Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, June 9, 2016

कितनी भी यातनाएं दे ले पुलिस हम अपना नियामगिरी पर्वत नहीं छोड़ेगे : डोंगरिया कोंध संघर्ष संवाद


कितनी भी यातनाएं दे ले पुलिस हम अपना नियामगिरी पर्वत नहीं छोड़ेगे : डोंगरिया कोंध

संघर्ष संवाद


ओड़ीशा के नियमगिरि पर्वत पर नियमगिरि सुरक्षा समिति के तत्वाधान में सात दिवसीय पदयात्रा का आयोजन किया गया। 29 मई से 5 जून 2016 तक चली इस पदयात्रा में आस-पास के सैकड़ों गांवों के डोंगरिया कोंध आदिवासियों ने भाग लिया। पदयात्रा में मौजूदा विकास की अवधारणा तथा उससे प्रभावित हो रहे डोंगरिया कोंध आदिवासियों तथा समुदाय के लोगों पर किया जा रहा पुलिसिया दमन के संदर्भ में बात-चीत की गई। पदयात्रा के अंतिम दिन 5 जून 2016 को लांजीगढ़ में वेदांता रिफाइनरी और पुलिसिया दमन के खिलाफ एक विशाल जन समावेश का आयोजन किया। ओड़ीशा के कालाहांडी और रायगढ़ जिले के नियमगिरि के विभिन्न गांवों से आए हजारों डोंगरिया कोंध आदिवासियों की उपस्थिति में प्रफुल्ला समन्तरे, मेधा पाटकर, संजय पारीख, अशोक चौधरी, लिंगराज आज़ाद, सत्या महार आदि ने भी अपनी बाते रखी;


नियामगिरी सुरक्षा समावेश के नाम से आयोजित इस क्रार्यक्रम के तहत लांजीगढ़ के एक जंगल में एकत्रित डोंगरिया जनजाति के लोगों ने, जिनमें से ज्यादातर युवा थे, बॉक्साइट से भरपूर नियामगिरी पर्वत को वेदांता कंपनी को बेचने की साजिश के खिलाफ पुरजोर आवाज उठाई। डोंगरिया कोंध जनजाति ने लगातार नाचते गाते हुए एक अनोखे तरीके से अपना विरोध प्रदर्शित किया।

सरकार द्वारा नियामगिरी पर्वत को वेंदाता कंपनी को बेच देने की साजिश रची जा रही है और इसका विरोध करने पर पुलिस हमें तरह-तरह से यातनाएं दे रही है। हमें माओवादियों के नाम पर और फर्जी मामलों में गिरफ्तार किया जा रहा है। किंतु हम अपना आंदोलन इसके बावजूद जारी रखेंगे।

--
Pl see my blogs;


Feel free -- and I request you -- to forward this newsletter to your lists and friends!

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...