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Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Thursday, July 4, 2013

उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जनपद में 5 जुलाई को इस समय कालीमठः घाटी में भारी वर्षा होने से जहां सरस्वती मंदिर ध्वस्थ हो गया वहीं काली मंदिर के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके साथ लक्ष्मीनाराण मंदिर व गोरी शंकर मंदिर से कटाव हो रहा है।

भगवान शिव के तांडव के बाद क्यों आक्रोशित हो रही है माॅं काली

-केदारनाथ के बाद अब कालीमठः प्रकृति के निशाने पर

-कहीं नंदादेवी राजजात रोकने से आक्रोशित तो नहीं है माॅं काली

उत्तराखण्ड के रूद्रप्रयाग जनपद में 5 जुलाई को इस समय कालीमठः घाटी में भारी वर्षा होने से जहां सरस्वती मंदिर ध्वस्थ हो गया वहीं काली मंदिर के अस्तित्व को भी खतरा उत्पन्न हो गया है। इसके साथ लक्ष्मीनाराण मंदिर व गोरी शंकर मंदिर से कटाव हो रहा है। 
इसी पखवाडे 16-17 जून को आये विनाशकारी अतिवृष्टि के कारण केदारनाथ सहित उत्तराखण्ड के कई जनपदों में हुए विनाशकारी तबाही से जहां हजारों लोगों के मारे जाने व लाखों लोगों के प्रभावित होने के सदमे ंसे अभी उत्तराखण्ड उबर भी नहीं पाया कि 5 जून से 7 जून तक उत्तराखण्ड में विनाशकारी वर्षा की आशंका के पहले ही दिन 5 जून को केदारनाथ के बाद अब रूद्रप्रयाग जनपद के ही कालीमठ घाटी में भारी वर्षा होने से लोग सहमें है। 
लोगों को समझ में नहीं आ रहा है कि यह पहले भगवान शंकर के पावन धाम केदानाथ में विनाशकारी त्रासदी हुई और अब एक उसी पखवाडे माॅं जगत जननी भगवती स्वरूपा माॅं काली के पावन धाम कालीमठःसहित पूरी कालीमठःघाटी में भारी वर्षा हो रही है। जिससे अनिष्ट की आशंका से लेाग सहमें हुए है। 
लोगों को समझ नहीं आ रहा है कि भगवान शिव व शक्ति क्यों क्रोधित हैं ? जबकि भगवान बदरीनाथ शांत हैं। अधिकांश लोगों का मानना यह भी है कि जैसे ही सरकार की शह पर बांध के लिए माॅं काली स्वरूपा माॅं धारीदेवी को डृबोने के लिए धारी देवी की मूर्ति को पुलिस प्रशासन के बल पर हटाने की धृष्ठता की गयी उसी रात 16 जून से भगवान शिव के पावन धाम केदारनाथ सहित पूरे प्रदेश में विनाशकारी त्रासदी ढाहने लगी। 
अब जैसे ही माॅं शक्ति स्वरूपा माॅं नन्दोदवी की राजजात को टालने की कोशिश करने की पहल सरकार ने की तो केदारनाथ के बाद अब कालीमठः में भी भारी वर्षा से लोग किसी अनिष्ट की आशंका से सहमें हुए है। 
जनआस्थाओ से वशीभूत लोग सरकार से किसी भी सूरत में श्री नंन्दादेवी राजजात यात्रा को रौकने की धृष्ठता न करने की सलाह दे रहे है। लोगों का मानना है कि जब दिन बार व चो सिंगा म्योन का जन्म हो जाता है तो उसके बाद राजजात का रोकना अनर्थकारी साबित होगा। यह प्रदेश के लिए अशुभकारी यानी दोष से दण्डित करने का प्रमुख कारण बनेगा। श्री नन्दा राजजात यात्रा सदियों से चलती रही इसमें नन्दा राजजात समिति व क्षेत्र की जनता का सहयोग ही काफी है। सरकार इस आयोजन से दूर रहे परन्तु वाधा खडी न करे। देवभूमि के लोग सदियों से जानते हैं कि देवी देवता, नरसिंह, भैरव जब समय पर अपने भक्त द्वारा पूजा नहीं की जाती तो वे इसी प्रकार के तमाम त्रासदियों से अपनी नाखुशी का परिचय देते है। इसी लिए लोग नंदादेवी राजजात अब रोके जाने को उचित नहीं मान रहे हैं। जनता का साफ मानना है कि सरकार किसी भी सूरत में जनास्थाओं से खिलवाड नहीं करना चाहिए। भगवान उत्तराखण्ड को इस त्रासदी से बचाये और जो भी सत्तामद में चूर हो कर देवभूमि को तबाही के गर्त में धकेल रहे हैं उनको हर हाल में दण्डित करे। आम जनता इन दुष्टा को हर हाल में सत्ता से बाहर करने के लिए तत्पर रहे।
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