नई दिल्ली. दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन गूगल ने अपने उपभोक्ताओं को मेल भेजकर अपने सभी उत्पादों की प्राइवेसी सेटिंग में बड़े बदलाव करने की घोषणा कर दी है। इनमें जीमेल, यू-ट्यूब और गूगल सर्च भी शामिल हैं। नई प्राइवेसी सेटिंग 1 मार्च से लागू हो जाएंगी।
गूगल ने संदेश में कहा है, '1 मार्च, 2012 से नई गोपनीयता नीति और गूगल सेवा की शर्तें प्रभावी होंगी। ऐसा होने के बाद भी यदि आप गूगल का उपयोग जारी रखना चुनते हैं, तो ऐसा आप नई गोपनीयता नीति और सेवा की शर्तों के अधीन करेंगे।' गूगल के दुनियाभर में 35 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं।
गूगल ने अपने सभी जीमेल उपभोक्ताओं को भेजे मेल में कहा है, 'हम गूगल की 60 विभिन्न गोपनीयता नीतियों को छोड़ने वाले हैं और उन्हें एक ऐसी नीति से बदलने जा रहे हैं जो बहुत छोटी और पढ़ने में आसान है। हमारी नई नीति एकाधिक उत्पादों और फ़ीचर को कवर करती है, जो संपूर्ण गूगल में एक बहुत सरल और सहज अनुभव बनाने की हमारी इच्छा को दर्शाती है। यह सामग्री महत्वपूर्ण है इसलिए हमारी अपडेट की गई गूगल गोपनीयता नीति और सेवा की शर्तें अभी पढ़ने के लिए कुछ समय दें।'
कंपनी का कहना है कि इससे हमें उपयोगकर्ताओं की रुचि समझने में मदद मिलेगी। साथ ही उपयोगकर्ताओं को भी उनकी पसंद के विज्ञापन ही देखने को मिलेंगे। यदि कोई व्यक्ति जगुआर शब्द गूगल पर सर्च करता है तो कंपनी समझ सकेगी कि उसे कार देखनी है या जानवर। हालांकि उपभोक्ताओं के वकीलों ने नई प्राइवेसी सेटिंग पर विरोध जताया है।
उनका कहना है कि कोई भी उपभोक्ता कभी नहीं चाहता कि उससे संबंधित जानकारियां विभिन्न वेबसाइटों को दी जाएं। हर उपयोगकर्ता चाहता है कि वह इंटरनेट पर जो खोजे उसे वही मिले और उसकी निजता सुरक्षित रखी जाए। साइबर विशेषज्ञ जेम्स स्टेयर ने कहा कि गूगल को भले ही लगता है कि वह इस प्रयास के जरिए उपभोक्ताओं को बेहतर सुविधा दे पाएगी लेकिन यह नई प्राइवेसी सेंटिंग डराने और खीझ पैदा करने वाली है।
This Blog is all about Black Untouchables,Indigenous, Aboriginal People worldwide, Refugees, Persecuted nationalities, Minorities and golbal RESISTANCE. The style is autobiographical full of Experiences with Academic Indepth Investigation. It is all against Brahminical Zionist White Postmodern Galaxy MANUSMRITI APARTEID order, ILLUMINITY worldwide and HEGEMONIES Worldwide to ensure LIBERATION of our Peoeple Enslaved and Persecuted, Displaced and Kiled.
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