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Memories of Another day

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Monday, June 24, 2013

उत्तराखंड में भूस्खलन, बारिश से बचाव अभियान प्रभावित

उत्तराखंड में भूस्खलन, बारिश से बचाव अभियान प्रभावित

Monday, 24 June 2013 13:23

देहरादून। बाढ़ प्रभावित इस राज्य में अब भी 10 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम बचा है। बद्रीनाथ के क्षेत्रों में फंसे श्रद्धालुओं को निकालने के लिए सहस्त्रधारा हेलीपैड से अब तक एक भी हेलीकाप्टर उडान नहीं भर पाया है। चमोली और रूद्रप्रयाग जिलों के उच्च्ंचाई वाले इलाकों सहित कई स्थानों पर आज बारिश और भूस्खलन से उत्तराखंड में हेलीकाप्टरों द्वारा बचाव अभियान प्रभावित हुआ है। 
गुप्तकाशी और गोचर में भी यही स्थिति है जहां रूक रूककर हो रही बारिश और पूरे क्षेत्र में धुंध की समस्या बनी हुई है।
दिल्ली में गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि मलबा हटाये जाने के बाद बाढ़ प्रभावित उत्तराखंड में मरने वालों की संख्या एक हजार के आंकड़े को पार कर सकती है।
प्रभावित क्षेत्रों में हवाई बचाव अभियान की देखरेख कर रहे सेवानिवृत्त विंग कमांडर कैप्टन आरएस बराड़ ने पीटीआई से कहा कि बद्रीनाथ से करीब 5000 हजार लोगों को अभी निकालना बाकी है और वहां तथा पास के क्षेत्रों में फंसे तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए सहस्त्रधारा हैलीपैड से अब तक एक भी हेलीकाप्टर उडान नहीं भर पाया है।
उन्होंने कहा, ''मैं आज सुबह से खुद भी एक हेलीकाप्टर में बैठकर मौसम साफ होने का इंतजार कर रहा हूं ताकि हम अपना अभियान शुरू कर सकें।''
चमोली और पौड़ी जिलों से खबरें हैं कि उच्च्परी इलाकों में बारिश से हेलीकाप्टर अभियान पर बुरा असर पड़ा है। राज्य की राजधानी देहरादून में भी बारिश हुई है।
बद्रीनाथ राजमार्ग पर फिर से भूस्खलन से रास्ता बंद हो गया है।
खराब मौसम से हेलीकाप्टर अभियान प्रभावित होने के बीच राज्य सरकार के केदारनाथ घाटी में अंतिम खोजी अभियान चलाने की योजना में भी बाधा पहुंची है।
हालांकि आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि मौसम का आकलन करने के लिए वायुसेना का एक हेलीकाप्टर गोचर से बद्रीनाथ भेजा गया है जिससे बचाव अभियान फिर से शुरू करने की संभावना का पता चले। 
समन्वय प्रयासों के बारे में बात करते हुए एनडीएमए सदस्य वीके दुग्गल ने दिल्ली में कहा कि कुछ संचालन संबंधी मुद्दे थे और मैंने इनके बारे में संंबंधित अधिकारियों को बताया है।
रूद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक वीरेंद्रजीत सिंह ने कहा, ''जिले के कुछ भागों में सड़कें कमजोर हो गई हैं। इसलिए मैंने पर्यटकों को अपने रिश्तेदारों को खोज रहे अन्य लोगों को जल्द से जल्द रिषिकेश जाने का परामर्श जारी किया है।''

क्षेत्र में अचानक बाढ़ आने को लेकर बचाव प्रयासों के बारे में उन्होंने कहा कि करीब आठ हजार लोगों को बचाया गया है क्योंकि सभी पर्यटक पुलिस चौकी से घोषणा की जा रही है कि भारी बारिश होगी और पर्यटकों को यात्रा से बचना चाहिए।
सिंह ने कहा, ''इसलिए मुझे लगता है कि कई लोग नही जा पाये । मैंने अपनी चौकियों से पूरी रात अलर्ट रहने का कहा क्योंकि जलस्तर बढ़ रहा है। इसलिए वे घोषणा करते रहे।''
पुलिस अधिकारी ने कहा कि मुझे लगता है कि विभाग के सदस्यों ने बड़ा काम किया है और तभी हमने करीब सात . आठ हजार लोगों को बचाया, उन्हें सुरक्षित स्थलों पर ले जाया गया या सुरक्षित स्थलों पर जाने की सलाह दी गई।
केदारनाथ घाटी से कल सभी फंसे तीर्थयात्रियों को निकाल लिया गया था।
आपदा प्रबंधन मंत्री यशपाल आर्य ने कल केदारनाथ घाटी सहित प्रभावित क्षेत्रों में इस आपदा में कम से कम पांच हजार लोगों के मारे जाने की आशंका जताई थी।
इस बीच, हिमाचल प्रदेश के वर्षा प्रभावित किन्नौर जिले में बंजार शिविर में फंसे 14 अमेरिकी पर्यटकों को निकालकर रामपुर पहुंचाया गया है। 200 पर्यटकों और स्थानीय लोगों को हवाई मार्ग से बचाने का अभियान आज सुबह फिर से शुरू हुआ।
उत्तर प्रदेश में भी आज फिर से बारिश हुई जिससे गंगा, घाघरा और शारदा नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। (भाषा)

 

 

 

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