तृणमूल सांसद सोमेन मित्र और उनकी विधायक पत्नी अरसे बाद अपनी परिवर्तन यात्रा को विराम देकर घर वापसी की तैयारी में!
एक्सकैलिबर स्टीवेंस विश्वास
सोमेन मित्र की विधायक पत्नी शिखा मित्र पहले ही अपने बागी तेवर के लिए प्रसिद्ध हो चुकी है। तृणमूल सुप्रीमो के सीबीआई विरोधी जिहाद से बेपरवाह सांसद सोमेन मित्र रात दिन फिरभी सीबीआई महामंत्र का जाप कर रहे हैं।अब खास खबर यह है कि तृणमूल सांसद सोमेन मित्र और उनकी विधायक पत्नी अरसे बाद अपनी परिवर्तन यात्रा को विराम देकर घर वापसी की तैयारी में हैं।
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और तृणमूल सांसद सोमेन मित्र के बीच दूरी बढ़ती जा रही है।ऐसे में राजनीति में प्रासंगिक बने रहने के लिए उनके कांग्रेस में लौटने के सिवाय कोई चारा नहीं है। पार्टी संगठन पर पकड़ के अतीत रिकार्ड के मुताबिक कांग्रेस को भी उनकी वापसी से भारी फायदा हो सकता है।पंचायत चुनाव करीब है, इसलिए अभी यह कहना मुश्किल है कि कांग्रेस सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस को कितना नुकसान पहुंचा सकेगी। अभी कांग्रेस के नेता इस पर भी कुछ नहीं बोल रहे हैं कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ उसके संघर्ष के पीछे वामदलों को फायदा पहुंचाने का मकसद तो नहीं छिपा है। राज्य में कांग्रेस तीसरे नम्बर का दल है इसलिए यह स्वाभाविक है कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ माहौल बनाने का सीधा फायदा माकपा को ही पहुंचेगा।सोमेन मित्र अगर दुबारा कांग्रेस में शामिल हो गये तो पार्टी को इस छवि से जरुर मुक्ति मिल सकती है।
असली पेंच लेकिन दल बदलविरोधी कानून को लेकर है। जिस वजह से पार्टी का सार्वजनिक तौर पर लगातार विरोध करते रहने के बावजूद नाराज तृणमूल सांसद कबीर सुमन ने पार्टी नहीं छोड़ी है। सोमेन दा लोकसाभा कार्यकाल के एक साल की अवधि के बजाय आगे देखना पसंद करेंगे ,इसमें कोई संदेह नहीं है। लेकिन देखना यह है कि आगे का रास्ता बनाने के लिए वे अपनी पत्नी की विधायकी को तिलांजलि दे पाते हैं या नहीं।
चौरंगी की विधायक शिखा मित्र ने लेकिन तृममूल कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ लगातार हमला जारी रखा है। सोमवार को भी डा.विदानचंद्र राय की जयंती पर वे अपनी ही पार्टी पर जमकर बरसीं।मंच पर उस वक्त सोमेन मित्र भी हाजिर थे। पति पत्नी की इस अनुपम युगलबंदी से साफ जाहिर है कि किसी भी दिन अंतिम फैसला सुनाने के बहुत करीब हैं।
सोमेन मित्र ने साफ साफ बता भी दिया कि राजनीति में अंतिम नामक कोई चीज नहीं होती। उनने कहा, `मैं कांग्रेस में लौट ही सकता हूं!'
भविष्य में कांग्रेस की तऋणमूल विरोधी लड़ाई में सोमेन मित्र ही दल के असली सिपाहसालार बनकर उभर सकते हैं।
पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सरकार में कानून-व्यवस्था की स्थिति बदतर हो गई है। उन्होंने कहा कि महिला उत्पीड़न में पश्चिम बंगाल नम्बर एक पर पहुंच गया है और अब बंगाल में महिलाएं अपने को सुरक्षित नहीं समझतीं। कांग्रेस नेता ने कहा कि विकास के मामले में राज्य सरकार का प्रदर्शन एकदम शून्य चल रहा है।उन्होंने कहा कि इन सभी विषयों पर कांग्रेस सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ अपने संघर्ष को तेज करेगी। प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्य ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष कैसे किया जाएगा, इस पर बात करने के लिए ही महासचिव और प्रभारी सीपी जोशी ने पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है। उन्होंने बताया कि इस बैठक में जिला अध्यक्षों से रिपोर्ट ली जाएगी कि उनके यहां किन-किन मुद्दों पर तृणमूल सरकार को घेरा जा सकता है।
द्रमुक नेता एम.करुणानिधि से कांग्रेस ने रिश्ते सुधारने शुरू कर दिए हैं पर तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी के खिलाफ वह अपनी लड़ाई और तेज करेगी।महासचिव और पश्चिम बंगाल के प्रभारी डा. सीपी जोशी आठ जुलाई को इस बारे में पार्टी के नेताओं से बात करने के लिए कोलकाता आ रहे हैं।कोलकाता की इस बैठक में जिला अध्यक्ष भी बुलाए गए हैं। जिला अध्यक्षों को कहा जाने वाला है कि वे महिला उत्पीड़न पर ममता बनर्जी सरकार को अच्छे से घेरें। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर दबाव बढ़ाने के लिए महिला कार्यकर्ताओं को कहा जाएगा कि वे पुलिस थानों का घेराव करें।
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