চেষ্টা ABVP সমর্থকদের, ধাক্কাধাক্কিতে আহত RSS নেতা

পাল্টা মিছিলে ব্যারিকেড টপকে এগোনোর চেষ্টা ABVP সমর্থকদের, ধাক্কাধাক্কিতে আহত RSS নেতা
ওয়েব ডেস্ক: ছবি দেখানো ঘিরে ধুন্ধুমার। ছাত্রছাত্রীদের মুখোমুখি ABVP সমর্থকরা। ছাত্রছাত্রীদের মিছিল। সোমবার পাল্টা মিছিল করল ABVP। গোলপার্ক থেকে যাদবপুর এইট বি পর্যন্ত যাওয়ার লক্ষ্যে শুরু হল মিছিল, ঘড়ির কাঁটায় তখন চারটে দশ।

এবিভিপির ডাকে মিছিল হলেও পা মেলাতে দেখা গেল রাজ্য বিজেপির একাধিক নেতানেত্রীকে। ছিলেন চলচ্চিত্র জগতের কলকুশলীরাও। গোলপার্ক থেকে যাদবপুর থানা পর্যন্ত মিছিল এল বিনা বাধায়। ততক্ষণে যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়কে নিরাপত্তার বেষ্টনী মুড়ে ফেলেছে পুলিস। যাদবপুর থানার সামনে প্রথম বাধার মুখে পড়ল মিছিল। বিশ্ববিদ্যালয়ের দিকে যেতে যাওয়া মিছিল আটকে দিল পুলিস। শুরু হয়ে গেল দুতরফের ধস্তাধস্তি।
ব্যারিকেড টপকে সামনে এগোনোর চেষ্টা করতে দেখা গেল বেশ কয়েকজন ABVP সমর্থককে। কড়া হাতে পরিস্থিতি সামাল দিল পুলিস। আন্দোলনকারীদের আটকাতে গিয়ে ধাক্কাধাক্কিতে আহত হলেন আরএসএস নেতাও। বাধা পেয়ে থানার সামনেই অবস্থানে বসে পড়ল ABVP সমর্থকরা। আন্দোলনকারীদের দাবি, যাদবপুর বিশ্ববিদ্যালয়ের ঢুকতে দিতে হবে তাঁদের। না হলে আন্দোলন চালিয়ে যাবেন তাঁরা।
অন্যদিকে, বিশ্ববিদ্যালয়ের তিন নং গেটের সামনে তখন টান টান উত্তেজনা। ABVP সমর্থকদের পাল্টা স্লোগানিং শুরু করলেন বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রছাত্রীরাও। প্রায় আধঘণ্টা চলল দু তরফে স্নায়ুর লড়াই। একদিকে যখন অবস্থান চলছে, আরেকদিকে তখন পুলিসের সঙ্গে আলোচনায় ব্যস্ত বিজেপির রাজ্য নেতৃত্ব। শেষপর্যন্ত বরফ গলল। অবস্থান তুলে নেওয়ার কথা ঘোষণা করল ABVP। দুতরফেরই দাবি লক্ষ্যে তাঁরা সফল। স্বস্তির নিঃশ্বাস উপাচার্যের।

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