उत्तराखंड: खोए परिजनों का पता बताएगा मोबाइल

उत्तराखंड में बाढ़ और बारिश में सैकड़ों मोबाइल टावर खराब हो गए जिन्हें ठीक करने की कोशिश की जा रही है.
उत्तराखंड में तबाही के बाद फंसे लोगों की मदद के टेलिकॉम कंपनियां आगे आई हैं.
राज्य में बाढ़ के बाद से लापता लोगों को खोजने में उनके परिजनों की मदद के लिए बीएसएनएल ने मुफ्त सेवा शुरु की है. वहीं एयरसेल, एयरटेल और वोडाफ़ोन जैसी कंपनियों ने राहत कैंपों में फ्री कॉलिंग सेंटर बनाए हैं.
बीएसएनएल की तरफ से चलाई जा रही सेवा के तहत बाढ़ के बाद से राज्य में लापता या फंसे हुए लोगों के परिजनों के लिए नंबर (बीएसएनएल फ़ोन से) 1503 और (गैर-बीएसएनएल फ़ोन से) +919412024365 जारी किए है.
इन नंबरों पर डायल करके परिजनों को अपना नाम, नंबर और लापता व्यक्ति का मोबाइल नंबर बताना होगा. लापता व्यक्ति की आखिरी उपलब्ध लोकेशन एक मैसेज के जरिए जानकारी मांगने वाले उपभोक्ता को भेज दी जाएगी.
कुछ इसी तरह की सेवा एयरसेल ने भी शुरू की है. उत्तराखंड में बाढ के बाद लापता लोगों की खोज के लिए एयरसेल ने दो हेल्पलाइन नंबर जारी किए, जो हैं + 91 9716215000 और + 91 9716218000.
इन नंबरों पर भी कॉल करके परिजन अपने लापता या फंसे हुए करीबियों की आखिरी या मौजूदा लोकेशन का पता लगा सकते हैं. एयरसेल के ये नंबर देश के अन्य हिस्सों और विदेश से भी मिलाए जा सकते हैं.
राहत कैंपों से फ्री कॉलिंग
इससे पहले टेलिकॉम विभाग ने टेलिकॉम कंपनियों के नाम निर्देश में प्रभावित इलाकों में जन उपयोग की आपातकालीन नंबर जल्द शुरू करने को कहा था.

गूगल ने भी खोए लोगों को ढूंढने के लिए एक विशेष सेवा शुरू की है.
वोडाफ़ोन, एयरसेल और बीएसएनएल जैसी कंपनियों ने राहत कैंपों में फ्री कॉलिंग सेंटर स्थापित किए हैं, जहां से लोग अपने परिजनों को मुफ्त में फोन कर पाएंगे.
बारिश और बाढ़ के तबाह हुए राज्य में मोबाइल टावर पुनर्स्थापित किए जाने की कोशिश की जा रही है. बीएसएनएल ने कहा है कि अगले दो से तीन दिनों में वो बंद पड़े मोबाइल टावरों को फिर से चालू करने का कार्य पूरा कर लेगी.
उत्तराखंड के रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी, टिहरी और पिथोरागढ़ में फंसे करीब 95,000 लोगों को निकाला गया है, जबकि कई इलाकों में अभी भी लोग राहत के इंतज़ार में फंसे हुए है.
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http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/06/130625_uttarakhand_helpline_telecom_tb.shtml

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