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Memories of Another day

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While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Tuesday, May 31, 2016

'हस्तक्षेप' के लिए कैंपस से लेकर सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आदि मुद्दों पर जरूर लिखेगें..


Rajneesh Kumar Ambedkar


"हस्तक्षेप" (जिसे हम वैकल्पिक मीडिया कह सकते हैं) के संपादक अमलेंदु उपाध्याय और पलास विस्वास जी गोरख पांडेय छात्रावास, म.गां.अं.हिं.वि., वर्धा आए। उनके साथ खाने पर तमाम सारे सामाजिक मुद्दों पर बातचीत हुई। उसके बाद में छात्रों से विस्तारित बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि देश के विकास का रास्ता छात्र-नौजवानों के द्वारा विश्वविद्यालयों से होकर जाता है। इसलिए छात्रों को हमेशा एक बेहतर समाज बनाने में अपना सहयोग करना चाहिए....आज बगैर अम्बेडकरवादियों को साथ में लिए हम भारत देश का समावेशी विकास नहीं कर सकते हैं। आज के समय में ज्वलंत प्रश्न जैसे आरक्षण (प्रतिनिधित्व) व सहभागिता और जाति के प्रश्नों पर बातचीत करना ही होगा। इसलिए छात्रों को समाज की सामाजिक समस्याओं पर लिखना चाहिए। इसके लिए 'हस्तक्षेप' जनता और सरकार तक आपकी आवाज को पहुँचाने का काम करेगा। हम सभी ने उनको अश्वासन दिया कि हम लोग 'हस्तक्षेप' के लिए कैंपस से लेकर सामाजिक, राजनीतिक, धार्मिक और सांस्कृतिक आदि मुद्दों पर जरूर लिखेगें.....इस अवसर को मुहिया कराने के लिए आभार-Sanjeev Majdoor Jha, Photo Click by Bhagwat Prasad sir ji.



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