डॉलर का मुकाबला प्याजै कीमत बढ़ोतरी से भारतीय अर्थव्यवस्था खचपचाई
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चबोड़ , चखन्यौ , चचराट ::: भीष्म कुकरेती
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कुछ मैनौं से डौलरक मुकाबला भारतीय प्याजौ कीमत बढ़न से भारतीय अर्थव्यवस्था खचपछै गे। कॉंग्रेस उपाध्यक्ष राहुल बाबान नासिक दौरा पर बबाल करिक प्रधानमंत्री कु इस्तीफ़ा ईमेल से मांग। खबर च बल प्रधानमंत्री प्याज आयात का वास्ता अफगानिस्तान , कजिकस्तान , पता नि कै कै अस्तान का दौंरा पर छन धौं।
सब तै पता हूण चयेंद कि भारतीय प्याक आज इंडियन करेंसी च अर भारत मा प्याज की आवक -जावक से डौलर की कीमत उब -उंद हूंद। अच्काल प्याज मा उछाला से डौलर मा गिरावट क्या आयि कि भारतीय निर्यातकों की मौण खड्डा पुटुक बैठि गे। प्याज डौलर से अधिक ह्वे गे याने भारतीय माल की लागत बढ़ी गे अर यां से भारतीय निर्यात लुढ़क गे। फेसबुक मा एक फेक इंटरव्यू मा भूतपूर्व वित्तमंत्री चिदंबरम न आजौ वित्त मंत्री पर डौलर लुढ़काणो अभियोग लगाई अर तुरंत ईमेल से इस्तीफा की मांग कार। वित्तमंत्री ओनियन ग्रोइंग कंट्रीज असोसिएसन की बैठक मा भाग लीणो इटली जयां छन जख वित्तमंत्री इटली से हिमालयन क्षेत्रों का वास्ता प्याज बीज निर्यात पर इटली सरकार से बि बात कारल। वित्तमंत्री का बचाव मा टीवी चैनलों का विश्लेषक खुले आम चिदंबरम की खिल्ली उड़ाना छन। यूँ बेपेंदी का विश्लेषकों कु बुलण च बल डॉलर लुढ़कणौ पैथर चिदंबरम का हाथ च किलै कि यूपीए सरकारन जनवरी 2014 मा डॉलर का तौळ से अडसारो (आधारभूत आडु ) हटै दे छौ।
आरएसएस अपण मुख लुकाणो वास्ता नागपुर छोड़िक झारखंड का कै जंगळ मा अपण ऑफिस ली गेन । यूपीए सरकार का टैम पर जब डौलर की कीमत अळग गै अर भारतीय प्याज की कीमत तौळ गै तो संघ वळुन यीं घटना तै नेशनल शेम या राष्ट्रीय लज्जा नाम दे छौ और जगा जगा नकली डौलर जळै छया। लज्जा दिवस का दिन कथगा इ लज्जाजनक घटना ह्वे छै। आज प्याजै कीमत अळग च अर डौलर तौळ तो अब नेशनल प्राइड मा भयंकर उछाला ऐ गे किन्तु आयत - निर्यात घटण से दुसर किस्मौ नेसनल शेम शुरू ह्वे गे। जथगा बि विदेशी अर्थशास्त्री एजेंसी छन सब फिर से 'शेम फॉर इण्डिया , शेम फॉर इण्डिया , भारत तो डूब गया ' जन इकॉनॉमिकल जुल्म प्रयोग करणा छन। बिचारा भाजपाई प्रवक्ता शरम का मारा छुटि पर चलि गेन। जब कॉंग्रेस का राज मा विदेशी अर्थशास्त्रीय एजेंसी भारत का प्रतिकूल कुछ टिप्पणी लिख्दा छ तो भाजपाई प्रवक्ता तुरंत मनमोहन जी से इस्तीफा मांगदा छा। आज जब विदेशी एजेंसियां भारतीय आर्थिक स्थिति की थू थू करणा छन तो भाजपाई प्रवक्ताओं समज मा नी आणु कि मुक लुकाए जाय, मुक बंद करिक मूक रहे जाय या भाजपा छोड़िक यूपीए मा भर्ती हुए जाव।
हाँ भाजपाई प्रवक्ताओं का वास्ता एक सांस लीणो खबर , एक अर्धविरामी खबर याने अच्छी खबर या ह्वे कि भारतीय मीडिया वळुन इंदिरा मुखर्जी द्वारा शीना बोरा की हत्या तै नेसनल मर्डर , मुल्काक हत्या याने राष्ट्र हत्या घोषित कर दे अर पिछ्ला आठ दस दिन से टीवी अर अखबारों , साप्ताहिक पत्रिकाओं मा केवल अर केवल चौबीसों घंटा शीना मर्डर की छ्वीं , चर्चा , तहकीकात हूणि छन अर प्याज से प्रभावित , चीन से प्रभावित , भारतीय राजनीति से प्रभावित दुख्यरि अर्थ व्यवस्था की छ्वीं लगाण वळ क्वी नी बच्युं च तो भाजपाई वळु से क्वी बि भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल नी करणु च। भाजपा वळ भगवान से प्रार्थना करणा छन कि इनि क्वी हैंक हाइ प्रोफाइल मर्डर केस समिण ऐ जावो तो हमारा टीआरपी आधारित पत्रकार वै मर्डर का पैथर लग्यां रावन अर मूल भूत समस्याओं की बात कबि नि ह्वावो।
प्याज अब जनता तै इ नी रूलाणु च अपितु निर्यातकों अर आयातकों तै बि रूलाणु च। चीनन डौलर का मुकाबला अपण करेंसी की कीमत कम क्या कार कि मेक इन इण्डिया का सुपिन बि चकनाचूर हूण लग गे। अब भारत तै मेक इण्डिया की जगह अपण रुपया की कीमत घटाण पर ध्यान दीण पड़णु च।
भारतै जनता का समज मा नी आणु च कि जब भारतीय प्याज की कीमत डौलर का मुकाबला तौळ हूंद तो भी भारतीय अर्थव्यवस्था चरमरांदि अर जब प्याज की कीमत डौलर का मुकाबला अळग जांद तो भी भारतीय अर्थव्यवस्था डावांडोल हूंदी तो क्या करे जावो ? बिचारी जनता ? जब भारतीय पीचडी , डीएससी डिग्री धारी अर्थशास्त्री ही भारतीय अर्थसशास्त्र तै पिछ्ला अड़सठ साल से नि समजी सकिन तो जनता क्या ख़ाक समजलि ?
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