Twitter

Follow palashbiswaskl on Twitter

Memories of Another day

Memories of Another day
While my Parents Pulin babu and Basanti devi were living

Monday, July 1, 2013

Himanshu Kumar हर शहरी को इत्तिला दी जाती है की अब मुल्क आज़ाद है और हम सब अब सभ्य हो चुके हैं इसलिए अब मेहनत करने वालों को गरीब रहना होगा और जो गद्दों और कुर्सियों में आराम से पसरे रहेंगे वो अब से सम्माननीय और अमीर होंगे

हर शहरी को इत्तिला दी जाती है की अब मुल्क आज़ाद है 
और हम सब अब सभ्य हो चुके हैं 
इसलिए अब मेहनत करने वालों को गरीब रहना होगा 
और जो गद्दों और कुर्सियों में आराम से पसरे रहेंगे 
वो अब से सम्माननीय और अमीर होंगे 

और इस नई आज़ादी का एक नियम ये भी होगा की 
मुल्क की ज़मीन पानी पहाड़ और जंगल पर 
सबका बराबर हक नहीं होगा 
जमीनों पर सिर्फ वही कब्ज़ा कर पायेंगे जिसकी तरफ सिपाही होंगे 

मुल्क में पैदा होने वाले हर गरीब बच्चे को रहने के लिए एक मकान का कोई हक नहीं होगा 
बल्कि कानून अब ये बनाया गया है की 
बड़े बंगले में रहने वाले साहब के हुक्म से 
गरीब बच्चे की झोंपड़ी सरकारी बुलडोज़र द्वारा गिरा दी जायेगी 

मुल्क के आम शहरी को ये भी इत्तिला दी जाती है 
की सरकार के मोटे सिपाही जब भी चाहे अपनी पसंद की किसी भी औरत को थाने के भीतर ले जाकर उसके जिस्म में पत्थर भरने का खेल खेल सकने के लिए आज़ाद होंगे 
और पुलिस के सिपाहियों के औरतों के जिस्म से खेलने के इस खेल के मामले में संसद और अदालत कोई भी दखलन्दाजी नहीं करेंगे 

इस तरह आज से मुल्क के सिपाही, आरामखोर सेठ, अदालतें और संसद आज़ाद घोषित किये जाते हैं 
और ये भी ऐलान किया जाता है की 
मोटे सेठों अदालत संसद और पुलिस वालों की 
इस आज़ादी पर जो भी शहरी सवाल उठाएगा 
उसे आज़ाद मुल्क का ये निजाम सरकश और मुल्क का गद्द्दार मानेगा 
और इस आज़ादी पर सवाल उठाने वाले वाले को उसकी हैसियत के मुताबिक 
उम्रकैद या सजाए मौत दी जायेगी 

इसलिए आज के बाद इस आज़ाद मुल्क के हर शहरी के लिए ये लाजिम होगा की वो 
संसद पुलिस और अदालत को हमेशा इज्ज़त की निगाह से देखे
और हमेशा अदब से अपना सर इनकी शान में झुकाए रखे 

आप सब को सरकार की तरफ से आजादी की बहुत बहुत बधाइयां .
Like ·  ·  · 54 minutes ago · 

No comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...